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Chapter 7 - अंशी का दर्द

अंश घबराते हुए अंशी से कहता है , , , यह क्या कह रही हो हम लोग यहां क्यों रुकेंगे तो अंशी उसे कहती है , , , जो तुम्हारे दिमाग में चल रही है ना उसके लिए नहीं रुकेंगे बस यह समझ लो कि मैं अभी यहां से नहीं जा सकती बाहर इसलिए हम कल सुबह यहां से निकलेंगे तो अंश उसे गुस्से में कहता है , , , , तुम्हें रुकना है ना तुम रुको मैं जाता हूं यहां से क्योंकि मैं इस खतरनाक से जगह पर अब और नहीं रह सकता इतना कहकर हंस अपने जगह से उठ जाता है और उस गुफा से बाहर जाने लगता है तभी अंशी गुस्से से चिल्लाती है , , , , तुम्हें आदत हो गई है क्या कि जब तक मैं धमकी ना दूं तुम कोई भी काम नहीं करोगे और मेरी बात तो मानोगे ही नहीं इतना कहकर अंशी अपने पास रखा बंदूक अंश के ऊपर तान देती है तो अंश गुस्से से कहता है , , , , मुझे पता है कि तुम मुझे नहीं मार सकती इसलिए अपनी यह बंदूक अपने पास रखो और मैं तो यहां से जा रहा हूं इतना कहकर अंश वहां से निकलने लगता है । और अंशी को ना चाहते हुए भी अंश के पीछे चलना पड़ता है और जब वह लोग गुफा से बाहर निकलते हैं तो उस वक्त तकरीबन रात के 11:00 बज रहे थे और दोनों ही अपने कार के तरफ बढ़ रहे थे तभी अचानक अंशी को खतरे का अहसास होता है और वो अंश को चिल्लाते हुए कहती है , , , , अंश जल्दी से ध्यान से भागकर वापस गुफा में जाओ लेकिन अंश अंशी के बातों को इग्नोर करता है और गुस्से में उससे कहता है , , , अब फिर तुम नया ट्रिक यूज कर रही हो मुझे यहां रोकने के लिए लेकिन मेरी एक बात सुन लो मैं नहीं रुक रहा है यहां पर और तुम्हारे फालतू से नाटक में तो और नहीं फस लूंगा मैं इसलिए मैं तो यहां से जा रहा हूं अगर तुम्हें यहां रहना है तो तुम्हें तुम्हारा गुफा मुबारक हो । इतना कहकर अंश कार की तरफ बढ़ने लगता है तभी अचानक अंशी अंश का हाथ पकड़ कर उसे पीछे खींचती है और अंश के कार से दूर हटते ही उस कार में ब्लास्ट हो जाता है जिसे देखकर अंश डर जाता है अंशी गुस्से में उसे कहती है , , , , अब समझ में आया क्यों मैं तुम्हें कह रही थी कि वापस जाओ तुम्हें तो बड़ा शौक चढ़ रहा था घर जाऊंगा घर जाऊंगा तो जाओ घर लेकिन आज तुम घर नहीं पहुंचते सीधा स्वर्ग पहुंचते हैं । तभी अचानक कुछ भेड़िए उन दोनों पर हमला कर देते हैं अंशी चिल्लाते हुए अंश से कहती है , , , , अभी क्या यहा खड़े-खड़े मेरा मुंह देख रहे हो जल्दी जाओ गुफा के अंदर तभी अचानक अंशी शेर में बदल जाती है और उन सभी पर हमला करती हैं लेकिन वह लोग वहां से भागने लगते हैं तो अंशी एक शिकारी की तरह उनका पीछा करती है और जंगल के अंदर भागती है तभी अचानक से वह सारे भेड़िए कहीं गायब हो जाते हैं और अंशी उन्हें ढूंढने लगती है और यही सब होने के दौरान रात के 12:00 बज जाते हैं । और अंशी वापस से इंसान में बदल जाती है और तभी उसको याद आता है की उसके श्राप का असर उसके शरीर पर दिखने लगा है और उसका शरीर धीरे-धीरे लाल पड़ता जा रहा है जिसकी वजह से वह चीखती की है , अह्ह.... और उसके चीख की आवाज पूरे जंगल में गूंजने लगती है । तभी अचानक वो काले पोशाक वाला