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Grasshopper man

veergoswami308
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Synopsis
एक लड़के की कहानी एक्सीडेंट के बाद जिसकी जिंदगी बदल जाती है जो आम लड़के से एक grashopper यानी टिडडी जेसे गुड़ आ जाते है ।
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Chapter 1 - grasshopper man c.1

start

विवेक का लैव

विवेक एक साइनटिस्ट है जो कि हमेशा अपने experiment के लिये तारिफ पाता ऐसा ही आज हुआ है विवेक हमेशा experiment से जानवरों को वचाता है।

और आज विवेक ने experimen से एक 🐕कुत्ते का कैंसर खत्म कर दिया ।

रवी जो कि विवेक के सीनीयर हैं

कया बात है विवेक‌ कोई सोच भी नहीं सकता की एक घास के तिनके से तुमने 🐕कुत्ते का कैंसर खत्म कर दिया मुझे तुम पर

गर्व है तुम हमारी लैव🏢 कि सान हो ।

विवेक

thank you sir🙏 मे आज जो कुछ हूँ ये आपका दीया हुआ ग्यान है ।

रवी सर विवेक को गले लगा लेते है ओर उसके कन्धे पर हाथ रखते है ओर वहाँ से चले जाते है ।

वही लैव मे एक लड़की👩🏻 है जिसका नाम नेहा है वह विवेक कि गलफ्रेेनड है लेकिन कहते हैं कि कामयाब इंसान के दुश्मन अपने आप वन जाते है ऐसा ही कुछ विवेक के साथ होता है।

विवेक की गलफ्रेेनड नेहा लैव मे काम करने वाली लडकियों मे सवसे सुन्दर है ।

वही एक लड़को का ग्रुप के है जिसमें राज अनमोल देव सामिल है इनका लीडर है देव जो कि नेहा को मन ही मन चहता है लेकिन नेहा तो विवेक को 💑चहाती।

नेहा हर समय विवेक के साथ रहती है । ये वात देव को अच्छी😡 नही लगती और वह अपने दोस्तो के साथ मिलकर विवेक को पिटने का प्लान बनाते है ।

एक दिन जव विवेक के सर रवि के बेट का🎂 जन्मदिन होता है सव लोग वहा आते है तभी ।

‌‌‌‌‌ देव

आज सही मौका है आज जव यह पाटी॔ से घर जायेगा तभी हम इसे किडनेप कर के मेरी लैव पर चलेगे ।

पाटी॔ खतम होने के वाद सभी अपने घरो के लिऐ निकलते है

विवेक नेहा को वाय करके अपनी गाडी का गेट 🚗खोलता है वेसे ही देव पिछे से लोहे की रोट से उसके सर पर मारता है

और विवेक वैहोस😵 हो जाता है।

‌‌‌‌‌ देव

जलदी इसे गाडी 🚗 मे डालो ।

और वो लोग विवेक को लेकर देव की लैव चले जाते है वह‌ लोग वहा शराब🍺 पीते है और विवेक के होस मे आने का इंतजार करते है थोड़ी देर बाद विवेक होस मे आ जाता है

होस मे आते ही विवेक देखता है कि वह एक लैव मे है लेकिन वह लैव उसने कभी यययदेखी नही थी वह इधर उधर देखता है तभी।

देव

इधर उधर क्या देखता है जरा पिछै घुम ।

विवेक पिछै घुमता है और देखता है कि देव और उसके दोस्त वहा बेठे है विवेक समझ जाता है कि ये लोग ही मुझे यहाँ लाये है ।

विवेक

तुम मुझे यहाँ क्यो लाये हो ।

देव

थोड़ी पर्सनल दुश्मनी है तुझ से तु नेहा को भुल जा

विवेक

नेहा को क्यो और तुम ऐसा क्या चाहते हो ।

‌‌‌ देव

क्यो कि मे उसे चहाता हूँ

विवेक

नेहा मुझ से प्यार करती है और जलदी हम शादी करने वाले है मे उसे नही छौड़ सकता ।

देव

तो ठीक है मारो इसे इतना मारो की ये नेहा का नाम भी अपनी जुवान से न ले सके।

वो लोग उसे मारते है लेकिन वो वार वार नेहा का नाम लेता और जोर जोर वोलता है i love नेहा ये सुन कर देव को गुस्सा😡 आ जाता है नसे कि हालत मे वह एक सीरम उठाता है और विना सोचे समझे विवेक के सीरम लगा देता है। विवेक के सीरम लगाते ही उसकी साँसे वंद होने लगती यह देखकर राज और अनमोल डर जाते हैं और देव से पूछते हैं

