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Chapter 6 - अंश और अंशी की शादी

अंश गुस्से से कहता है , में भी देखता हूँ की तुम यह कैसे करती हो । तभी अचानक अंश का फोन बजता है अंश के फोन उठाते ही दूसरी तरफ से चिल्लाने की आवाज आती है , , , सर बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई है पता नहीं कैसे लेकिन अचानक आपकी बहन यहां से गायब हो गई है हमने उन्हें एंबुलेंस में डाला था शिफ्ट करने के लिए लेकिन जब हमने एंबुलेंस खोला तो उसमें आपकी बहन नहीं है यह सुनते ही अंश परेशान हो जाता है और अंशी को देखते हुए गुस्से में कहता है , ' ' ' कहां छुपाया है तुमने मेरी बहन को ।

तो अंशी हंसते हुए कहती है , , , अब पता चला जब अपनों पर मुसीबत आती है तो लोग कैसे तड़पते हैं और अब तो हम दोनों एक ही कसती में सवार है तुम्हें तुम्हारी बहन की सुरक्षा चाहिए और मुझे मेरे वंश के लोगों की और उसके लिए तुम्हें मुझसे शादी करनी होगी और वैसे भी तुम्हारा कोई भरोसा नहीं क्या पता बहन मिलते ही उसे यहां से ले जाओ ।

तो अब तुम्हें तुम्हारी बहन हमारी शादी के बाद ही मिलेगी तो दूल्हे जी तैयार रहिएगा , , मैं आपको एड्रेस भेज दूंगी और आप बारात लेकर आ जाना । इतना बोल कर अंशी वहां से चली जाती है और बाहर जाते वक्त अपने कुछ बॉडीगार्ड रॉय मेंशन के बाहर ही छोड़कर जाती है ताकि वह लोग अंश की रक्षा कर सकें ।

रॉय मेंशन से अंशी डायरेक्ट अपने घर जाती है और और घर पहुंचते ही वह सभी लोगों को लिविंग रूम में इकट्ठा होने के लिए कहती है , आप लोगों को यहां इकट्ठा करने का मेरा मकसद यह है कि , , , मुझे वह पंख के निशान वाला लड़का मिल गया है और मैंने उसे शादी के लिए मना लिया है । लेकिन इस दुनिया में हमें अपनी असली पहचान छुपाने के लिए शादी धूमधाम से करनी होगी लेकिन मैं यह नहीं चाहती इसीलिए मैंने फैसला लिया है कि कल ही मैं उससे शादी कर रही हूं और शादी के बाद यह चीज मीडिया के सामने लिक कर दी जाएगी की महेश्वरी ग्रुप ऑफ कंपनी की एकलौती वारिश ने बिना बताए शादी कर ली लेकिन मीडिया को हैंडल करना आपके हाथ में है । यह बात सुनते ही वह सभी लोग बहुत खुश हो जाते हैं और कहते हैं , , , ' ' ' यह तो बहुत अच्छी न्यूज़ है राजकुमारी अब हमारी शेरा वंश के ऊपर का श्राप हट जाएगा और उसके हटते ही आपके ऊपर आया श्राप भी खत्म हो जाएगा और हमारे दुनिया को नया रखवाला मिल जाएगा । और आप इस बात की टेंशन मत लीजिए कि मीडिया को किस तरह संभाला जाए यह सब चीजें हम देख लेंगे आप बस हमारे वंश की रक्षा में अपना ध्यान लगाइए । लेकिन राजकुमारी अगर आप कल शादी कर रही है तो आपको इस बात के लिए सावधान रहना होगा क्योंकि कल चंद्रग्रहण है और उस वक्त आप पर श्राप का असर ज्यादा दिखेगा तो आप इस चीज को कैसे हैंडल करेंगे । तो अंशी कहती है , , , उसके लिए आप परेशान मत होइए क्योंकि मुझे शादी उस काली गुफा के अंदर करनी है और वहां पर चंद्र ग्रहण का असर नहीं होगा । इसलिए आप जल्द से जल्द शादी की तैयारी शुरू कीजिए ।

अगली सुबह अंश जब अपने कमरे में सोया हुआ था तभी उसकी फोन पर एक मैसेज आता है फिर अंश उस मैसेज को चेक करता है और खुद से कहता है , , , इतनी सुबह शादी कौन करता है जो भी है अपनी बहन के वजह से जाना तो पड़ेगा इतना कहकर अंश बेड से उठता है और तैयार होने के लिए चला जाता है और जब अंश तैयार होकर लिविंग रूम में आता है तो देखता है अंशी वहीं सोफे पर बैठी उसका इंतजार कर रही है । तो अंश गुस्से में उससे कहता है , , , तुम फिर से मेरे घर में कैसे आ गई मुझे 5 मिनट के लिए भी अकेला नहीं छोड़ोगी ना तो अंशी उसे गुस्से से कहती है , , , तुम्हारे फोन में जो मैसेज आया था ना वह मैंने यहीं बैठ कर दिया भेजा था और मैं तब से यहां बैठकर तुम्हारा इंतजार कर रही हूं तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा टाइम लगाते हो तैयार होने में अब छोड़ो यह सब बातें और चलो मेरे साथ इतना कहकर अंशी सोफे से उठकर बाहर जाने लगती है और अपने कार में बैठ जाती है लेकिन अंश बाहर ही खड़ा उसे देखता रहता है । तो अंशी चिल्लाते हुए कहती है , , , गाड़ी में बैठोगे यह वह भी मैं खोल कर दूं अंशी के ऐसे चिल्लाने से अंश चुपचाप पीछे बैठने लगता है तो अंशी उसे चिल्लाते हुए कहती है , , , मैं तुम्हारी ड्राइवर नहीं हूं होने वाली बीवी चुपचाप मेरे बगल में आकर बैठा हूं तो अंश ना चाहते हुए भी अंशी के बगल में आकर बैठ जाता है और अंशी अपनी कार ड्राइव करना स्टार्ट करती है ड्राइविंग के दौरान अंश उससे कहते हैं , ' ' ' तुमने मुझे इतनी सुबह क्यों उठाया हमें तो बस शादी ही करनी थी वह तो हम कोर्ट मैरिज भी कर सकते थे तो अच्छी उसे घूरते हुए कहती है , , , यह तुम्हें जाने की जरूरत नहीं है आम इंसान हो आम इंसान के जैसा रहो और मैं जहां तुम्हें लेकर जा रही हूं चुपचाप वहा चलो ।

