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Chapter 6 - अश्कों में जाने खून ये(गजल)

अश्कों में जाने खून ये किसने मिला दिया

एक रोशनी की चाह में घर अपना जला दिया .

अश्कों में जाने....

हम क्या करें ये दोस्त उम्मीदें वफ़ा तुजसे

अमृत की चाह थी जहर का प्याला थमा दिया .

अश्कों में जाने....

ना आरजू, ना जुस्तजू, न गुफ्तगू, कोई

उसने गुलों को तोड़ के पत्थर बना दिया .

अश्कों में जाने....

यह कैसे रास्ते हैं जल जाएंगे इन पर

किसने राहों में तोड़ के शीशा बिछा दिया .

अश्कों में जाने....

'आहत'तुम्हारी आग से सोना नहीं जला

ये किसने आके आग में पारा मिला दिया.

BY RS Goyal