वनवास के बहुत दिन बीत गए थे जब माया एक चमकदार जंगल में खो गई। वह जंगल रहस्यमय था, जहां आध्यात्मिक शक्तियों और मायावियों का वास था। इस जंगल का राजा एक पुराने पेड़ के रूप में विकासित हो चुका था और उसकी रानी एक देवी के रूप में शक्तिशाली थी। इस जंगल के प्रत्येक कोने में ख़ूबसूरती और रहस्यमय सजावटें थीं।
माया बिलकुल अकेली थी, पर उसमें जंगल के साथ बातचीत करने की ख़बर थी। वह हर दिन जंगल की खूबसूरत देखभाल करती थी और जंगल के प्राकृतिक रहस्यों का पता लगाने की कोशिश करती थी।
एक दिन, जब वह खुशी से जंगल की सैर कर रही थी, तो उसे एक रहस्यमय गुफा दिखाई दी। गुफा के अंदर से आने वाली अनोखी सी रौनक उसे खींच ले गई। वह धीरे-धीरे गुफे के अंदर चली गई और वहां उसे एक सुंदर सा फूल मिला। फूल का सुरमई रंग और उसकी ख़ुशबू ने उसे मोह लिया।
माया ने वह फूल अपने साथ रख लिया और उसे अपने साथ वापस जंगल में लौटते हुए जाने का निर्णय किया। जैसे ही वह जंगल में वापस आई, एक चमत्कारी बदलाव हुआ। उसे एक सुंदर राजकुमारी बना दिया गया।
यह राजकुमारी वास्तविकता में माया की ही आत्मा थी, जो जंगल के राजा के वरदान से उदार हो गई थी। अब वह जंगल की राजकुमारी थी, जिसकी ख़ुशी जंगल की हर जीवित चीज़ के लिए थी। उसने जंगल में एक सबसे ख़ास मित्र मिला, जो उसके साथ हर पल ख़ुशी मनाता था।
वे दोनों एक-दूसरे के साथ जंगल के राजा और रानी के संग ख़ुशियों से भरा जीवन बिताने लगे। मगर फिर भी, एक बड़ा सवाल उनके दिल में उठता रहा - क्या वह वास्तविकता में एक राजकुमारी बनी है, या यह सब सिर्फ एक माया है? वह जानने के लिए वह और भी रहस्यमय सफ़र पर निकल पड़ी।