इसी तरह ड्राइविंग करते हुए शाम तक अंशी और अंश उस काली गुफा तक पहुंच गए जब अंशी अंश को उस काली गुफा में ले जाने लगी तो अंश डरते हुए उससे कहता हैं , , , मुझे लगा था कि हम शादी के मंडप में शादी करेंगे लेकिन तुम तो अपनी जैसा मुझे खतरनाक जगह पर ले आई और यहां तो शादी का माहौल भी नहीं लग रहा लग रहा है ऐसा लग रहा है की तुम मुझसे शादी नहीं मेरी बलि देने आई हो तो अंशी गुस्से में उसे कहते हैं , , , मेरे साथ इतना फ्रैंक होने की जरूरत नहीं है चुपचाप मेरे साथ अंदर चलो क्योंकि हमारी शादी यही होगी इतना कहकर अंशी अंश का हाथ पकड़ती है और उसे उस काली गुफा में ले जाने लगती है ।

वह काली गुफा देखने में और भी ज्यादा खतरनाक थी चलते हुए रास्ते में अलग-अलग प्रजाति के सांप बैठकर पहरा दे रहे थे ऐसा लग रहा था कि वह लोग सर झुकाए अपनी रानी का स्वागत कर रहे हैं लेकिन इन सब चीजों को देखकर अंश की पसीने छूट रहे थे वह डर से सांपों से बचते बचाते अंदर जाने की कोशिश कर रहा था कुछ समय बाद लगभग 1 घंटा चलने के बाद अंशी और अंश उस गुफा के बीच में पहुंचे हैं जहां चारों तरफ मसाले लगी हुई थी जिसकी मध्यम रोशनी से वह गुफा और भी डरावनी लग रही थी । तभी अंशी अंश को एक बड़े से अग्निकुंड के सामने बैठने को कहती है , , , और खुद भी उसके बगल में बैठ जाती है फिर उसका हाथ पकड़ती है और उसमें एक छोटा सा कट करती है जिसकी वजह से अंश चीखते हुए उसे कहता है , , , यह क्या कर रही हो तो अंशी उससे कहती है , , , अब यह जो खून तुम्हारे हाथों से आया है उससे तुम मेरी मांग भर दो उसके बाद हमारी शादी संपन्न हो जाएगी । तो अंश थोड़ा कंफ्यूज होते हुए कहता हैं , ' ' ' अगर मुझे यही करना था तो तुम यह काम मुझसे घर में भी तो करवा सकती थी बेकार में काली गुफा के अंदर लेकर आई मुझे तो अंशी गुस्से में कहती है , " बकवास मत करो और जो मैंने कहा है वह करो " । तो अंश अंशी के कहे अनुसार अपने खून से उसकी मांग भर देता है उसके ऐसा करते ही उस अग्निकुंड की ज्वाला शांत हो जाती है और अंश के सीने में बना पंख का निशान वाइट रोशनी के साथ चमकने लगता है जिसे देखकर थोड़ी देर के लिए घबरा जाता है और वहां से जाने की कोशिश करता है लेकिन अंशी उसे रोक देती है और उससे कहती है , , , डरो मत शांति से बस यहां बैठे रहो उसके इतना कहने से ही अंश शांत हो जाता है और वही बैठा रहता है तभी अंशी अपने हाथ को अंश के सीने पर रखती है और अपनी आंखें बंद करके कुछ मंत्र पड़ती है जिसकी वजह से अंशी के हाथ पर भी वैसा ही पंख का निशान बन जाता है और उसके बनते ही अंशी अपनी आंखें खोल लेती है और अंश से कहती है , देखो जो निशान अब तुम्हारे सीने पर था अब वह मेरे हाथों पर भी है और यह निशानी है हमारे शादी की और जिस दिन मैं तुम्हें आजाद करूंगी उस दिन मेरे हाथ से यह निशान भी हट जाएगा और उस दिन तुम आजाद हो जाओगे । अंशी की कही सारी बातें अंश ध्यान से सुन रहा था फिर वह अंशी से कहता है अब हमारी शादी हो गई तो अब हम यहां से चलते हैं । तो अंशी उससे कहती है नहीं आज की रात हम यही रहेंगे । अंशी की यह बात सुनकर अंश घबरा जाता है ।