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Chapter 7 - “भोजन का आनंद लेना, जिंदा होने के फ़ायदों में से एक”

यूं यूए और चुन जियाँ कमरे से बाहर निकलते वक्त थोड़ा आश्चर्यचकित हो गये जब उन्होंने देखा कि उनका यंग मास्टर अधिक मिलनसार और मित्रवत है ।

सीमा यू यूए कमरे में बेसब्री से इंतजार कर रही थी, उसका मन सभी प्रकार के व्यंजनों की कल्पना से भरा हुआ था। हालाँकि जब यूं यूए भोजन लाई, तो उसका दिमाग घूम गया। वह थोड़ी देर के लिए आवक रह गई उसके बाद वह सदमे की स्थिति में आ गई।

उसने कांपती हुई उंगली से मेज पर रखे भोजन के व्यंजनों की तरफ इशारा करते हुए सावधानी से पूछा, "तुमने मेरे लिए यह भोजन तैयार किया है?" यह भोजन ऐसा लग रहा था जैसे वो केवल पानी में पकाए गए हों।

पिछले दिन उसने केवल साधारण मांस का दलिया था और वास्तव में यह नहीं जानती थी कि यहाँ का भोजन कैसा था। जब उसने अपने सामने सादे व्यंजन फैले हुए देखे, तो वह चौंक गई।

"हमें क्षमा कर दीजिए!" दोनों नौकरानियों ने जल्दी से अपने घुटनों के बल पर गिर कर दया के लिए भीख मांगते हुए अपने सिर जमीन पर मारना शुरू कर दिया।

"तुम दोनों क्या कर रही हो?! मैं तुमको दोष नहीं दे रहा हूँ, जल्दी से उठो!" सीमा यू यूए ने दोनों नौकरानियों की डरी हुई प्रतिक्रिया को देखते हुए कहा।

तब उसने स्मृति से देखा कि पिछली सीमा यू यूए बहुत सख्त थी और इसने इन दोनों नौकरानियों के दिलों में गहराई तक डर पैदा कर दिया था और जब उन्होंने अपने यंग मास्टर के अप्रसन्न भाव को देखा तो उनकी स्वाभाविक क्रिया ने उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर दिया।

"थैंक यू, यंग मास्टर।" दोनों लड़कियां जमीन से उठ कर खड़ी हो गईं, उनके दिल में अभी भी डर था

सिमा यू यूए ने उन दोनों के बारे में सोचना बंद कर, बाएं हाथ ने अपने पेट को कस कर पकड़ा और दाहिने हाथ ने चॉपस्टिक्स की एक जोड़ी को उठाया और जो दिखने में सबसे स्वादिष्ट डिश को चुनने की कोशिश करने लगी। हालांकि दस मिनट के बाद, उसने कोशिश छोड़ दी और असहाय रूप से चॉपस्टिक्स की जोड़ी को वापस नीचे रखते हुए कहा: "इसके बदले मुझे दो फल दे दो।"

दोनों फलों को खाने के बाद, सीमा यू यूए बिस्तर पर लुढ़क गई और उसे अपने खाली पेट को महसूस करते हुए बड़बड़ाने लगी: "मुझे सही भोजन चाहिए ..."

"अ आ ... तुम्हारे भोजन को ले कर हमेशा से बहुत नखरे रहे हैं, तुम पहले से ही दिव्य श्रेणी में हो और भोजन के बिना भी जीवित रह सकती हो।" एक कोमल आवाज़ अचानक उसके दिमाग में मानो समय और स्थान की सीमा को पार करते हुए कौंधने लगी, एक परिचित स्मृति चमक उठी।

"यह किसकी आवाज़ है? क्या यह इस शरीर की एक और याद्दाश्त भी है?" सीमा यू यूए ने अपने मन में सोचा, फिर भी वो अपने दिमाग से इस लगातार चलते विचार को नकार नहीं पाई कि, यह शरीर एक कचरा था, इसे दिव्य स्थान कैसे दिया जा सकता है? यह आवाज किसकी थी? और यह किससे बात कर रही थी?

जब रात का खाना भी निगलना उसके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया, तो सीमा यू यूए और बर्दाश्त नहीं कर सकी और वह रसोई में गई और उसने दो साधारण व्यंजन बनाए।

इस नई दुनिया में आने के बाद पहली बार उसने इतना भरपेट खाया।

रात को सोने के बाद फिर उसे वही सपना दुबारा आया, एक तीखी आवाज़ एक ही शब्द चिल्ला रही थी: "सीमा यू यूए ... मरो !!!"

वो अपने पिछले जन्म की इस आवाज़ को पहचानती थी।

"क्षिमें यू यूए। मेरे लिए मर जाओ। तुम्हारे मरने के बाद मैं इस पूरी दुनिया में एकलौता प्रतिभाशाली रहूँगा! हाहाहाहाहाहाहा"

यह कौन था? उसे बिल्कुल भी अंदाज़ा क्यों नहीं हो रहा था?

