अगर मेरे राइटिंग सफर को जानना है तो सबसे पहले मेरे बारे में जानीए। मेरा नाम मनीषा अग्रवाल है मैं राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेत्री शहर से नाता रखती हूं। मैं खेतड़ी के
ही स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट कॉलेज खेत्री से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हूं स्टोरी राइटिंग में मेरी दिलचस्पी मेंरे जीवन में अचानक हुई एक सुखद घटना है जिसने मेरी जिंदगी को एक नया रुख दे दिया मैं बाकी लेखकों की तरह शुरुआत से एक लेखक नहीं बनना चाहती थीं इन फैक्ट मैं तो एक प्रशासनिक अधिकारी बनने की तैयारी कर रही थी पर कहते हैं की जिंदगी प्लानिंग से नहीं चलती मचलती भी है तो ऊपर वाले के हुकुम से जहां वह ले जाना चाहे वहां चले जाना चाहिए।
मैंने कहीं सुना है कि अगर आपको भगवान के साथ मजाक करना हो या उन्हें कोई जोक सुनाना हो तो उन्हें अपनी फ्यूचर प्लानिंग के बारे में बता देना चाहिए क्योंकि जो भगवान में विश्वास करते हैं इतना तो उन्हें पता होना ही चाहिए की जिंदगी की डोर हमारे नहीं ऊपर वाले के हाथ में है और हम वो पतंग हैं जिसे ऊपर वाले की डोर के साथ अगर एक बार बांध दिया जाए तो अपने मालिक पर सब कुछ छोड़ कर बस उड़ते जाना चाहिए कोई भी मालिक अपनी पतंग को उसकी डोर से अलग होते नहीं देख सकता इसलिए भगवान हो या खुदा सब कुछ उसके उपर छोड़ कर खुले आसमान में अपनी उड़ान का आनंद उठाना चाहिए
जानती हूं कि आप यही सोच रहे होंगे कि मैं अधिकारी बनने की तैयारी कर रही थी या फ़िर फिलॉस्फर बनाने की क्योंकि ऐसी बात है तो वही लोग करते हैं।