गु मियां का फ़ोन आया था !
सु कियानक्सुन ने जल्दी से उसका फ़ोन उठाया। " मियां मियां , तुम अब तक कहा थी ? मैं चिंता में बीमार सी हो गयी थी। "
मैं इस समय तुम्हरी यूनिवर्सिटी के ठीक सामने वाले कैफ़े में हूँ," गु मियां ने शांति से कहा।
" थोड़ा रुको , मैं अभी वहाँ पहुँचती हूँ। " सु कियानक्सुन ने फ़ोन रखा और तेज़ तेज़ चलने लगी।
जब गु मियां ने सु कियानक्सुन को कैफ़े में अंदर आते देखा , उसने जल्दी से पढ़ती हुई पत्रिका के पीछे से अपना सर को बाहर निकाला और उसको देख कर अपना हाथ हिलाया। " कियानक्सुन , यहाँ आओ। "
गु मियां ने टोपी और चेहरे पर नकाब पहना था। उसका भेस बदलना कुछ ज़्यादा हट के लग रहा था। सु कियानक्सुन आगे बढ़ कर उसके सामने जा कर बैठ गई। " तुम्हे हो क्या गया है ? इतने वक़्त से में तुम से संपर्क क्यों नहीं कर सकी थी ? और ... तुमने यह सब क्या पहन रखा है ? सु कियानक्सुन ने आगे बढ़ कर गु मियां की टोपी को उतार दिया।
गु मियां के लम्बे बाल उसके कंधो पर झरने की तरह गिर रहे थे। सु कियानक्सुन ने उसके चेहरे से नकाब को उतारा , जिससे गु मियां का खूबसूरत और प्यारा चेहरा सामने आया।
"उघ... इसे मुझे वापिस करो !अगर मेरे परिवार के लोग मुझे पकड़ कर घर ले गए , तो मैं तो गयी !" गु मियां ने जल्दी से अपने चेहरे को पत्रिका से ढक लिया।
" तुम्हारे परिवार को तुम्हारे यहाँ होने की उम्मीद नहीं होंगी। पहले पत्रिका को नीचे करो। मुझे बताओ ,यहाँ पर सब क्या हो रहा है ? " सु कियानक्सुन ने पत्रिका को उसके झटपट उससे छीन लिया।
क्योंकि अब गु मियां के पास अपने चेहरे को ढकने को कुछ नहीं था , उसने अपने हाथों को मेज़ पर रखा और उदास होकर कहा ," अर्रेंज मैरिज। "
" क्या ?"
"जब मैं वापस आई तो मुझे केवल यह पता चला कि मेरी प्रतीक्षा अरेंज मैरिज के लिए हो रही थी। यह सब अचानक से ही हो गया !बेशक मैं इस व्यवस्था को अस्वीकार करूंगी। तुम तो जानती हो कि मेरे पास पहले से ही कोई है जिसे मैं प्यार करती हूँ ..." गु मियां के यह कहते ही उसके चेहरे गंभीर हो गया।
" बहुत...बहुत लम्बा समय हो गया है। तुम अभी तक उस आदमी की यादों से बाहर नहीं निकली ?" थोड़े से सन्नाटे के बाद सु कियानक्सुन ने केवल यह पूछा।
गु मियां ने कोई जवाब नहीं दिया। बल्कि उसका चेहरा और पीला पड़ गया। वो भी उस आदमी को बुरी तरह से भूल जाना चाहती थी। लेकिन उन्होंने एक साथ कई हालातों का सामना किया था। वो यह सब कैसे भूल सकती थी ?
