अगली सुबह सु कियानक्सुन का तेज बुखार आखिरकार कम हो गया लेकिन वो अभी पूरी तरह से होश में नहीं थी। जब वो सो कर उठी उससे पहले वो तीन दिन गहरी नींद मे थी।
चाहे सु कियानक्सुन होश में आ गयी थी, फिर भी वो बहुत कमजोर थी। यह तक कि उसकी काली आँखे जिनमे हमेशा ख़ुशी नज़र आती थी , अब बहुत ही उदास हो गयी थी।
सु कियानक्सुन थोड़ा थोड़ा याद आया कि लॉन्ग सिजु ने उसके कान में क्या था , लेकिन वो अभी भी परेशान थी कि यह सिर्फ एक सपना था , जो उसके अत्यधिक भय से उत्पन्न हुआ था और उसे खुद को आराम देने की जरुरत है।
सु कियानक्सुन लॉन्ग सिजु के आने का सावधानी से इंतज़ार कर सकती थी , यह जानने के लिए जो उसने सुना था।
हालांकि, लॉन्ग सिजु नहीं आया। जब तांग ज़ुई सु कियानक्सुन से मिलने आया , तब कियानक्सुन ने उससे जल्दी इस बात की पुष्टि कि उस रात को।
तांग ज़ुई जानता कि कियानक्सुन इस बात के लिए परेशान थी। उसने कियानक्सुन को समझाया कि उस रात उसके साथ क्या हुआ था और बताया कि लॉन्ग सिजु ने वक़्त पर पहुँच कर उसको बचा लिया था।
तांग ज़ुई ने जो कहा, उसे सुनकर सु क़ियानक्सुन को पूरी तरह राहत मिली।
अगले कुछ दिनों तक , सु कियानक्सुन अभी भी बहुत कमजोर महसूस कर रही थी। वो बीमार नज़र आती और जब भी उसे बाथरूम जाना होता तो उसे किसी का सहारा लेना पड़ता था।
सु कियानक्सुन अपने जीवन में कभी भी इतनी बीमार नहीं हुई थी। हर दिन खाना खाने और दवाई के साथ जूस लेने के अलावा वो लगभग सोया करती थी।
उस रात सिजु फिर कहीं नहीं था। जब सु कियानक्सुन में थोड़ी से ताक़त वापिस आई , वो चुपके से अपने छोटे भाई से मिलने के लिए उसके वार्ड में दो बार गई।
एक रात को जब सु कियानक्सुन सो रही थी , उसे अपने कुछ भार महसूस हुआ। उसने अपनी अपनी आंखे खोली और उसका दिल धड़का उसने अपने ऊपर लॉन्ग सिजु को देखा। तभी वो उसको धन्यवाद करना चाहती थी , लॉन्ग सीजू ने अपने सर को नीचे करके उसके खूबसूरत होंठों को चूमा।
सु कियानक्सुन अभी भी थोड़ी सी डरी हुई थी। आखिरकार उसका शरीर अभी भी अच्छा महसूस नहीं कर रहा था क्योकि अभी उसके घाव पूरे तरीके से नहीं ठीक हुए थे। लेकिन वो जानती थी कि उसके पास लॉन्ग सिजु के साथ संभोग करने के अलावा कोई चारा नहीं था।
सु कियानक्सुन के कपड़े उतरने के बाद , उसने लॉन्ग सिजु के कंधे को घबराते हुए पकड़ा। उसने दर्द के आने का बेसब्री से इंतजार किया।
हालाँकि, बहुत लंबे समय तक प्रतीक्षा करने के बाद, लॉन्ग सिजु ने लुढ़क कर उसके शरीर से हटने से पहले सिर्फ दो या तीन बार खुद को रगड़ा। उसने अपने हाथ को आगे बढ़ा कर सु कियानक्सुन को कस के गले लगाया।
सु कियानक्सुन ने अपने खड़े सामने लॉन्ग सिजु को हैरानी से देखा। आज कैसे उसने कियानक्सुन को धमकाया नहीं ?
"युवा मास्टर ।" सु कियानक्सुन ने उसको आश्चर्य चकित चेहरे से घुरा। उसकी सुन्दर आँखे में उलझन से भरी थी।
"सो जाओ ।" लॉन्ग सिजु ने अपने ठुड्डी को उसके सर के ऊपर रखा और उसे खींच कर गले लगा लिया।
सु कियानक्सुन के पास शब्द नहीं थे कहने को।
सु कियानक्सुन समझ नहीं पा रही थी कि आज लॉन्ग को क्या हुआ था। वो वास्तव में सु कियानक्सुन के साथ संभोग नहीं करना चाहता था और यहां तक कि उसे सोने की अनुमति देना चाहता था ?
दरअसल, सु कियानक्सुन वास्तव में सोए रहना चाहती थी , लेकिन ...
कुछ ठोस सी चीज़ उसके पेट के नीचले हिस्से को दबाने लगी जिससे उसे थोड़ा दर्द हुआ।उसके लिए सोना बिलकुल नामुमकिन था।
सु कियानक्सुन अपने शरीर को नहीं हिला सकती थी , इस डर से कि कही वह उसके सामने वाला आदमी को चौकन्ना कर देगा। वो सिर्फ अपने नीचले होठ को काट सकती थी और यह सब सह सकती थी।
लोंग सिजु ने अपने बड़े से हाथ से उसकी नरम पीठ को सहलाया। वह वास्तव में अपने आप को अब और रोक नही सकता था। उसने अपना सर नीचे कर उसके खूबसूरत होठो को फिर से चूमा।
जैसे जैसे उनका चुम्बन और जोश से भरा होता गया उतना ज़्यादा लॉन्ग सिजु क्रोधित होता गया और गलती से उसका लिंग उसके घाव से टकरा गया।
सु क़ियानक्सुन दर्द के कारण रोने लेगी , और उसकी आँखों से तुरंत आँसू बहने लगे।
लॉन्ग सिजु ने तुरंत ही उसको दूर धक्का दिया और उसको उठाकर पूछा ,"क्या मैंने तुम्हारे घाव पर टक्कर मारी है ?"
सु कियानक्सुन ने जल्दी से अपना सर हिलाया और सामने खड़े लॉन्ग सिजु को अपनी आँसू भरी आँखों से घूरने लगी। लेकिन जैसे ही उसकी नज़र उसके निजी जगह पर पड़ी उसने जल्दी से अपनी आंखे अपने हाथो से ढक ली। मैं ठीक हूँ। अब मुझे और दर्द नहीं हो रहा है !"
हालांकि उसने ऐसा कहा था , लॉन्ग सिजु फिर भी उसके पेट पर घाव को देखा यह पक्का करने के लिए कि उसके "बड़े बच्चे" से उसको चोट तो नहीं लगी। उसके बाद ही उसको राहत मिली।