"मेरी राय इतनी महत्पूर्ण नहीं है। " लॉन्ग सिजु अपनी बात कहने के बाद तेज़ी से चलने लगा। यह साफ़ नज़र आ रहा था कि वो लैन किंगचेंग से बात नहीं करते रहना चाहता था।
लैन किंगचेंगने उसे रस्ते में रोका। उसका दिल एकाएक थम गया था। उसने अपनी मुट्ठी को कस के बंद किया और उसकी आंखे लाल हो गई। उसे महसूस हुआ जैसे की उसके दिल को चीर दिया गया हो।
लैन किंगचेंग ने वो सब याद किया जो उसके साथ उसे दिन क्रूज पर हुआ था , जिसमे वो घटना भी थी जहाँ लॉन्ग सिजु ने उस कमीनी औरत सु कियानक्सुन को सबके सामने चूमा भी था !
नहीं , वो इस कमीनी औरत को , जो कुछ भी नहीं यही यहाँ से लॉन्ग सिजु को बिलकुल भी छीनने नहीं देगी ! नहीं ऐसा नहीं हो सकता !
उसने अपना फ़ोन निकाला और किसी को फ़ोन लगाया ," हेलो , आंटी , मैं किंगचेंग
…..
जब से तांग जुई क्रूज शिप से वापिस आया है , वो उस घर में वापिस नहीं आया है जिस घर में वो और गु मियां शादी के बाद रहने वाले थे। वो आज काम के बाद वहाँ गया था ,क्योकि वो इस हत्यारे को आराम से जीने नहीं देना चाहता था !
जब तांग जुई दरवाज़े से अंदर गया ,गु मियां ने पहले से रात का खाना बना लिया था और बस खाने ही वाली थी। उसको देखते ही वो चौंक गई थी कि उसके हाथो से लगभग बर्तन फिसल गया था।
" इस तरह से तुम अपने नवविवाहित पति का स्वागत करोगी ?" तांग जुई ने नाराज़ हो कर तिरछी नज़रो से देखा। उसके आँखों में भयानक चमक झलक रही थी।
गु मियां ने उसको शांत करने के लिए पूरी कोशिश की। उसने जो भी कहा था वो सही था , चाहे कुछ भी हो , वो अभी भी उसका पति था ," आप वापिस आ गए ? क्या आपने रात का खाना खाया है ?"
" क्यों? गु के परिवार ने तुम्हे कुछ सिखाया नहीं है ? तुम नहीं जानती कि तुम्हे क्या करना चाहिए जब तुम्हारा पति घर आता है ?"
तांग जुई की नज़रे और भी गुस्से से भर गई। उसको देखने से जैसे उसके दिल में एक खून का प्यासा दानव जाग गया हो और इस सब ने उसे और भी बेहरम तरह से उसको सताने के लिए उकसाया।
गु मियां नहीं जानती थी कि वो क्या सोच रहा था। वो केवल इतना जानती थी कि वो आदमी बेहद डरावना था। हालांकि , वो उसका पति था और वो उसके खिलाफ नहीं जा सकती थी। उसके पास वो जो भी कहता है वो करने के अलावा कोई और रस्ता नहीं था।
गु मियां आगे बढ़ी और उसका कोट उतारने की पहल की। तांग जुई ने अपने सर को नीचे किया और उसके सामने खड़ी युवा महिला को घुरा। वो केवल उसकी फड़फड़ाती हुई पलके ही देख सकता था। जब उसने उसके कोट के बटन खोले , उसकी हाथ की उँगलियाँ भी बुरी तरह से कांप रही थी।
बहुत प्रयास के बाद , वो आखिरकार उसके कपडे उतारने में सफल हुई। तांग जुई ने फिर आदेश दिया ," मेरे जूते भी बदलो !"
गु मियां ने आज्ञा का पालन करते हुए चप्पलो का जोड़े को ढूंढा। उसने फिर नीचे हो कर उसके चमड़े के जूते की डोरी को खोला और बस उसके लिए जूतों को उतारने ही वाली थी ," कृपया अपने पैरो को ऊपर उठाओ। "
गु मियां ने अपनी बात कहने के बाद , तांग जुई के पैर को ऊपर उठाने का इंतज़ार किया। लेकिन लगभग एक मिनट तक इंतज़ार करने के बाद , वो आदमी बिलकुल भी नहीं हिला। उसके पास सर उठा कर देखने के अलावा कोई चारा नहीं था। केवल तभी , तांग जुई , ने , अपने पैर उठाये । गु मियां ने तुरंत ही उसके चमड़े के जूते उसके पैरो से निकाले और एक चप्पल को उसके पैरो में पहना दिया।
उसने फिर उसी तरह दूसरे पैर में भी चप्पल को पहनाया।
" क्या आप एक साथ रात का खाना चाहते हो ?"
गु मियां ने घबराते हुए अपने सर को नीचे किया। उसकी वास्तव में इच्छा की थी कि वो इतनी जल्दी वापिस नहीं आता। इस तरह की बातचीत ने उसे और भी ज़्यादा बेबस कर दिया था।
"तुम्हे वास्तव में आज रात का खाना बनाने का मन है , ऐसा दिख रहा है कि तुम्हारा मन काफी अच्छा महसूस कर रहा है !" तांग जुई ने अचानक से उसे अपने ओर खीचा , उसकी आवाज़ आवेश से भरी थी।
गु मियां ने अपने सर को उठाया और उसको शंका से देखा। वो क्या कह रहा था ? क्या वो यह कहना चाहता था कि उसके साथ शादी करने के बाद वो खुद को मौत के घाट उतार दे ?
" गु मियां , तुम नरक में क्यों नहीं जाती ?!" तांग जुई को उसकी आँखों से सबसे ज़्यादा नफरत थी। भले ही उसने नशे में गाड़ी चलाते हुए किसी को मार दिया था , वो कितनी मासूम दिखती थी कि जैसे सारी दुनिया ने उसको कुछ देना हो !
वह खुद के लिए शानदार भोजन पका सकती थी और उसको बड़े स्वाद से मज़े से खा सकती थी लेकिन लिटिल निंग का क्या !
यह उसके सामने खड़ी इस औरत के कारण था कि लिटिल निंगअब सो रहा था,और बर्फ की ठंडी मिट्टी से ढका हुआ।लिटिल निंग को भी अपने परिवार के लिए खाना बनाने में मज़ा आता था !
गु मियां ने उसे शंका से देखा और वो बहुत ही दुःख और पीड़ा महसूस कर रही थी
यह उसका नवविवाहित पति था। भले ही यह शादी वो नहीं होना देना चाहती थी , लेकिन उसने वास्तव में इसके बारे में सोचा था। क्योकि उसने तांग से अब शादी कर ली थी , उसने तय किया कि अपने पत्नी के कर्तव्य को निभाने के लिए वो अच्छे से कोशिश करेगी और उसके साथ हमेशा चलेगी।
लेकिन तांग जुई वास्तव में इतना डरावना नहीं था। उसने उसे ऐसा करने का जरा सा भी मौका नहीं दिया। उसे शादी की रात को यह सब देख ही लिया होगा , सही है ना ?
" मैं नरक में क्यों जाऊ ? मैं नहीं जाना चाहती। ना ही केवल मैं मरना नहीं चाहती , लेकिन में अभी भी एक अच्छा जीवन जीना चाहती हूँ !" गु मियां ने उसे गुस्से से दूर धकेला। उसके शब्दों और हरकतों ने तांग जुई को पूरी तरह से नाराज़ कर दिया था।