" अह , ठीक है , चलो बीती हुई बातो के बारे में बात नहीं करते..... वैसे तुम बताओ तुम्हारे क्या हाल चाल है? तुम अरैंज मैरिज से बचने के लिए भागी थी ?" सु कियानक्सुन ने जल्दी से विषय बदल दिया।
" हाँ। मैं कैसे केवल बैठ कर अपने दूल्हे का इंतज़ार कर सकती थी ? बेशक मुझे वहाँ से भागना ही था " गु मियां का छोटा सा चेहरा चमक उठा। " तुम्हारा क्या ? तुम अब कैसी हो? मुझे वास्तव में खेद है कि मैं हाई स्कूल के रीयूनियन में नहीं पहुँच सकी। मेरे सबसे बड़े भाई ने मुझे उस क्षण पकड़ा लिया जब मैंने हवाईअड्डा से निकली और मुझे बंद कर दिया। "
" मियां मियां , मुझे तुम्हे बहुत सी बाते बतानी है। " जब सु, कियानक्सुन ने हाल ही में हुई हर चीज़ के बारे में सोचा, तब भी उन्हें एक सपने की तरह महसूस हुआ। …..
सु कियानक्सुन ने गु मियां को वह सब बताया जो पिछले कुछ हफ्तों से उसके साथ हुआ था। उसकी बात सुनने के बाद , गु मियां परेशान हो गई। वो तुरंत उछली और मेज़ को पलट दिया। " कियाओ के परिवार को हो क्या गया है ? वो बदमाश लोग ! इनको कोई शर्म नहीं है ? मैं इन को अभी के अभी मार दूंगी !"
गु मियां ने इतना हंगामा करने लगी कि सु कियानक्सुन ने उसे तुरंत खींचा और बैठा दिया। कियानक्सुन ने अन्य सब ग्राहकों को माफ़ी माँगते हुए देखा , फिर पलट कर गु मियां के चेहरे को देखते हुए कहा , "इतना उत्तेजित मत हो। तुम अभी भी आपत्ति से भाग रही हो। क्या तुम चाहती हो कि तुम्हारा भाई आपको मिले और घर लेकर जाये ?"
" मैं डरती नहीं हूँ। अगर वह मुझे पकड़ लेते है , मुझे शादी करनी पड़ेगी। यह कोई बड़ी बात नहीं होंगी।
लेकिन उस डायन किआओ येरन ने जो किया है उसका भुगतान उसे करना पड़ेगा !"
गु मियां का सीना गुस्से से भर गया जो उसने अपने अंदर ही रखा। ' अगर तुम मुझे बेवकूफ समझ रही हो , तो कम से कम एक निचली रेखा होनी चाहिए। लेकिन यह जाहिर है कि उन बदमाशो के लिए नहीं होगा !'
सु कियानक्सुन ने गु मियां को देखा , जो उससे भी कही ज़्यादा गुस्से में लग रही थी। सु कियानक्सुन ने राहत की मुस्कारहट ली। वो बहुत ही किस्मत वाली थी कि उसकी ज़िन्दगी में गु मियां जैसी अच्छी दोस्त थी।
"तुम मुस्करा क्यों रही हो ? वह सब भयनक बुरी चीज़े जो उसने तुम्हारे साथ की थी इसके बावजूद तुम कैसे मुस्करा सकती हो ? मुझे कोई पपरवाह नहीं है। मैं तुम्हारा बदला लूंगी! " उस पल गु मियां लगभग फूट -फूट के रोने लगी। वो बस अपने दोस्त यह सब सहते हुए नहीं देख सकती थी , इतना कि उसका दिल सु कियानक्सुन के लिए दुखी हो रहा था।
" मियां मियां , मैं बहुत भाग्यशाली हूँ कि तुम यहाँ मेरे साथ हो। " सु कियानक्सुन ने गु मियां के छोटे हाथों को अपने हाथ में लिया।
सच तो यह कि मैं उत्सुक हूँ कि लॉन्ग सिजु कैसे दिखता होगा। क्या वह दिखने में खूबसूरत , लम्बा और अमीर है ?गु मियां ने भी सु कियानक्सुन के हाथों को अपने हाथों में लेकर कहा ।