आशी और राधिका दोनों एक्सीडेंट वाली जगह पर पहुंच जाते हैं... एसीपी उस जगह पहले से ही मौजूद थे...
उनके साथ उनके तीन चार कॉन्स्टेबल थे एसीपी अर्जुन आशि ओर राधिका की तरफ देखते हुए बोलते हैं देखो यहां पर मिली थी हमें वरुण की बॉडी...
वह दोनों इधर-उधर देखने लगती हैं तभी आशि की नजर वरुण की डेड बॉडी वाली जगह से थोड़ी दूर पर ही पड़े कैन पर जाती है... वो केन को जाकर पकड़ने वाली होती है तभी एसीपी उसे रोकते हैं...
रुकिए मिस आशी उस कैन को हाथ मत लगाना दरअसल अभी हमारी फॉरेंसिक टीम यहां आने वाली है वो सारी चीजों के फिंगरप्रिंट्स लेगी...
इसलिए किसी भी चीज को यहां हाथ मत लगाना आप लोग...
आशी एसीपी से कहती है सर यह कैन भरा हुआ है इसका मतलब वरुण नीचे नदी में जाकर इसमें पानी भरकर लाया था...
तो i think.....एक बार हमें नीचे नदी के पास जाकर देखना चाहिए....शायद वहां हमें कोई सुराग मिल जाए...
एसीपी बोलते हैं हां बात तो तुम ठीक कह रही हो चलो चलते हैं फिर सब लोग पुल के किनारे से नीचे नदी की तरफ उतरने लगते हैं नदी के किनारे पहुंचने पर ....
वो नदी का किनारा दिन के उजाले में भी बहुत ही डरावना लग रहा था... बिल्कुल शांत बहती हुई वो नदी अपने आप में ही बहुत अजीब सी थी...
ऐसा लग रहा था जैसे उसकी गहराइयों में बहुत से राज दबे हुए हैं... आसपास भी बिल्कुल वीराना था दूर-दूर तक कोई नहीं दिख रहा था आशी मन में सोचती है जब ये नदी दिन में इतनी सुनसान और डरावनी लग रही है रात में यह कैसी लगती होगी...
फिर वो सब इधर-उधर तलाशी लेने लगते हैं तभी एसीपी को सिगरेट का एक टुकड़ा दिखता है... वह उसे अपने रुमाल से उठाकर एक पॉलिथीन में डाल लेते हैं शायद वरुण यहां पर सिगरेट पीते हुए आया था और उसने ही ये सिगरेट पी कर यहां फेकी होगी...
आशी एसीपी से बोलती है सर ये देखिए ये जूतों के निशान आई थिंक यह वरुण के ही है....
उसने यहां से पानी भरा था एसीपी निशान को देखते हुए अपने कॉन्स्टेबल से बोलते हैं इन जूतों के निशान के प्रिंट्स ले लो...और वरुण की बॉडी से जो जूते मिले हैं उनसे इन्हें मैच करवाओ..
एसीपी इधर उधर देख रहे होते हैं तभी वो देखते हैं कि जूतों के निशान कुछ कदम आगे एक चट्टान तक गए हुए थे...
एसीपी जूते के निशान के पीछे पीछे जाते हैं वह निशान एक बड़े से पत्थर के पास जाकर खत्म हो गए...
एसीपी वहा आस पास कुछ तलाश कर रहे होते हैं तो आशी उनसे से पूछती है क्या खोज रहे हैं सर....
एसीपी बोलते हैं वरुण ने पानी तो वहां से भर लिया था फिर को इस चट्टान तक क्या करने आया था और अगर यहां पर वरुण ने किसी को देखा था या और अगर उसके आसपास था तो वरुण के सिवा किसी दूसरे के फुटप्रिंट्स यहां पर क्यों नहीं है...?? बस ये ही सोच रहा हूं
खैर जो भी है इन्वेस्टीगेशन में पता चल ही जाएगा चलिए ऊपर चलते हैं ये बोलकर सभी ऊपर रोड में आ जाते हैं
एसीपी एक बार फिर डेथ स्पोर्ट पर जाते हैं उनके पीछे-पीछे राधिका और आशी भी वहां पहुंच जाती हैं...
