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Chapter 170 - कुछ अन्य चीजों का अभ्यास करो

लॉन्ग सिजु ने अपने सामने खड़ी युवा महिला के बिखरे हुए बालों को देखा। उसके हमेशा से नरम और प्यारे दिखने वाले बाल अब चिड़िया के घोसले की तरह दिख रहे थे। उसका छोटा सा गोरा चेहरा सिकुड़ गया था और वो नाराज़ दिख रही थी। वो इतनी बेबस और मासूम दिख रही थी जैसे किसी ने उसके साथ बहुत बुरा किया हो। 

लॉन्ग सिजू ने खूबसूरत भौहो को हलके से ऊपर उठाया। 

"युवा मास्टर। क्या तुम इसका अभ्यास किसी और पर करोगे ? सु कियानक्सुन ने बेहद नाराज़ हो कर पूछा । 

" अभ्यास ?" लॉन्ग सिजु के भौहे और ज़्यादा सिकुड़ गए. उसको समझ नहीं आया कि सु कियानक्सुन क्या बात कर रही थी। 

" यह। ...आप यह सब का अभ्यास मुझ पर कर रहे हो ताकि आप आने वाले भविष्य में अपनी मंगेतर का ख्याल रख सको , इसलिए कर रहे हो ना ?" युवा महिला ने उसको घुरा और उसको ऐसी नज़रो से द्ख जैसे वो उसको बहुत अच्छे से जानती हो। 

लॉन्ग सिजु ने हेयर ड्रायर पर अपनी पकड़ को कस लिया था। अच्छा , यह सब वो मेरे बारे में सोचती है !' 

" ठीक है , इसको भूल जाओ। चलो किसी और चीज़ का अभ्यास करते है !" लॉन्ग सिजु की आंखे किसी इच्छा से गहरी हो गई। उसने पहले से बड़ी मुश्किल उसके शरीर को हड़पने से खुद पर काबू किया था जब वो दोनों स्विमिंग पूल में थे। 

इस बारी , यह सु कियानक्सुन की बारी थी हैरान होने की। केवल जब उसकी छोटे से शरीर को उठाया गया तभी वो समझी उसके कहने का क्या मतलब था। सु कियानक्सुन को एक ही समय पर हैरानी और पछतावा हुआ। अगर वह जानती थी कि ऐसा होगा, तो वह उसे उसके बाल सुखाते ही देती रहती। 

उसने उसको पलंग पर लिटाया और एक भेड़िये की तरह उसके ऊपर कूद गया। जिस क्षण उसके सारे कपड़े उतार दिए गए सु कियानक्सुन का शरीर कांप उठा । उसने लॉन्ग के कंधे को घबराते हुए पकड़ लिया। 

हमेशा की तरह लॉन्ग सिजू उसके साथ पागलो जैसे हमबिस्तर होने ही वाला था , लेकिन उसको अचानक से याद आया कि कैसे युवा महिला ने उसके पीछे से दर्द निवारक दवाएं ली थी। 

सु कियानक्सुन के खुद को दर्द सहने के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया था , सिजु अचानक से रुक गया। 

सु कियानक्सुन ने कुछ बार पलके झपकाई और उसको देखा। " युवा मास्टर ?

वो नहीं जानती थी कि लॉन्ग सिजु अचानक से क्यों रुक गया था। बाद में सहने से तो वो दर्द को जल्द से जल्द सहना चाहती थी , क्योकि आखिरकार दर्द तो वैसे ही उसे सहना ही था। अगर उसे तुरंत ही शरू करना है , तो इससे कम से कम मनोवैज्ञानिक कष्ट को थोड़ा होगा . 

लॉन्ग सिजु ने सु कियानक्सुन की खूबसूरत काली आँखों को देखा। रौशनी के छोटे छोटे दाग उसकी आँखों में चमक रहे थे। यह ऐसा था जैसे पूरा आकाश उसकी आँखों की पुतलियों में समा गया हो। यह बहुत ही चमकदार था। 

उसने खुद को नियंत्रित करने के लिए बहुत कोशिश की, क्योंकि उसने अपने सर को नीचे कर उसके कान के नीचले हिस्से को चूमा। 

अपने सिर को कम कर दिया और धीरे से उसके कान के सिरे को चूम लिया।

…..

