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Chapter 3 - Shart

Ch 3 - Shart

When Gayatri ji saw the door which was looking at them angrily, then Gayatri ji said Aryan what are you doing here, you should rest now. 

 You should go inside but Gayatri ji did not look at Aryan properly due to her love but Maria was looking at him carefully then she said to herself that it seems Aryan has reached the body refining level, she was very happy that on one hand he had become a martial artist and on the other hand he had also become fine  

Then the elder said, Princess, what do you think, you are a princess, then whatever you say will happen, so exactly after a month from today, there will be a competition between my sons Kartik and Aryan, if Aryan wins, then none of us will trouble the other elder, after that he looked at Aryan and said, are you okay with it, then Aryan was already going crazy with anger, he had only one mother in both his lives, these people had teased him, he went and stood right in front of the elder and looking into his eyes said, I am okay with it, but tell your son that he should not go back on his word, the elder was very angry with Aryan, but got a little scared seeing the fire in his eyes, he did not feel that he was only a 15 year old boy 

   Then Gayatri said this fight will not happen at all, your son is in the seventh level of body refining and Aryan has not even made a core, then how will he become one, you people are making fun of him, then the elder said Gayatri sister we did not put any pressure on your son, he himself wants to fight now, then who am I to stop him, then Aryan said mother I agree, then he said while looking at the elder said now you can go from here, the rest of the decision will be in front of the whole Jagir city, but there will be one change in it, if I lose then I will go quietly with my mother, if you people lose then you will have to leave the Raijada family, hearing this from Aryan, the elder got scared and said how can this happen, I am the elder of the Raijada family, then Aryan said the elder is my mother and as far as the condition is concerned, do not forget that I had kept this condition myself, if the condition applies to me then it will apply to you too or do you want to show by going back that the elder of the Raijada family has taken a one-sided decision or did Aryan hide the decision from the elder like this He was trapped in the fact that he could not say anything except that he is here now, at this time it seemed right to him to say he is there, he could think later, he said yes, and was about to leave from there when Aryan said wait a little elder, what's the hurry, then he took out a paper and said to Gayatri ji, you put one drop of your blood in it, she understood what Aryan wanted to do. 

 He put a drop of his blood on the paper from which white substance started oozing out. Then he said to the elder old man, elder old man, now you are free; today you should drop an essence of your life on the Jeevan Essence contract and confirm this condition. Seeing his action, the elder old man said, what do you think, I will go back on my word. Every person standing here knows that I am a man of my word. By taking this contract, you want to tell everyone that the elder of the Raizada family goes back on his word. You want to defame me as well as the entire Raizada family. 

     

      तभी आर्यन थोड़ा तेज लेकिन कड़क आवाज में बोलै की मैंने तो ऐसा कुछ नहीं कहा जो भी कहा अपने ही कहा मै तो सिर्फ आपके सरत को पक्का करना चाहता हु अगर आप अपनी बात से अभी भी मुकर रहे है तो मई क्या कर सकता हु वो बेखौफ बोल रहा था क्यूंकि वो जनता था की उसकी माँ के सामने कोई भी कुछ नहीं कर सकता इसी लिए उसने इतनी हिम्मत किया था  

    तभी बोला बड़े बुजुर्ग क्या आप अपनी ही बात से मुकरना चाहते है ये तो बहुत ही शर्म की बात है तभी मारिया बोली बड़े बुजुर्ग मैं आज की साडी बात जाकर अपने पिता से बताउंगी की किस तरह अपने आकर एंटी को परेशान किया फिर उनके ऊपर शर्त रखा और जब वे मान गए तो आप अपनी ही बात से मुकर गए हमरे परिवार बड़े बुजुर्ग का अपनी बात से हटना सही नहीं है अब यातो आप अपना पद छोर दे या ये शर्त मंजूर करे क्यूंकि ये शर्त लगाया भी अपने है आर्यन ने जब मारिया के तरफ देखा तो वह बस देखता रह गया उसने यहाँ आने के बाद पहली बार इतनी खूबसूरत लड़की देखा था गुस्से में वह और भी खूबसूरत लग रही थी उसे पहले ही पुराने आर्यन के मेमोरीज से पता चल गया था की ये मारिया है आर्यन की एकलौती दोस्त   

