Udaipur
राणावत परिवार के सभी लोग अब घर वापस आ गए थे, नताशा के गायब होने से ये सादी कैंसल हो गई थी, इसका दुख सबको था पर कोई था ,जो बहुत खुश था,
आरुष ये रिश्ता टूटने की वजह से बहुत खुश था, वो बोलता है –"आखिरकार ये सादी नहीं हुई ,मैं तो शॉक मैं था, भाई उस लड़की से सादी के लिए माने क्यूँ, मुझे तो वो लड़की बिल्कुल पसंद नहीं थी",
वंदना, आरुष के चपेट लगाते हुए बोलती है –"तू नहीं चाहता था भाई की सादी हो इसलिए ,तूने ही भगवान से धुआ मांगी होगी कि वो लड़की भाग जाए "
"हाँ दी आप सही कह रही हें, मैं तो कितनी एक्साइटेड थी भाई की सादी को लेकर, पर सब उल्टा हो गया" सोनू ने कहा
–"चुप कर छिपकली तू सादी के लिए नहीं, सादी मै मिलने वाले नेक के लिए एक्साइटेड थी,"
सोनू, आरुष का कान पकड़ के किछती है और कहती है,–" तू चुप करजा चिपडा कहीं का ,"
–"तू छिपकली वो जंगली" और ऐसे ही उन दोनों की महाभारत शुरू हो गई ये देख वंदना ने अपने सर पर हाथ रखा,और वो जोर से चिल्लाई
—"चुप अब तुम दोनों एम से कोई भी एक शब्द नहीं बोलेगा"
वंदना राणावत अर्जुन की छोटी बहन हैं। वो आरुष और सोनू से बड़ी है, सोनू राणावत परिवार की सबसे छोटी बेटी है और शक्ति सिंह के दूसरे बेटे यश सिंह राणावत की बेटी हैं,लेकिन आरुष और अर्जुन के लिए वो और वंदना एक बराबर थीं
थोड़ी देर में 5,5 porsche कार बंगले के बाहर आके रुकती हैं, और उनके रुकते ही बाकी गाड़ियों से बॉडीगार्ड निकल कर अपनी अपनी पोजीशन ले लेते हैं, तबी गेट के सामने रुकी कार का आंगे का गेट खुलता है ,और उसमें से रवि बाहर आता है , और फिर वो तुरंत पिचे का दरबाजा खोलकर अपना सर हल्के सा झुका देता है, और उसमें से अर्जुन बाहर आता है और घर के अंदर चल जाता है।
अर्जुन के अंदर आते ही जहाँ अभी घर का माहौल हसी मजाक का था ,अब वो शांत था ,किसी में भी अर्जुन के सामने खड़े होने की हिम्मत नहीं थी, अर्जुन आके अपने दादा जी के कमरे में चला जाता है|
Sharma house🏠
चाहत की आँख में आंसू थे ,क्यों कि उसकी माँ ने उसे थप्पड़ मारा था, बिना उसकी बात सुने,चाहत कहती है —"माँ आपने हमारी बात तक नहीं सुनी,"
—"क्यों सुनूं मैं ,आज तेरी वजह से तेरे पापा की आज कितनी बेज्जती हुई और तू वहाँ उस लड़के के साथ," चाहत की माँ ने कहा,
चाहत ने जब ये सुना कि उसकी माँ उसे किसी लड़के के साथ नाम ले रही थीं, तो उसे कुछ समझ नहीं आया, वो असमंजस से अपनी माँ को देख रही थी।
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जब चाहत घर नहीं आई तो सब बहुत परेशान थे, तबी उनके एक पड़ोसी ने बताया कि उन्होंने चाहत को दुल्हन के जोड़े में, एक आदमी के साथ देखा था | उसकी बात सुनके सबको लगा कि चाहत ने सादी करली और इसलिए उसकी माँ ने आज उसे थप्पड़ मारा था, चाहत ने जब ये सुना तो वो, एक नज़र अपनी माँ पर डालती है ,फिर घर के बाकी लोगों पर,
—"और आप लोगों ने ये बात सच मान ली कोई बहार वाला आके कुछ भी बोलेगा आप मान लोगे आपसे ये उम्मीद नहीं थी मुझे माँ, चाहत ने कहा,
—"सही कहा चाहत बेटा ,मेने तो कहा था हमारी चाहत ऐसा ,नहीं कर सकती पर मेरी किसी ने सुनी नहीं" चाहत के दादाजी ने सबकी तरफ़ देख, चाहत से कहा,
—"तो तुम कहाँ थी", उसकी माँ ने पूछा, "तुम्हें पता था ना आज तुम्हारी सगाई है"
उनके इस सबाल पर चाहत पहले तो कुछ सोचा फिर कहा
—"हमारा एक्सीडेंट हो गया था इ,सलिए हम टाइम पर नहीं आ पाए" सॉरी माँ,
जब घर वालों ने ये सुना कि चाहत का एक्सीडेंट हो गया था तो वो लोग हैरानी से रह गए ,और फिर चाहत के पापा भी जल्दी से भाग कर बाहर आए और अपनी बेटी को चेक करने लगे और बोले —" तुम ठीक तो हो ना बेटा ,कैसे एक्सीडेंट हुआ और कहीं जादा चोट तो नहीं आई चलो अभी डॉक्टर के पास चलते हैं। "
