सु कियानक्सुन ने सोचा नहीं था कि फ़ोन कितना कीमती था। वापस जब उसने घाटी के लिली का स्वरूप देखा,तो उसे प्यारा पाया। उसने ध्यान नहीं दिया था कि वो असली हीरे का बना था।
जैसा कि उसने सु रान के चेहरे पर स्पष्ट ईर्ष्या और आक्रोश को देखा। उसने वास्तव में महसूस किया कि वह बहुत मूर्ख थी। उसने अतीत में सु रान का असली चेहरा नहीं देखा था।
तुम्हें गलत फहमी हुई है , यह नकली हीरे है। " सु कियानक्सुन ने अपना फ़ोन फिर से उठाया और एक तरफ रख दिया। उसके आस पास का हंगामा अभी अभी शांत हुआ था और वो नहीं चाहती थी किआज उसके फ़ोन की वजह से बाकि लोगो का ध्यान उसकी ओर जाये।
फ़ोन के हादसे के बाद ,सु कियानक्सुन सु रान की साफ नज़र आ रहे अनमनेपन को महसूस कर सकती थी। वो ऐसी दिख रही थी जैसे उसे अभी एक बड़ा झटका लगा हो।
सु कियानक्सुन का दिल और गुस्से से भर गया। उसे वास्तव में पता नहीं था कि उसने सु रान को नाराज करने के लिए क्या किया था, यहाँ तक कि सु रान उसको बेहतर ज़िंदगी जीते नहीं देख सकती थी।
कक्षा के बाद सु कियानक्सुन ने अपना सामान बांधा और कक्षा से चली गयी। सु रान ने तुरंत उसका पीछा किया।
" कियानक्सुन, तुम अब कहाँ जा रही हो ? चलो एक साथ कुछ खाते है। "
" मैने आज कुछ खा लिया था। किसी और दिन चलेंगे। "अपनी बात ख़तम करने के बाद सु कियानक्सुन वहाँ से चली गई। उसका आज इस औरत के साथ बात करने का मन नहीं था।
सु कियानक्सुन को जाता देख रान ने उसको घुरा और उसके चेहरे के भाव बहुत गुस्से वाले हो गए थे। ' तुम जैसी वैश्या पर लानत है ! इसकी वजह से ज़हे संग ने मेरे साथ बलात्कार किया था और मुझे विदेश में पढ़ाई करने के लिए पैसे भी नहीं मिले। दूसरी ओर वो सबसे नया फ़ोन का इस्तेमाल कर रही थी जिसके पीछे पर हीरे जड़े थे!"
सु रान गुस्से में थी और उसने सु कियानक्सुन का पीछा किया। वो खुद से देखना चाहती थी कि वो वैश्या क्या सच में इतनी किस्मत वाली है और खुद के लिए अमीर प्रेमी ढूंढ सकती है।
छात्रावास से अपना सामान लेने के बाद , जब सु कियानक्सुन कैंपस से बाहर निकली तो वह जानबूझकर धीमी गति से चल रही थी।सु रान का चरित्र जानते हुए , वो निश्चित रूप से मेरा चुपके से पीछा कर रही थी।
जैसे की उम्मीद थी ,सु रान चोरों की तरह सु कियानक्सुन का पीछा कर रही थी।
सु कियानक्सुन यूनिवर्सिटी के सामने चौराहे पर चली और ड्राइवर ने उसके लिए पहले से ही दरवाज़ा खोल दिया था। वो तेज़ चल कर कार के अंदर बैठ गयी।
जैसे ही कार चली सु रान की आंखे चौड़ी हो गई। सु कियानक्सुन को लेने के लिए जिस कार का इस्तेमाल किया गया, वह एक विश्व स्तरीय लक्जरी कार थी। पूरे ड्रैगन सिटी में केवल एक ही थी !
'सु कियानक्सुन इतनी किस्मत वाली कैसे हो सकती है ? सु के परिवार ने सद्भावना खो दी और वो एक छोटे भाई के भार के साथ गरीब मैली चीज़ है लेकिन वो वास्तव में एक लक्ज़री कार में बैठती है ?
' नहीं !
यह वैश्या यकींनन उस बूढ़े आदमी की प्रेमिका है और इस बूढ़े आदमी के सर के ऊपर पीप से भरा घाव था और पैरो के नीचे फोड़े थे ! उसे शायद यौन संचारित रोग भी है
और उसका चेहरा फुंसियों से भरा हुआ था। उसके सांसो की बदबू से भी पीड़ित है !
ऐसी वैश्या !
मैं यकीनन इस वैश्या को एक अच्छी ज़िंदगी नहीं जीने दूंगी !'
सु रान को एक तरह से पछतावा हुआ कि उसने सु कियानक्सुन के लक्ज़री कार में घुसते हुए अपना फ़ोन इस्तेमाल करते हुए उसकी तस्वीरें नहीं ली। अगर उसने सबूत के तौर पर कुछ तस्वीरें ली होतीं, तो वे तस्वीरें सबको दिखा देतीं कि सु कियानक्सुन किसी की प्रेमिका बन गई थी!
.....
सु कियानक्सुन ने ड्राइवर से कहा कि वो उसे उसके फ्लैट में भेज दे , क्योकि उसका अभी भी कुछ सामान उधर है जिसे उसे जिन गार्डन में ले कर आने की जरूरत है।
जब कार के बिल्डिंग के बगल में रुकने के बाद , सु कियानक्सुन अकेली सीढ़ियों से ऊपर चली गयी। वो एक कमरे का फ्लैट था। किआओ बोनियन की अत्यधिक खराब स्थिति के कारण उसने फ्लैट वापिस लेने की चिंता नहीं की।
फ्लैट इतना बड़ा नहीं था और बदलाव का काम भी बहुत पुराना था। हलाकि , सु कियानक्सुन इस फ्लैट का अच्छे से ध्यान रखती थी , इसलिए फ्लैट इतना साफ़ और आरामदायक नज़र आ रहा था।
सु कियानक्सुन बैडरूम में रही जबकि सु जीए का बिस्तर लिविंग रूम में था। कभी कभी ,वो भी अपनी बड़ी बहिन का साथ सोया करता था। सु कियानक्सुन अपना समान बांधने ही वाली थी कि किसी ने दरवाज़े जोर से खटखटाया। वो चौंक गयी। इस समय कौन आया होगा ?
कुछ दिनों पहले हुए के अनुभवों ने उसे बहुत संवेदनशील बना दिया था। उसने तुरंत बेसबॉल के बल्ले को उठाया जिसे उसने अपनी रक्षा के लिए एक उपकरण के रूप में घर पर रखा था और बाहर देखते हुए प्रवेश द्वार की ओर चलने लगी।
जब उसने बाहर लॉन्च सिजु को खड़े हुए देखा , उसका दिल की धड़कने रुक गई। उसने बल्ले पर अपनी पकड़ को कस लिया।
क्योकि सु कियानक्सुन ने दरवाज़ा नहीं खोला था , लॉन्ग सिजु गुस्से से दरवाज़े पर खटखटाता रहा। सु क़ियानक्सुन को डर था कि अगर उसने लगातार दस्तक दी, तो वह दरवाजा तोड़ देगा। इसलिए, सु कियानक्सुन का पास दरवाज़ा खोलने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।
" तुम यह पर क्यों आये हो ?" सु कियानक्सुन दरवाज़े पर खड़ी हो गई , इसके बारे में पता किए बिना उसे प्रवेश करने से मना करने लगी ।