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Chapter 7 - I.........You

प्रेरणा अपने स्कूल से घर लौटती है। शाम का समय था । प्रेरणा अपना फोन लेकर सुमन और सोनल के साथ चैट कर रही थी। उसी बीच एक अनजान नंबर से मैसेज आती है:-

" हाय"

"कौन ?, क्या मैं आपको जानती हूं ?" (प्रेरणा रिप्लाई करती है)

" अरे यार ; मैं आकाश हुं "(आकाश बोलता है)

" हां बोलो आकाश , अभी तबियत कैसी है तुम्हारी " (प्रेरणा का सवाल )

"ठीक हूं " (आकाश का जवाब)

उसके थोड़ी देर बाद आकाश

" नाइस डीपी "

" थैंक यू आकाश "

" I..... You " ( आकाश का प्रपोज करने का तरीका )

प्रेरणा थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई थी ।

उसके बाद रिप्लाई करती है -

" ये ब्लैंक क्यों है , I...You " ,

" I....You मतलब , क्या ! I like You ? "

" या I hate you ?

" नहीं-नहीं , मैं सच में तुम्हें like करता हूं ",

"तुम मुझे बहुत ही अच्छी लगती हो "

" ये like क्या love में क्नभर्ट हो सकता है क्या ? ( आकाश प्रेरणा को बोलता है )

प्रेरणा उसे तुरंत जवाब देती है -

" नहीं ऐसा नहीं हो सकता है । मैं किसी और से प्यार करती हूं और मैं उसके साथ ही खुश हूं ।" ( प्रेरणा उसे मना करने का बहाना बनाती है )

प्रेरणा का कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं था । वह लड़कों से भी दूरी बनाई रखती थी । प्रेरणा के साथ ऐसा पहली बार हुआ था ‌। जो शुरुआत में सभी के साथ होती है , लेकिन बाद में चलकर ना हां में बदल जाती है।

प्रेरणा झुठ बोल रही है , आकाश ऐसा सोचता है । वह प्रेरणा से कहता है:-

" अच्छा... , तुम्हारा पहले से कोई बॉयफ्रेंड है । "

प्रेरणा " हां क्यों ? मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं हो सकता है क्या और वैसे भी आजकल बॉयफ्रेंड का होना कॉमन है । मेरा बॉयफ्रेंड तुमसे बढ़िया है ।"

" अच्छा ठीक है , हो ही सकता है नहीं होने की बात मैं कहां बोल रहा हूं । " ( प्रेरणा कि बात में हां में हां मिलाता हुआ )

" तो तुम अपनी बॉयफ्रेंड की एक फोटो भेजो मुझे , मैं भी तो देखूं ,वो कौन है ? कैसा दिखता है ?"

" wait , मैं भेजती हूं । "

प्रेरणा अब सोच में पर जाती है कि वह क्या करेगी , क्योंकि उसका तो कोई बॉयफ्रेंड ही नहीं था । उसके फोन कि गैलेरी में उसके भैया कि एक फॉटो थी । प्रेरणा उस फॉटो को ही आकाश को भेज देती है । आकाश देखकर बोलता है , तुम्हारा बॉयफ्रेंड मुझसे देखने में अच्छा है । लेकिन फिर भी मैं तुम्हें 24 घंटे का समय देता हूं । रिप्लाई जरूर करना ।

आकाश को समझ में आ रहा था कि प्रेरणा उससे झूठ बोल रही है । उसके बाद टीं....,टीं....,टी..... कि घंटी के साथ ही फोन कट हो जाती है।

इस तरह दोनों में बातें होते-होते रात के 1 बज गए थे । प्रेरणा फोन को कट कर देने के बाद सोने की कोशिश करने लगीं थी । आंखों के बंद करने पर भी केवल दिल और दिमाग में आकाश की बातें ही घुम रहीं थी । अब कल आकाश को क्या रिप्लाई किया जाय यह सोचकर वह सो नहीं रातभर सो नहीं पायी थी । उसके मन में कई पेचीदा सवाल घुमने लगी थी।

उसके बाद कुछ ही घंटे में सुबह हो जाती है।