Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 121 - Poem No 82 सर पर ताज़ हाथ में डंडा

Chapter 121 - Poem No 82 सर पर ताज़ हाथ में डंडा

सर पर ताज़ हाथ में डंडा

इश्क़ के गली में क्या है यह फंडा

लोगों को कुछ नहीं धंदा

बस एक फंडा ही फंडा

कोई समझ पाये क्या है ये फंडा

उससे पहले ही हो गया दंगा

और जब हो रहा है दंगा ही दंगा

सब के मुँह रह गये खुला ही खुला

----Raj