"भाड़ में जाओ!"

गूँजती और एक-दूसरे को ओवरलैप करते हुए दोनों आवाजें और तेज होती गईं और उन चीख-पुकार की आवाजों के कारण वह अपने बुरे सपने से जाग गई। उसका पूरा शरीर पसीने से भीग गया था और उसके कपड़े चिपक गए थे। उलझन में उसकी आँखें चारों ओर देखने लगी। उनमें उदासी और निराशा साफ झलक रही थी।

"यही दो नाम फिर से क्यों ...?" वह फुसफुसाई।

उस रात, जब चाँद आकाश में ऊंचा चमक रहा था, वह पलक भर भी नहीं सो पाई। जब भी उसने अपनी आँखें बंद कीं, उसके दिमाग में दो नाम गूंजते रहे।

सीमा यू यूए, क्षिमें यू यूए।

उसने अपनी सारी यादों को टटोलने की कोशिश की, उसमें सीमा यू यूए के कुछ निशान तो थे, लेकिन क्षिमें यू के बारे में कुछ नहीं था। चाहे वह उसका खुद का पिछला जीवन हो या इस शरीर का, उनमें से किसी में भी इस तरह के नाम का संकेत नहीं था।

वह रात भर करवट बदलती रही और जब उसने अगली सुबह दर्पण में देखा, तो उसे एक फूली हुई आँखों की एक जोड़ी दिखी जिससे उसे ऐसा लगा कि एक पांडा उसे शेशे में से देख रहा था। नाश्ते का इंतज़ार करते वक्त उसने अपने दादा और भाइयों के साथ बहुत सारी बातें कीं और उन्हें खुश कर दिया।

"तीसरे भाई, चौथे भाई, आप लोग एकेडमी क्यों नहीं गए? बड़े भाई, दूसरे भाई, आज आपको काम पे नहीं जाना है?" सीमा यू यूए ने पूछा लेकिन इससे पहले कि वह उन्हें ठीक से देख पाती, उसका ध्यान उन से हट कर मेज पर रखे व्यंजनों पर चला गया जो सेविकाओं ने उसके सामने रखे थे। वे पिछले कल के नाश्ते के जैसे अरुचिकर लग रहे थे। उसकी भौंहें तन गईं और वह बेमन से चॉपस्टिकक्स उठा कर अपने सामने पड़े खाने को देखने लगी।

"हम तुम्हारा इंतजार कर रहे थे, हमें पहले यह सुनिश्चित करना था कि तुम ठीक हो। हमारे पास अभी भी कुछ समय है, अभी भी काम के लिए देर नहीं हुई है।" बड़े भाई ने सीमा यू की ने जवाब दिया।

तुम्हारी आँखों को क्या हुआ?" दूसरे भाई सीमा यू मिंग ने उसकी आँखों के काले घेरे को गौर से देखते हुए कहा।

"मेरे कमरे में दो विशाल मच्छरों ने मुझे पूरी रात बहुत परेशान किया।" उसने नाराज़ हो कर उत्तर दिया।

अब गर्मी थी, इसलिए मच्छरों का दिखना कोई अजजेब बात नहीं थी।

उसने थोड़ा खाना मुँह में डाल कर चबाया और बीच में ही चॉपस्टिक नीचे रख दी।

"तुमने खाना क्यों बंद कर दिया है?" सीमा ली ने गहरी चिंता के साथ पूछा।

"भोजन अच्छा नहीं है, और मेरी भूख मर गई है।" सीमा यू यूए ने बहुत ही सच्चाई से जवाब दिया।

"क्या तुम पहले ये सब नहीं खाती थी?" सीमा ली ने चकित स्वर में सामने पड़े नाश्ते को देखते हुए कहा। उन्हें उसमे कोई अंतर समझ नहीं आया।

"चूंकि यू यूए और खाना नहीं चाहता हैं, इसलिए टेबल को साफ कर दो।" सीमा ली ने जोर से कहा।

सेविकाएँ ने जल्दी से मेज को साफ किया। दूसरे भाइयों ने कोई राय नहीं दी क्योंकि उन्हें अब खाना खाने की जरूरत नहीं पड़ती थी। वे एक साथ खाना सिर्फ इसलिए खा रहे थे जिससे कि सीमा यू यूए के साथ समय बिता सकें।

"तो ठीक है, अब हम एकेडमी के लिए निकलते हैं।" सीमा यू रान ने जाने के लिए तयार होते हुए कहा।

"हम भी अब चलेंगे।" सीमा यू की ने साथ साथ बोला।

"हाँ हाँ, बिल्कुल।" सीमा ली ने अपने हाथों को लापरवाही से लहराया और सभी भाइयों के चले जाने के बाद, केवल वे दोनों ही रह गये थे। सीमा ली ने पूछा: "यू यूए, आज के लिए क्या सोचा है? तुम आज क्या करोगे?"