एसीपी गौर से उस जगह को देखते हुए बोलते हैं ये देखो आशी...
वरुण की बॉडी इस जगह पर थी जो कि रोड से ज्यादा दूरी पर नहीं है और जिस गाड़ी ने वरुण को टक्कर मारी थी वो भी कोई बड़ी गाड़ी नहीं थी...
आई मीन इतनी बड़ी गाड़ी नहीं है जिस की टक्कर से किसी की मौत हो सके... वरुण अगर गाड़ी की टक्कर से यहां गिरा भी था...
फिरभी इतनी तो उसकी हालत खराब नहीं हुई होगी शायद कि वो उठकर रोड में जा नहीं सकता था...
और वैसे भी इस रोड में हर थोडी देर में कोई ना कोई गाड़ी पार होती ही रहती है चाहे दिन हो या रात...
अगर वरुण चाहता तो रोड में जाकर किसी से हेल्प मांग सकता था...
लेकिन वो एक बार यहां पर गिरा तो दोबारा यहां से उठ ही नहीं पाया...
ये बात मेरे समझ में नहीं आ रही है और इतनी छोटी टक्कर से किसी की तुरंत डेथ कैसे हो सकती है...?
आशी बोलती है हो सकता है सर उसने ड्रिंक कर रखी होगी जिसके कारण वो बेहोश हो गया होगा...
नहीं नहीं हमने उसके सारे टेस्ट किए हैं उसने किसी भी तरह का कोई भी नशा नहीं किया था सिवाय सिगरेट पीने क
मामला कुछ और ही है जो हमें दिख नहीं रहा है..
वैसे अब आप दोनों को यहां से निकलना चाहिए क्योंकि शाम हो रही है थोड़ी देर में हमारी फॉरेंसिक टीम भी पहुंच ने वाली है जैसे ही वो आकर फिंगरप्रिंट्स और फुटप्रिंट्स ले लेंगे हम भी यहां से निकल जाएंगे अब आप लोग आराम से घर जाइए...
एसीपी की बात सुनकर आशी और राधिका बोलते हैं जी सर हम निकलते हैं...
यह बोलकर दोनों आकर अपनी कार में बैठ जाते हैं राधिका जैसे ही गाड़ी ऑन करने बैग में चाबी ढूंढती है तो उसे गाड़ी की चाबी नहीं मिलती वह इधर-उधर देखती है लेकिन चाबी कहीं पर भी नहीं मिलती...
राधिका बोलती है अरे यार यह चाबी मैंने कहा रख दिया पता नहीं मिल ही नहीं रही है...
आशी बोलती है जब हम निचे नदी की तरफ जा रहें थे तब तो चाबी तेरे हाथ में थी मैने दिखा था...
कहीं तूने नीचे नदी के आसपास तो चाबी नहीं गिरा दी...??
हां शायद मैंने नीचे चाबी छोड़ दी उस चट्टान के पास..
आशी बोलती है तू बैठ मैं लेकर आती हूं ये बोलकर आशि गाड़ी से उतर के सीधे नीचे नदी की तरफ चल पड़ती है..
वो नदी के किनारे पहुंचकर इधर-उधर चाबी ढूंढने लगती है तभी दूर उस चट्टान के पास उसे चाबी गिरी चाबी पड़ी हुई दिखाई देती है...
चाबी उठाकर जैसे ही वो जाने वाली होती है तभी उसे एक कपड़े का टुकड़ा वहां पर दिखाई पड़ता है..
आशी सोचती है अभी कुछ देर पहले जब हम यहां पर आए थे तब तो यहां पर ये कपड़े का टुकड़ा नहीं था...
फिर अभी अचानक ये टुकड़ा कहां से आ गया वो उस टुकड़े को हाथ में लेकर गौर से देखती है...
वो कपड़े का टुकड़ा दिखने में ऐसा लग रहा था जैसे किसी की शादी के जोड़े का फटा हुआ टुकड़ा हो...
आशी कुछ सोचकर उस कपड को अपने बैग में रख लेती है और चाबी लेकर ऊपर आ जाती है फिर राधिका और आशी वहां से निकल जाते हैं...
To be continued...
Hello doston apko ye chapter kesa laga please mujhe comments kar k zarur bataiyega 🙏🙏🙏