शख्स वहां जाता है और उसे दर्द में देखकर हंसने लगता है और फिर उससे कहते हैं लगता है इंसानों के बीच रहते रहते , तुम इंसान ही बनती जा रही है तभी तो उस लड़के के बेवकूफी के वजह से तुम अभी मेरे सामने इस हालत में पड़ी हो इतना कहकर वो अंशी के करीब जाता है । और अंशी से प्यार से कहता है , , , , इसलिए तो मैं कहता था राजकुमारी मुझसे कर लो शादी और मेरी दासी बनकर रहो मेरे साथ और हां तुम मेरा भरोसा कर सकती हो मैं तुम्हें इंसानों की तरह छोड़कर नहीं जाऊंगा और हमारा होने वाला बच्चा इस दुनिया पर राज करेगा । लेकिन एक तुम हो और एक तुम्हारा बाप दोनों मेरे काम के बीच आ रहे हैं तभी अंशी दर्द भरी आवाज में कहती है , , , , तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हारी दासी बनाऊंगी अंशी सिंह राजपूत लोगों की दासी बनती नहीं लोगों को अपना दास बनाती है कुछ सालों का इंतजार करो फिर तुम्हारी मौत को मैं अपने इसी हाथों से पालुँगी । तभी वह काले पोशाक वाला इंसान हंसने लगता है और उससे कहता है , , , , ' ' ' इतना घमंड " रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया " कोई बात नहीं अब वह भी चला जाएगा जब वह मरेगा । तभी अचानक अंश वहां पर आ जाता है और अंशी को उस हालत में देखकर उसके पास जाता है और उससे कहता है , , , यह तुम्हें क्या हुआ ? तभी अंशी उसे गुस्से में चिल्लाते हुए कहती है , , , तुम यहां क्यों आ गए मैंने तुझे कहा था ना कि गुफा के अंदर रहने के लिए , तो तुम्हें क्या जरूरत थी यहां आने की । तो अंश गुस्से से कहता है , , , मैंने तुम्हारी चीख की आवाज सुनी थी इसलिए मैं यहां आ गया वैसे मुझे तुम्हारी कोई फिक्र नहीं है । लेकिन तुम एक लड़की हो इसलिए मैं तुम्हारी मदद करने आ गया तो अंशी उसे चिल्लाते हुए कहती है , , , तुम्हें क्या मैं मामूली लड़की दिख रही हूं यह मेरी मदद करने आ गए , मैं अपनी मदद खुद कर सकती हूं मुझे तुम्हारी मदद की कोई जरूरत नहीं है तो तुम जाओ यहां से । तभी अचानक वह काले पोशाक वाला इंसान चिल्लाते हुए कहता हैं बस कितना लड़ते हो तुम दोनों , ' ' ' मेरा बस चले तो मैं तुम दोनों को यही मार दू लेकिन मैं अपनी जान को कैसे मार सकता इसके साथ तो मेरा भविष्य है मरना तो तुम्हें होगा इतना कहकर वो काले पोशाक वाला इंसान अंश का गला पकड़ लेता है । और उससे कहता है , , तुम ही मेरे मौत को लाने वाले हो ना और अब देखो मैं तुम्हारी मौत बनकर तुम्हारे सामने खड़ा हूं तुम्हारे मरते ही मैं अपनी जान को अपने साथ ले जाऊंगा उसकी यह सब बातें सुनकर अंश को बहुत गुस्सा आ रहा था और वह गुस्से से चिल्लाता है , , , " यह क्या जान , जान लगा रखा है बीवी है वह मेरी इसलिए अगली बार उसके लिए ऐसा वर्ड अपने मुंह से मत निकालना वरना मैं यही जान से मार दूंगा तुम्हें " और अंश रॉय खोखली धमकियां नहीं देता करके भी दिखा सकता है । अंशी अंश की यह सब बातें सुनकर शौक हो गई थी और फिर खुद से कहती हैं , , , , अभी कुछ घंटे पहले मुझसे शादी भी नहीं करना चाहता था और अभी मेरे लिए लड़ रहा है सच में पापा सही कहते हैं इंसानों को समझना मुमकिन नहीं नामुमकिन है पता नहीं किस वक्त क्या कर दे ।