वह बिच्छू अभी तक शहर में है तभी कृष्णा यह सोचता है की क्यों ना उसका पीछे किया जाए और देखा जाए कि वह कहां से आता है और कृष्णा वापस रह जाता है और देखता है की वह बिच्छू वहां से जंगल की तरफ जा रहा है और कृष्णा उसका पीछा करता है और उसकी गुफा में पहुंच जाता है और देखता है की उस बिच्छू के जितने भी डंक थे वह हाथों में बदल गए हैं और वह बिच्छू एक इंसानी रूप में आ गया है लेकिन वह बिच्छू उसे परेशान लग रहा था तो कृष्णा डरते हुए उसके पास जाता है और कहता है की तुम कहां से आए हो पहले तो वह बिच्छू उसे मारने की सोचता है लेकिन फिर वह उसे देख कर समझ जाता है की यह भी मेरी तरह है क्योंकि कृष्णा दिखने में एक टिड्डी जैसा था और वह उससे वहां से जाने के लिए बोलता है।
विवेक
तुम यहां से चले जाओ क्योंकि मैं अपने ऊपर ज्यादा देर कंट्रोल नहीं कर सकता कहीं वह शैतान फिर से बाहर आ गया तो तुम्हें खा जाएगा।
कृष्णा
तुम हो कौन और तुम्हारी यह हालत कैसे हुई तुम ना तो इंसान हो और ना ही पूरी तरह बिच्छू आखिर बात क्या है।
विवेक
पता नहीं मैं कौन बस मुझे इतना पता है की जब भी मैं सोता हूं तो मुझे तीन चेहरे दिखाई देते बस इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं पता ।
तभी उसके ऊपर वह बिच्छू फिर से हावी होने लगता है वह कृष्णा से कहता है तुम जल्दी से यहां से निकल जाओ वरना मैं तुम्हें खा जाएगा और कृष्णा हड़बड़ी में बाहर से भागता है कि तभी जंगल में उसे उस गुफा के पास एक गड्ढा मिलता है वह समझ जाता है की हो ना हो यह आया इसी गड्ढे में से कृष्णा उस गड्ढे के अंदर जाता है और वहां पर उसे एक कार्ड मिलता है जिस पर डॉ विवेक नाम लिखा हुआ होता है और एक साइंस लैब का नाम लिखा होता है कृष्णा उस कार्ड को अपने साथ ले जाता है और उस कार्ड के बारे में खोजना शुरू कर देता है ।
खोजते खोजते उसे पता लगता है कि यह लैब इसी शहर में मौजूद है वह उस कार्ड को लेकर लैब में जाता है और वहां के ऑनर मिस्टर रवि से बात करता है और भाव से पता लगता है की विवेक आज से लगभग 15 दिन पहले गायब हो गया था और कोई पता नहीं चला ।
कृष्णा
रवि सर आपको पता है की इस समय शहर में एक बिच्छू जैसे मॉन्स्टर का आतंक है आप इस बात को सुनकर दंग हो जायेंगे वह मॉन्स्टर कोई और नहीं बल्कि खुद विवेक है और मैं उससे मिलकर आया हूं और उसकी बातों से ऐसा लग रहा था की वह जो कर रहा है उसके बस में नहीं बल्कि जो उसके अंदर है वह से चला रहा है।
रवि सर
क्या कह रहे हो ऐसा कैसे हो सकता है।
कृष्णा
ऐसा हुआ है सर आपसे मुझे एक मदद चाहिए आप मुझे उन लोगों के बारे में बताइए जो कृष्णा को बहुत अच्छी तरह जानते हैं।
तभी रवि सर बताते हैं की कृष्णा की गर्लफ्रेंड नेहा उसे बहुत अच्छी तरह जानते थी।
कृष्णा
थैंक यू सर अब बाकी बात नेहा से करेंगे और मैं नेहा से मिलने जाऊंगा मुझे उसका एड्रेस दो।
कृष्णा एड्रेस लेकर नेहा के पास जाता है और फिर नेहा से जानकारी लेता है जानकारी से पता लगता है विवेक के गायब होने से पहले कोई देव नाम का लड़का जो नेहा से प्यार करता था उसने नेहा को प्रपोज किया था और उसके एक दो दिन बाद विवेक गायब हो गया और इतना ही नहीं बल्कि उसे यह भी पता चला कि विवेक को देखकर देव हमेशा गुस्से में रहता था और फिर नेहा से देव का एड्रेस लेकर वहां से चला जाता है।
यह दूसरी तरफ विवेक को पुरानी बातो मे से कुछ याद आ गया था लेकिन दिमाग पर जोर डालते डालते उसे सिर्फ इतना याद आया कि उसके साथ लास्ट के 3 घंटे क्या हुआ था और उसी विच उसे उन तीनों की शक्ल दिखती और विवेक अपने आप को काबू नहीं कर पाता और निकल जाता है देव और देव के दोस्तों को मारने ।