अनमोल

भाई तूने इसे क्या लगाया ।

देव

मैंने तो बस इसे केवल बेहोश करने का इंजेक्शन दिया लेकिन यह ऐसे क्यों कर रहा है।

अनमोल उसके हाथ में इंजेक्शन देखता है तो वह डर जाता है क्योंकि नशे की हालत में देव ने बेहोश करने वाले इंजेक्शन की जगह एक scorpion poison💉 यानी बिच्छू का जहर होता है जोकि देव ने एक सबसे खतरनाक बिच्छू को ढूंढ कर उसके अंदर से निकाला था और देवी इसे देखकर डर जाता है

अनमोल

भाई हमें से बचाना होगा वरना हम सब जेल में चक्की पीसते हुए नजर आएंगे इसलिए कैसे भी करके इसे हमें बचा नहीं होगा ।

और फिर वह लोग उसे बचाने में लग जाते हैं वह उस पर बहुत सी दवाइयां और इंजेक्शन देते हैं लेकिन कुछ फायदा नहीं होता थोड़ी देर बाद उन्हें लगने लगता है की अब विवेक मर चुका है और वह उसे चुपचाप गाड़ी में डालकर जंगल में ले जाते हैं और उसे जमीन में दफना देते हैं।

लेकिन अंदर ही अंदर विवेक की बॉडी में कुछ बदलाव होने लगे थे उसका शरीर बिच्छू के जैसा होने लगा था लेकिन अभी वह पूरी तरह बिच्छू नहीं बना था।

2 महीने बाद

विवेक उस जमीन से बाहर निकलता है तेज बारिश हो रही है और वह जमीन से निकलते हैं एक बिच्छू जैसा शरीर लेकर आता है वह पूरी तरह से बिच्छू बन चुका है दरअसल जब उसे इंजेक्शन लगाए गए थे तो वह इंजेक्शन उसके ब्लड ग्रुप और बिच्छू के जहर में मिल गए जिससे वह मरा तो नहीं लेकिन एक बिच्छू बन गया अब वह सोचता है की मैं कौन हूं और फिर वह देखता है जंगल से उसे कुछ रोशनी दिख रही है वह जब जंगल से बाहर निकल कर देखता है तो उसे शाहर नजर आता है और वह कहता है मैं यहां पर जाऊंगा लेकिन उसे भूख लग रही थी तो वह कुछ खाने के लिए ढूंढता है रास्ते में उसे एक इंसान नजर आता है जो रात में अपनी साइकिल से जा रहा था वह उसका पीछा करता है और उसे खा जाता है और अपना पेट भरता है कुछ दिन वह जंगली जानवरों और वहां से गुजरने वाले इंसानों को खाता है इंसानों के गायब होने की खबर पुलिस को मिलती है वह लोग तहकीकात करते हैं फिर उन्हें पता लगता है की जितने लोग मरे हैं वह सब इस रास्ते से गुजर रहे थे और फिर वह पुलिस वाले जंगल में जाकर देखते हैं और जो पुलिस वाले उस जंगल में गए थे वह लौटकर नहीं आए पुलिस बाले वहां पर डेंजर का पोस्टर लगा देते हैं और वहां से चले जाते हैं

कहानी का हीरो

कृष्णा जो की एक ऐसा लड़का है जिसे केवल घूमने और फिरने में मजा आता है वह अपने दोस्तों के साथ रहता है और वह कॉलेज में पड़ता है लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है वह अपने घर का किराया नहीं दे पाता यह देख कर मकान मालिक उसे अपने घर से निकाल देते हैं और कृष्णा के साथ रहने वाले लड़के खड़े-खड़े देखते हैं लेकिन कुछ नहीं कहते वहां से निकलने के बाद कृष्णा जाता है अपनी g f के पास और देखता है कि उसकी गर्लफ्रेंड किसी और के साथ बैठे हैं वह उससे पूछता है यह कौन है फिर वह कृष्णा को बताती है यह मेरा दूसरा बॉयफ्रेंड है और कृष्णा तो फिर मैं कौन हूं फिर वह बोलती है देखो हर लड़की चाहती है की वह अपनी लाइफ में कभी परेशान ना रहें और तुम पर तो अपना ही खर्चा नहीं चलता तो मुझे कैसे संभालोगे तो मुझे माफ करना इतना कहकर मैं वहां से चली जाती है और कृष्णा खड़ा खड़ा देखता रहता है और गुस्से में बाइक निकालता है और स्पीड के साथ चलाकर रोड पर निकल जाता है वह जा ही रहा था की सामने से एक ट्रक आता है जिससे गाड़ी बचाने की चक्कर में कृष्णा घास गिर पड़ता है और हमें दिखता है कि वहां से बहुत से टिड्डी उड़ रहे हैं घास में देने की वजह से उसका पैर जो जख्मी होता है टिड्डी के अंडे पर पड़ जाता है और उसके अंडे फूड जाते हैं और उसके घाव में एक लिक्विड लग जाते हैं वह इसे नजरअंदाज कर देता है और अपनी गाड़ी उठाता है और डॉक्टर के पास जाता है और अपने पैर पर पट्टी करवाता है वहां से अपने दोस्त के यहां चला जाता है

