सु कियानक्सुन का रवैया जोशीला था। लेकिन लॉन्ग सिजु के चेहरे के भाव भयानक रूप से गंभीर हो गए थे। उसने युवती को पकड़ा और तभी प्राइवेट लाउन्ज में से उसको बाहर खींचा।
वो काफी मजबूत था। सु कियानक्सुन लड़खड़ाई और उसकी टांगे काफी की मेज़ से टकरा गयी। वो दर्द के कारण तेज़ साँस लेने लगी।
गु मियां ने सु कियानक्सुन को देखा जब लॉन्ग सिजु उसे खींच कर ले गया।
अनजान और परेशान , उसने तुरंत उनका पीछा किया।
वो किसी को भी लाउन्ज में नहीं जानती थी। अगर सु कियानक्सुन वहाँ से चली गयी थी , तो उसके पास वहाँ रूकने की वजह नहीं बची थी।
सी मंचेंग को पता नहीं कि सु कियानक्सुन ने लॉन्ग सिजु को अभी क्या कहा था। '
क्योकि अब सु कियानक्सुन लॉन्ग सिजु के जख्म के पीछे का सच जान गई थी और यह कि उसके हाथ में चोट उसको बचाते हुए लगी थी। लॉन्ग सिजु पागल क्यों हो गया था ?'
तांग जुई ने देखा लॉन्ग सिजु ने सु कियानक्सुन को खींचा और तुरंत ही सी मंचेंग की ओर देखा। उसने अपने कंधो को उचकाया , यह संकेत देते हुए कि वो भी नहीं जनता है कि लॉन्ग सिजु के दिमांग में क्या चल रहा था।
लॉन्ग सिजु ने सु कियानक्सुन को होटल से बाहर खींचा। जब वो दोनों बाहर निकले , तब उसने युवती को कार में धक्का दे दिया।
"एक मिनट रुको। आज गु मियां का जन्मदिन है। घर जाने से पहले क्या मैं उसके साथ उसका जन्मदिन मना सकती हूँ ? सु कियानक्सुन ने घबराते हुए मुड़ कर लॉन्ग सिजु को देखा।
जैसे ही कियानक्सुन ने कहा , लॉन्ग सिजु ने पहले ही उसकी बात को पकड़ लिया था। भले ही वो गुस्से में था , वह इस बात से इनकार नहीं कर सकता था कि कुछ दिनों उसको बिना देखे , वो उसके शरीर की गंध की कमी को महसूस कर रहा था।
सु कियानक्सुन कुछ कहना चाहती थी , लेकिन लॉन्ग सिजु पहले ही अपने होठ उसके होठो के करीब ले गया था। उसे गु मियां को अलविदा कहने के भी मौका नहीं मिला।
…..
गु मियां इतनी चिंतित नहीं थी , क्योकि वो यह महसूस कर सकती थी कि लॉन्ग सिजु वास्तव में सु कियानक्सुन को पसंद करता था और उसको चोट नहीं पहुँचायेगा।
ऐसा लग रहा था , कि वो अपना जन्मदिन अकेले ही बिताएगी। लेकिन यह ठीक है। उसे अपनी सबसे अच्छी दोस्त से तोहफा मिल गया था और वो उसके लिए काफी था।
जैसे ही गु मियां कैब को बुलाने ही वाली थी , उसने अपने सर को उठाया और एक परिचित व्यक्ति पर नज़र गई। उसी क्षण में, गु मियां को लगा जैसे उनका दिल बिजली से टकरा गया हो!
'लू मिंग !'
गु मियां ने दूर उस आदमी को देखा। उसे महसूस हुआ कि जैसे इस दुनिया में सब कुछ वातावरण में लुप्त हो गया हो और उसकी नज़रो में केवल वो ही रह गया था .
उस लड़के की तुलना में जिसे वो चार साल पहले जानती थी , अब वो काफी समझदार दिखाई दे रहा था। उसके हाव -भाव शांति और मर्दानगी की झलक दे रहे थे । हालांकि , उसका रूप वैसे ही था। वह अभी भी बिल्कुल सफेद रंग के पतले लड़के जैसा दिखता था जिसे उसने याद रखा !
लू मिंग ने भी गु मियां को देख लिया था। वो एक क्षण के लिए थम गया , फिर उसने अपने आस पास वाले लोगों से माफ़ी मांगी और फिर गु मियां की ओर चलने लगा।
जब लु मिंग गु मियां के सामने आ कर रुका , तब वो अचनाक से अपने सपनो से बाहर आई। ऐसा दिख रहा था कि लू मिंग उससे बात करने में संकोच कर रहा था। "मियां मियां ?क्या यह वास्तव में तुम हो !"
"लू मिंग। ... तुम इतने सैलून सालों से कहा थे ?" गु मियां की आँखों में पानी भर आया और आँसू उसके चेहरे से नीचे गिरने गिरने लगे।
"मियां मियां , रो मत। ....मुझे माफ़ करदो। वो मेरी गलती थी। मुझे तुम्हे बताना चाहिए था जब मैं पांच साल पहले छोड़ के गया था। मुझे माफ़ कर दो। "
लू मिंग घबरा गया था। खड़ी युवती को देखा। उसने अपने हाथ को बेढंग तरीके से ऊपर उठाया और उसके गालो से उसके आँसू पोछने की कोशिश की।
"लू मिंग , तुम क्यों चले गए थे ? तुम मुझे अलविदा कहे बिना कैसे चले गए थे ?"
गु मियां केवल अपने सीने में दर्द को महसूस कर सकती थी। वह अचानक उठी और खोए हुए बच्चे की तरह उछलने लगी।
वो वापिस आ गया था लेकिन उसकी अब शादी हो चुकी थी !
उसने ज़मीन को पकड़ रखा था। वो अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ गई थी. लेकिन आखिरकार उसने सब कुछ अपने भाग्य को सौंप दिया था।
इसको केवल एक महीना हुआ था। अगर उसे पता होता कि एक महीने के बाद वो उससे फिर से मिलेगी , वो तांग जुई से कभी शादी नहीं करती !
"मियां मियां , कृपया मत रो , ठीक है ?" लू मिंग उसके बगल में नीचे ज़मीन पर बैठ कर उसे शांत करना की कोशिश की। लू मिंग को बल्कि उसके इस तरह के व्यव्हार से हैरानी हुई थी।
गु मियां अपना सर हिलाती रही। उसको अभी भी सदमा लगा हुआ था और उसकी आंखे उछल कर बाहर आ गई थी। वो सच में बहुत दुखी थी। 'ऐसा क्यों हो रहा है ? मेरे जीवन में इस तरह का मोड़ क्यों आया !
वो आखिरकार ज़मीन पर रोते रोते बैठ गई। जब लू मिंग ने देखा कि वो कितनी व्याकुल हो रही थी , उसने तुरंत अपनी शर्ट उतारी और उसके कंधो के चारो ओर डाल दी।
होटल के प्रवेश द्वार पर सीढ़ियों पे, तांग जुई ने थोड़ी दूर से उनको गुस्से में देखा। लगता था उसकी काली आँखों में एक तूफ़ान सा उठ रहा था ।