अश्कों में जाने खून ये किसने मिला दिया
एक रोशनी की चाह में घर अपना जला दिया .
अश्कों में जाने....
हम क्या करें ये दोस्त उम्मीदें वफ़ा तुजसे
अमृत की चाह थी जहर का प्याला थमा दिया .
अश्कों में जाने....
ना आरजू, ना जुस्तजू, न गुफ्तगू, कोई
उसने गुलों को तोड़ के पत्थर बना दिया .
अश्कों में जाने....
यह कैसे रास्ते हैं जल जाएंगे इन पर
किसने राहों में तोड़ के शीशा बिछा दिया .
अश्कों में जाने....
'आहत'तुम्हारी आग से सोना नहीं जला
ये किसने आके आग में पारा मिला दिया.
BY RS Goyal