लेकिन जो लिक्विड उसके पैर में लगा था वह खून के जरिए उसके शरीर में फैलने लगता शरीर में खेलने की वजह से उसकी तबीयत कुछ खराब रहती है लेकिन वह इसे नजर अंदाज कर देता है और घूमने लगता है तभी और 2 दिन गुजर जाने के बाद उसके शरीर में कुछ अजीब उसे लगने लगता है वह शीशे में देखता है तो उसकी पीठ पर सब कुछ पंख जैसे निकल रहे हैं और उसके कमल से एक होल जैसा बन गया है वह अपने तरफ देखता है यार यह हो गया था लेकिन किसी भी डॉक्टर को दिखाएं उसके पास इतने पैसे नहीं थे लेकिन वह ऐसे ही अपने दोस्त के साथ रहने लगता है और कुछ ही दिन में वह पंख बड़े होने लगते हैं वह अपने इच्छा से उन पंखों को चला सकता है यह सब देख कर वह बहुत खुश हो जाता है और अपने दोस्त के घर से दूर एक गार्डन में जाता है रात के करीब 10:00 रहे थे तभी वह उन पंखों का प्रयोग करता है और वह थोड़ी ऊपर उड़ता है और नीचे गिर पड़ता है वह लगभग 10 मिनट तक ऐसा ही करता रहता है तभी देखता है उसकी कमर से दो टांगे निकल रहे हैं तभी उसकी नजर एक टिड्डी पर जाती है और वह देखता है की वह टिड्डी कैसे उड़ रहा है और फिर वह उसी ट्रिक को अपनाता है और उड़ने लगता है फिर वह उन पंखों को अंदर करना चाहता है जैसे ही वह उन पंखों पर जो देता है वह पंख और टांगे वापस उसके अंदर चली जाती हैं वह मन ही मन खुश होता है लेकिन इस बात का किसी को पता नहीं लगता फिर वह सोचता है इससे में क्या नहीं कर सकता लेकिन मुझे छुपने के लिए एक कॉस्टयूम चाहिए और तभी वह अपनी कॉस्टयूम बनाता है लेकिन वह पंखा और टांगो का इस्तेमाल सिर्फ चोरी करने के लिए कहता है और कुछ नहीं एक दिन जब कृष्णा मार्केट से निकल रहा था तभी कुछ लोगों को भागते हुए देखता है और मैं उनसे पूछता है क्या हुआ वह लोग बस इतना कहते हैं अपनी जान बचाकर भाग लो कृष्णा आगे बढ़कर देखता है आखिर यह लोग भाग गए हैं तभी वह देखता है एक बड़े आकार का बिच्छू जैसा देखने वाला इंसान वह बिच्छू लोगों को मार रहा था यह देखता कृष्णा सोचता है क्यों ना इन्हे बचाया जाए मेरे पास भी तो कुछ ऐसी चीजें तभी वह एक कोने में जाता है और अपने कॉस्टयूम में आता है और उड़ते हुए उस बिच्छू सर पर लात मार कर नीचे आता है और कृष्णा उस बिच्छू से कहता है कौन हो तुम और इन लोगों को क्यों मार रहे हो देखो अगर जानकी सलामती चाहते हो तो यहां से निकल जाओ तभी वह उससे लड़ने लगता है और थोड़ी देर तक उन दोनों में लड़ाई चलती है लेकिन कृष्णा बहुत बुरी तरह से पीटता है यही कुछ देर बाद पुलिस आती है और उस बिच्छू पर गोलियां चलाने लगती है और बिच्छू वहां से भाग जाता है और पुलिस को देख कर कृष्णा भी वहां से निकल जाता है लेकिन वह घर जाता है और सोचता है यार वह था क्या लेकिन जो भी था बहुत मारा।