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Chapter 5 - Virtual world

Ch 5 - Virtual world

Gayatri ji acted like a cook to divert their attention but it made no difference to them.

 Then he said sternly, hey you both have just started, whatever you want to do, do it after the marriage, hearing this, both of them came to their senses, Maria suddenly got up from there and hurriedly ran away, at this time Aryan's condition was also not good, seeing his condition Gayatri ji started laughing, then she said, ok you said, you had come for some work, then she remembered that she had to go somewhere, then Aryan said, mummy, I am going out for some work, I will be back by evening. 

  Then Gayatri ji said, son, but you know that your life is in danger at this time, then Aryan said, mother, don't worry, nothing will happen to me, I will settle down and come back, mother, I will stick to the house for the time being, don't worry, as soon as I feel that there is danger, I will go myself. 

      

       Hearing this, Gayatri ji felt a little relieved and then she said, okay go but take care of yourself  

   Aryan said okay and then he left from there. First of all he went to the market and started looking for a weapon shop. Then he reached a shop. That shop belonged to the Raijada family. Then the shopkeeper's eyes fell on Aryan. 

He was wearing the dress of the Raijada family, then the shopkeeper said, "Sir, please tell me how can I serve you?" 

Then Aryan said, I want to see a weapon which is light to carry. 

    After listening to Aryan, the shopkeeper said that you come with me 

  Aryan went inside with them. After going inside, he saw that there were different kinds of swords lying there. Then his eyes fell on a sword which was a little old. He pointed towards that sword and said, I want this sword. Seeing his gesture, the shopkeeper said, "Sir, do you want this sword?" 

  तभी वो बोला दरअसल बात ये है की ये तलवार पुरानी है और इसमें तो जंघ भी लगा हुवा है ये तलवार आपके लिए सही नहीं है मैं आपको कोई और तलवार दिखता हु आर्यन बोला लेकिन मुझे यही तलवार चाहिए आप इसका डैम बताये आर्यन की ख़ुशी देखकर दुकानदार समझ गया था की उसे ये तलवार बहुत पसंद आया है इसी लिए उसने आर्यन से बोला मालिक इसका दाम चांदी के सिक्के है आर्यन उसकी बात सुनकर बोलै एक टूटी हुई पुराणी तलवार की कीमत को इतना बढ़ा के बोल रहे हो मैं इसका सर्फ 50 चांदी के सिक्के दूंगा देना है यो बोलो नहीं तो मैं जा रहा हु आर्यन की बात सुनकर दुकानदार बोला नहीं मैं इसे इतना काम दाम में nahi दे सकता तो आर्यन बोला मेरे पास बस 50 चाँदी के सिक्के है चाहिए तो बोलो नहीं तो मैं जा रहा हु इतना बोलके आर्यन वह से जाने लगा तभी दुकानदार ने उसे रोका क्यूंकि वो जनता था की कोई उस तलवार की 10 चांदी के सिक्के भी नहीं देगा वो तो आर्यन से और भी सिक्के निकलवाना चाहता था तभी वो आर्यन से बोला बस मैं आपके लिए 50 sikko में दे रहा हु कोई कोई और होता तो उसे 150 सिक्को से काम में नहीं देता uski ये बात सुनकर आर्यन आर्यन मुश्कुराने लगा वो सोच रहा tha की इस इसे अभी नहीं पता की वो कि जिस तलवार को इतना मामूली सोचकर बेच रहा है उसकी असली कीमत लखिनमे होगी बिधार आर्यन उसके बेवकूफी पे है रहा था और दुकानदार सोच रहा था की उसने आर्यन से तलवार बेचकर अच्छी खासी डैम में सस्ती तलवार को बीच दी खैर सबके अपने अपने इरादे थे आर्यन ने 50 चांदी के सिक्के दुकानदार को दिया फिर वह से निकल गया और वह जागीर सहर के लेफ्ट में बसे एक जांगले की तरफ चला गया इस जंगल को छायावन बोला जाता था इसमें कई खतरनाक जंगली जानवर भी थे जो की किसी मार्शल बुजुर्ग से काम नहीं थे इसी लिए जो भी जाता था एक मार्शल मास्टर के साथ जाता था वही आर्यन तो अकेले ही निकल गया उसे दर तो लग रहा था पर वह जनता था आगे बढ़ने के लिए उसे जाना होगा अभी वह जंगली कुछ ही अंदर गया था की उसके सामने एक लेवल २ की मकरी आ गई उसने जैसे ही आर्यन पे हमला किया आर्यन जल्दी से हैट गया तभी उसने अपना खंजर निकला और दौड़ते हुए जाकर जाकर पहले उसके आगे के दोनों पैरो को काट दिया फिर वह होर जोर से चीखने लगी इसी वक़्त आर्यन ने फुर्ती से अपने चाकू को मकरी के दोनों आँखों ने चुभा दिया जिसके वजह से वो मकरी मरी गई उसके मरते ही आर्यन ने मकरी के सर को फाड़कर उसका कोर निकल लिया फिर वह आगे बढ़ गया उसके आगे बढ़ते ही कई जानवरो ने उसपर हमला किया सुरु सुरु में आर्यन को थोड़ा दिक्कत तो हो रही थी लेकिन थोड़ी देर बाद वह लड़ने में माहिर हो गया उसने साम तक न जाने कितने लेवल 1 और 2 के जानवरो को मार के उसने लगभग 200 से ज्यादा कोर को कमा कर लिया था अब उसके बैग में कोई जगह नहीं बचा था वो सोच रहा था बाकि कोर को वह क्या करे तभी उससे ज़ारा बोली होस्ट आप चाहे तो मैं आपको एक वर्चुअल स्पेस दे सकती हु उसने in सभी के बारे में अपनी पिछली दुनिया में पढ़ा था जैसे जदुइ कंगन जादुई अंगूठी तभी उसने पूछा तुम कैसे मेरा स्टोर रूम से सकती हो तभी ज़ारा बोली होस्ट पाहे ही आपको एक वर्चुअल स्पेस दिया गया है और है ये बिलकुल आपकी दुनिया है आप जब चाहे जा सकते है आप वह पे कल्टिवेशन भी कर सकते है बहरी दुनिया की एक घंटा अंदर जे दुनिया एक दिन के बराबर हैँ उसकी ये बात सुनकर आर्यन को हैरानी के साथ साथ बहुत ख़ुशी भी हो रही थी क्यूंकि उसके बाद अब उसकी खुद की दुनिया थी जिसके वजह से वह 10 गुना तेजी से कल्टिवेशन कर सकता था 

 

 

 

 

Ch 4 - नजदीकियां