   तभी उसके कानो में बड़े बुजुर्ग का गुस्से की आवाज आई और वो गुस्से में बोले लड़की तुझे समझ में आ रहा है तुम क्या बोल रही हक तभी उन्होंने अपनी मार्शल मास्टर के लास्ट स्टेज का औरा रिलीज़ कर दिया और वह उससे मारिया को दबने लगी तभी उसको अपने ऊपर एक दबाव महसूस हुवा वह अपने पैरो पे खड़ा भी नहीं हो पा रहा था वह सीधे घुटनो पर आ गया इस वक़्त गायत्री जी का गुस्सा बेकाबू हो गया था जिसके वजह से पूरा रायजादा मेंशन बर्फ में हमने लगा सरे लोगो ठण्ड के मारे काँप रहे थे तभी वो गुस्से में बोली तुम्हे बहुत शौक है न दूसरो पे अपनी ताक़त दिखने की तो दिखाओ अब आर्यन ये सब देखकर बहुत हैरान था उसे अब समझ में आया की एक मार्शल बुजुर्ग की ताक़त क्या होती है पर उसे अपनी माँ पर गर्व हो रहा था और इधर बड़े बुजुर्ग की हालत ख़राब हो गया था उसकी इज्जत पुरे पुरे परिवार के सामने गिर गया था उसे गायत्री पर बहुत गुस्सा आ रहा था उसने खुद से वादा किया की गायत्री तुम्हे इससे १० गुणा ज्यादा भुगतना होगा इतना सोचकर वह कुछ बोलने ही वाला था की तभी उनकी कानो ek रोबदार आवाज आई उनके सामने एक ४५ साल का आदमी आया उसके चेहरे में एक तेज था उसके आते ही गयत्री जी ने अपने गुस्से को कंट्रोल किया जिससे उनका औरा कम हो गया अब जेक सके सांस में सांस आई तभी मारिया बोली पापा और दौड़कर जेक उनके गले लग गई ये आदमी कोई और नहीं रायजादा परिवार का कुलप्रमुख हेमंत रायजादा है 

   हेमंत जी मारिया का सर सहलाने लगे और बोले बीटा क्या हुवा है तो मारिया ने साडी बात उन्हें बता दिया जिसके वजह से हेमंत जी को भी गुस्सा आने लगा लेकिन उन्होंने किसी तरह अपना गुस्सा कंट्रोल किया और बड़े बुजुर्ग से बोले क्या ये सभी बात सच है तभी बड़े बुजुर्ग थोड़ा ही हिचकिचाते हुवे बोले जी. तो हेमंत जी बोले तो आप क्या चाहते है इस पद पे अभी रहना या अपने इस शर्त को मानना अब बड़े बुजुर्ग अपनी ही बात में फास गए थें लेकिन उन्हें याद आया की ज़्यान तो मार्शल आर्टिस्ट ही है तो क्या हुवा उन्होंने शर्त मन लिया जितना तो उन्हीं को है उन्होंने चुप चाप उस पेपर पर अपना एक बून्द खून गिराया जिससे एक रौशनी हुई और do हिस्सों में बट कर दोनों के पास चली गई कांटेक्ट पेपर लेकर वो सीधा वह से चला गया उसके जाते ही सभी लोगो ने खुलकर अभिवादन किया और वह से चले गए उनके जाने के बाद गायत्री जी बोली कुलप्रमुख आपका बहुत बहुत सुक्रिया 

    तभी वो वो अरे गयत्री जी आप हमरे छोटी बहन जैसी है अगर आप ऐसे बोलेंगी तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा 

तभी उनकी नज़र आर्यन पे गया जो आज बिलकुल बदला बदला सा लग रहा था तभी उसका ऐटिटूड उसका गुस्सा सब आजतक आर्यन ने किसी से ऊँची आवाज में बात तक नहीं किया और आज बड़े बुजुर्ग तक से लड़ गया वो बोले इससे अच्छा लड़का मेरी मारिया के लिए कोई नहीं होगा 

     तभी वो गायत्री जी से बोले आप दोनों जार मुझे आर्यन से अकेले में बात करनी है उसके बाद उन्होंने आर्यन को अपने पीछे आने को बोला आर्यन ने अपनी माँ 

की तरफ देखा वो उसको उनके साथ जाने को बोल रही थी तो वो भी उनके साथ चला गया 

 

 

 

 

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Ch 2 - Aryan ka pratigya