यहां कृष्णा उन तीनों तक पहुंचता तब तक उस बिच्छू ने अनमोल को मार दीया था और उसके दोनों दोस्त चिंता में पड़ जाते हैं क्योंकि उसकी मौत कोई आम मौत नहीं थी उसके शरीर का रंग वैसा ही हो गया था जैसा कि एक बिच्छू को हो जाता है लेकिन क्योंकि विवेक ने उसे मार दिया था वह लोग डरने लगते हैं और इसी बीच कृष्णा वह आता है और देव और उसके दोस्त से बात करने के लिए कहता है वे लोग उसकी बात नहीं सुनना चाहते थे तभी कृष्णा कहता है कि तुम्हारा दोस्त कैसे मरा है मैं जानता हूं और अगर मेरी बात नहीं मानी तो तुम दोनों भी मारे जाओगे अपनी जान को खतरे में देख देव उससे बात करने के लिए तैयार हो जाता है तभी कृष्णा उन्हें बताता है तुम्हें पता है की वह मॉन्स्टर जिसने तुम्हारे दोस्त को मारा वह कोन है वह लोग कहते हैं नहीं हमें नहीं पता कि वह कौन है तभी कृष्ण बोलता है की वह रवि सर की लैब में काम करने वाला विवेक वह लोग इस बात को सुनकर डर जाते हैं और तभी कृष्णा उनसे पूछता है सच बताओ उसकी यह हालत कैसे हुई अपनी जान बचाने के लिए वह कृष्णा को सब बात बता देते हैं और कृष्णा उनसे बात कर रहा था तभी वह मॉन्स्टर वहां पर आ जाता है और इधर उधर घूमने लगता है कृष्णा उन दोनों को आगाह करता हैं कि तुम दोनों कहीं छुप जाओ मैं देखता हूं तभी कृष्ण अपने ड्रेस में आता है और बाहर उस मॉन्स्टर बिच्छू के पास जाता है और उससे बात करने की कोशिश करना क्योंकि उसके अंदर एक मॉन्स्टर था वह उसकी बात नहीं सुनता और कृष्णा को मारना शुरू कर देता है और उसे मारते मारते नीचे गिरा देता है और देव और उसके दोस्त के पीछे पड़ जाता है वह उसके दोस्त को मार देता है जैसे ही वह देव को मारने वाला होता है तभी कृष्णा दूर से शराब की बोतलें उसके ऊपर फेकता है जिससे उसे जलन होने लगती है और वह वहां से भाग जाता है।
कृष्णा आई एम सॉरी कि मैं तुम्हारे दोस्त को नहीं बचा पाया लेकिन वह दोबारा से आएगा और अगर अपनी जान बचाना चाहते हो तो मेरे साथ रवि सर के यहां चलो।
और देव कृष्णा के साथ रवि के यहाँ चला जाता है और कृष्णा उसे सारी सच्चाई बताने को कहता है और देव रवि को सारी सच्चाई बता देता है तभी रवि को यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आता है लेकिन कृष्णा रोक लेता है और रवि से कहता है कि यह समय गुस्सा दिखाने का नहीं है इसे बाद में कानून सजा देगा लेकिन विवेक को कैसे रोका जाए तभी वह देव से पूछता है की तुमने उसे कौन सी दवाई लगाई थी मुझे वह दवाई लाकर दो और फिर वह उस दवाई को लाकर देता है डॉ रवि उस दवाई एंटी डॉट वनाता है ।
एंटी डाँट वनने के वाद कृष्णा एक प्लेन वनाता है। देव से कहता है कि अव जव वह आयेगा तो हम तुम्हे उसके आगे
खड़ा करेगे जेसे ही वह तुम्हारे पास पहुचेगा मे उसे यह एंटी डॉट लगा दुगा तुम डरना मत ।
अव तो वस उसके आने का इतजार है ।
थोड़ी देर बाद टीवी पर खबर आती है कि वह मॉन्स्टर शहर में आ चुका है और कृष्णा अपने प्लेन के हिसाब से काम करता
देव को उसके सामने खड़ा करता हैं सव कुछ प्लान के हिसाव से चलता है । कृष्णा एंटी डॉट उसके लगा देता है लेकिन उसके एंटीडोट का बटन नहीं दवा पाता और वह मॉन्स्टर उसे उठाकर फेक देता हैं और उनमे बहुत देर तक लड़ाई होती है और उन्हें ऐसे लड़ता देख देव बाह से भाग जाता हैं देव को भागता देख मॉन्स्टर उसके पीछे पड़ जाता है तभी कृष्णा उड़ते हुए आता है और उसकी पीठ पर बैठकर बटन दबा देता है और विवेक ठीक हो जाता है देव को जेल हो जाती है और हमारा grasshopper man यानी कृष्णा क्षिप कर शहर पर आने वाली आपदाओ से वचाता है ।
🙏 the end 🙏
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