सु कियानक्सुन वास्तव में डर गई थी। भले ही यह इस समय भी पीड़ादायक था , दर्द वह जो पहले अनुभव किया था उससे बिल्कुल अलग था। इस अहसास ने उसे इतना डरा दिया कि वह भागना चाहती थी।

केवल तब उसे पता चला कि दर्द कभी कभी इतना भी भयानक चीज़ नहीं होती। उसके दिल में आतंक अब तक का सबसे डरावना था।

जब लॉन्ग सिजु ने देखा कि सु कियानक्सुन जो उसके शरीर के नीचे दबी हुई थी , उसके चेहरे भाव बदल से गए थे। , उसे राहत का अहसास हुआ जो उसे पहले कभी नहीं हुआ था.

रात अभी बहुत लम्बी थी..... 

…..

सु रान , जो इतने लम्बे समय से हस्पताल में कष्ट सह रही थी , अखिकारर उसे सु मन्नी का फ़ोन आया। हलाकि , सु मन्नी जो भी उसे बताया जिसने उसे पूरी तरह से नरक के गड्ढे में धकेल दिया।

सु मन्नी की नई योजना सुनने के बाद , वो इतनी नाराज़ हो गई कि उसका शरीर ने कंपना शरू कर दिया। 

" सु रान , तुम एक बुद्धिमान इंसान हो। मुझे तुम पर भरोसा है कि तुम उस चीज़ को चुनना पसंद करोगी , जो तुम्हारे लिए सबसे ज़्यादा फायदेमंद है। जब तक तुम वही करती हो जैसे में कहती हूँ , और कल यूनिवर्सिटी जा कर सु कियानक्सुन को आरोप लगाना , मैं तुम्हारे सारे स्पताल के बिल का भुगतान कर दूंगी। मैं तुम्हे तीन मिलियन आर एम् बी भी दूंगी , जो तुम्हे विदेश की पढ़ाई के लिए काफी होंगे। जब तुम विदेश चली जाओगी , तो किसी को नहीं पता चलेगा कि चीन में तुम्हारे साथ क्या हुआ था । "सु मन्नी ने मध्यम गति से बात की, क्योंकि वह सु रान को चीजों को ठीक से सोचने के लिए वक़त देना चाहती थी। सु रान ने अपने सेल फोन पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इतना ही नहीं वह सुकियानक्सुन से नफरत करती थी, लेकिन वो इस बूढ़ी औरत, सु मन्नी से और भी ज़्यादा नफरत करती थी. हलाकि, वो जानती थी कि उसके पास और कोई रास्ता नहीं था।!

" ठीक है , मैं चार मिलियन आरएमबी तुह्मरे बैंक अकाउंट में डाल देती हूँ। यह एक फालतू मिलियन आरएमबी तुम्हारे मेडिकल बिल के लिए है। "

" ठीक है , मैं समझ गई !" सु रान ने राहत की लम्बी सांस ली। उसके बैंक अकाउंट में पैसा आना सुरक्षित हो रहा था। यूनिवर्सिटी जा कर सु कियानक्सुन पर आरोप लगाने के बाद , वो तुरंत ही विदेश निकल जाएगी। 

" सही फैसला है। वो कमीनी औरत सु कियानक्सुन, ही है जिसने तुम्हे इस स्थिति में पहुंचाया है !अगर उसके इरादे तुम्हे चोट पहुंचाने के नहीं होते , तो तुम्हे उसके कारण दो बार हस्पताल में क्यों जाना पड़ता ? ठीक है , पहले थोड़ा सा आराम कर लो। " सु मन्नी ने फ़ोन रखा। 

…..

सु रान सु कियानक्सुन से वास्तव में बहुत ज़्यादा नफरत करती थी। सु मन्नी ' सु कियानक्सुन मुझे पर हमला करके भागी नहीं होती , वो इस समय हस्पताल में पड़ी होती। यही कसूर है बस उस कमीनी औरत का !

गु मियां सो चुकी थी , लेकिन तांग जुई ने उसको पलंग से नीचे खींचा। जैसे ही उसने अपने सामने नशे में उस आदमी को देखा , उसने महसूस किया कि उसकी रीढ़ के नीचे एक कंपकपाहट हो रही हो। 

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