कौन सोचता है
आज के ज़माने में
क्या गुजर रहा है
दूसरों के ज़िन्दगी में
अपनी ही पड़ी है
लोगों के दिलों में
वक़्त कहा है
दूसरों को सँभालने में
कौन सोचता है
आज के ज़माने में
क्या गुजर रहा है
दूसरों के ज़िन्दगी में
----Raj
कौन सोचता है
आज के ज़माने में
क्या गुजर रहा है
दूसरों के ज़िन्दगी में
अपनी ही पड़ी है
लोगों के दिलों में
वक़्त कहा है
दूसरों को सँभालने में
कौन सोचता है
आज के ज़माने में
क्या गुजर रहा है
दूसरों के ज़िन्दगी में
----Raj