शुरू में तो उसकी योजना थी कि वह इस नई दुनिया के बारे में अधिक अध्ययन करेगी और वह पुस्तकालय में जाकर किताबों से अधिक जानकारी इकट्ठा करना चाहती थी, लेकिन यहाँ के भोजन ने उसे इतना परेशान कर दिया था कि उसके मुँह से निकला: "मैं रसोई में जाना चाहती हूँ और एक नज़र देखना चाहती हूँ। और साथ ही मैं रसोइयों को खाना पकाने के बारे में एक या दो चीजें सिखाना चाहती हूँ! "

"सिखाओगी ... रसोईयों को खाना बनाना सिखाओगे ?!" सीमा ली हैरानी से भरी आँखों से देखते हुए बोले।

"हाँ। क्या आपको सम्राट ने कुछ चीजों पर चर्चा करने के लिए महल में आमंत्रित नहीं किया था। चिंता मत करें, मैं बाहर नहीं जाऊंगी, मैं ठीक हूँ और पूरे दिन घर रहूँगी।" उसने उन्हें आश्वस्त किया। वह जानती थी कि उसके दादाजी को डर था कि अगर वह खुद बाहर गई, तो फिर से कोई उस पर धौंस जमा सकता है। अब जब उसने उसे वचन दे दिया था, तो वह आश्वस्त हो सकते थे ।

हालाँकि, सीमा ली ने उस पर पूरी तरह से विश्वास नहीं किया, क्योंकि वह अतीत में वह अनगिनत बार ऐसा कर चुकी थी, उनके बाहर जाते ही, वह भी उनके पीछे पीछे अकेले बाहर निकल जाती थी। लेकिन जब उन्होंने उसे सीधे रसोई की तरफ जाते देखा, तो उन्हें उसके शब्दों में अधिक विश्वास हुआ और उन्होंने आशा की कि वह अपने वादे के मुताबिक घर पर ही रहेगी।

सीमा यू यूए पूरे दिन रसोई में रही और जब सीमा ली महल से लौटे, तो उसने उत्साह से पुकारा: "दादाजी, जल्दी आओ! रसोइयों के बनाए इन नए व्यंजनों को चख कर देखो!" उसने चॉपस्टिक की एक जोड़ी को पकड़ा और सबसे पास का पकवान उठाया और उसे सीधे सीमा ली के मुंह में डाल दिया।

"म्म!" सीमा ली ने आश्चर्य से अपनी आँखें बंद कर लीं और धीरे-धीरे स्वादिष्ट भोजन का स्वाद चखा। "यह कौन सी डिश है! यह इतनी स्वादिष्ट कैसे है?"

"यह वही है जो मैंने उन्हें आज सिखाया है! कैसा है? क्या यह स्वादिष्ट नहीं है?" उसने आँखों में एक चमक के साथ पूछा।

"हाहाहा, पहले से बहुत बेहतर!" सीमा ली ने गर्व के साथ मुस्कराते हुए।

"बेशक, उन्होंने इस तरह का खाना बनाने के लिए पूरा दिन अभ्यास किया है।" वह बोली। हालांकि वे उसकी आवश्यकताओं को अभी भी पूरा नहीं कर रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जो वह खा रही थी, उससे कहीं ज्यादा बेहतर था।

उसने चुन जियाँ और यू यूए को भी रसोई में खींच लिया, जब उसे पता लगा कि इस क्षेत्र में उनमें थोड़ी प्रतिभा है। बल्कि, वह पकवान जो उसने सीमा ली को खिलाया था, यू यूए द्वारा पकाया गया था।

"बहुत अच्छा, उन्हें अगली बार आपके लिए और अधिक स्वादिष्ट भोजन तैयार करने दो। देखा, अगर तुम अपना मन लगाओ, तो ऐसा कर सकते हो! भविष्य में, तुम उन्हें और व्यंजन सिखाने में अधिक समय दे सकती हो।" उसने उसे प्रोत्साहित करने की कोशिश की क्योंकि उसकी दिलचस्पी बहुत कम चीजों में थी। वह केवल सुंदर पुरुषों के पीछे पड़ना या परेशानी पैदा करना जानती थी।

"मुझे पता है, चिंता मत करो।" उसने धीरे से जवाब दिया। अचानक, उसने कुछ सोचा और उसने तुरंत अपनी चॉपस्टिक को नीचे रखा और सीमा ली को गर्मजोशी से देखते हुए सीधे बैठ गई।

"दादाजी, मैं हमारी पुस्तक मंडप में जाना चाहूँगा ताकि कुछ किताबें देख सकूँ." पिछली दुनिया में पुस्तकालय को पुस्तक मंडप कहा जाता था। उसे सच में इस नई दुनिया में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न शब्दों में अभ्यस्त होना था।

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