—"हम बिल्कुल ठीक हैं पापा बस छोटी सी चोट थी ,थोड़ा आराम करेंगे तो हम ठीक हो जाएंगे|"
—"ठीक है," प्रिया अपनी दीदी को अंदर ले जाओ, जो हुआ सो हुआ अब इस बारे में कोई बात नहीं करेगा अब,"स्वर्णिमा जी ने कहा,
और फिर चाहत, प्रिया के साथ अपने कमरे में चली गई, पर उसके चेहरे के भाव बहुत अलग थे, जैसे वो कोई बहुत बड़ी बात छुपा रही हो, हालाँकि उसने अपने घर में झूठ बोला था कि उसका एक्सीडेंट हुआ था, जबकी सच कुछ और था ,पर वो अपने परिवार को परेशान नहीं करना चाहती थी|
इदर सेहर से दूर, एक सुनसान एरिया में, एक साथ 4 काले रंग की कार रुकती हैं, बहार से कोई भी उन कार को देख अंदाज़ा नहीं लगा सकता है कि उस कार के अंदर कोन है, तबी एक मिनट के बाद उस पहली कार का दरबाजा खुलता h और उसमे से रवि बहार निकलता है, आस पास सिर्फ घाना जंगल था, रवि अनपी घड़ी में भक्त देखे हुए आस पास देखता है ,फिर बाकी सारी कार को देखकर बाहर आने का इशारा करता है ,फिर उनमें से 4,5 bodyguard निकलते हें, तबी रवि कार का पिचे का दरबाजा खोल कर खड़ा हो जाता है ,उसमें से अर्जुन डार्क ऑरा लिए बहार आता है, और रवि को कुछ इशारा करते हुए आंगे बड़ जाता है|
वहाँ एक घर था, बहार से दिकने मैं वो सिम्पल घर जैसा ही था ,मगर अंदर से वो एक जेल के जैसा था, उस घर के एक कमरे में अर्जुन एंटर करता है ,तो सामने एक लड़की कमरे के बीचो-बीच बंदी थी, उसके हाथ तो बंदे होने की वजह से ऊपर थे ,मगर सर दर्द और तकलीफ की वजह से झुका हुआ था, उसे देख कर साफ कहा जा सकता था कि, उसकी हालत खराब थी, ये लड़की कोई और नहीं नताशा थी, नताशा बजाज,
मिस्टर नीलेश बजाज की बेटी, जिसकी अर्जुन के साथ शादी थी,
चाहत अपने कमरे में, बिस्तर पर लेटी थी, मगर नींद मानो उससे कोशों दूर थी, वो किसी गहरी सोच में थी, जैसे ही वो सोने के लिए अपनी आँखें बंद करती है ,कुछ दुदली यादें उसकी आँखों के सामने आ जाती है, जिसमें एक लड़की मदद के लिए चिल्ला रही थी। और कुछ लोग उसके सामने खड़े हैं ,और बोल रही हैं —"प्लीज मुझे छोड़ दो मुझे जाने दो," तबी अचानक प्रिया,उसका का हाथ नींद में पकड़ लेती है, और चाहत की आँखें डर से खुल जाती हैं। और वो घबरा के उठ जाती है
उसको ऐसे घबराते देख प्रिया बोली—"दी क्या हुआ आपको ,आप ठीक तो हें, " प्रिया पूछती है।
—"कुछ नहीं प्रिया हम ठीक हैं,लगता है अपने कोई बुरा सपना देखा है," चाहत ने जवाव दिया
—"क्या दी, इस उमर में लड़की, हैंडसम लड़को के सपने देखती है ,और आप ये डरने वाले सपने देख रही हो, वैसे दी वो लड़का कोन था ,जिसके साथ आपके पड़ोस वाले बिट्टू अंकल ने देखा मुझे तो बताओ ना में आपकी बहन हूंँ, मुझे नहीं बताओगी तो किसे बताओगी, सबसे पहले ये बताओ हैंडसम तो था ना वो",
प्रिया की बात सुनकर चाहत उस पल के बारे में सोचती है जब वो अर्जुन की बाहों में थी, चाहत को वह पल याद आया जब उसकी और अर्जुन की नज़रें आपस मैं मिलीं थीं।
अर्जुन का चेहरा उसकी आँखों के सामने आजाता है, वो कुछ सोचते हुए प्रिया से बोलती है
—" हमें नहीं पता और अब तुम हमको परेशान मत करो चुप चाप सो जाओ" और वो दूसरी तरफ मुंह करके सो जाती है , लेकिन थोड़ी देर पहले जहां उसकी आँखों मैं डर था, वहीं अब उसकी आँखों मैं अर्जुन का चेहरा था, वो धीरे से बोलती है, —"हैंडसम तो था,मगर था कोन पता नहीं,"
कुछ सोचके वो खुद से बोलती है —"हम भी ना इस प्रिया की बात सुनके कुछ भी सोचते हैं" और फिर वो भी सो जाती है|
क्या सचमें नताशा का किडनैप हुआ था,किसने किया था, और कैसी होगी अर्जुन और चाहत की दुबारा मुलाकात?