" किआओ येरन, चाहे तुम कितनी भी सुन्दर दिखो , तुम्हारी दिखावट तुम्हारे घिनौने और गंदे मन को छुपा नहीं सकती!हर एक भयानक चीज़ जो तुमने की है वो तुम्हारे चेहरे पर छपी हुई है!और तुम बिलकुल भयंकर दिखती हो !" जब सु कियानक्सुन ने अपनी बात ख़तम की , वह मुड़ी और उसका गुस्सा शांत हो गया क्योकि वो अपना समय किआओ येरन पर बर्बाद नहीं करना चाहती थी।
जब सु कियानक्सुन वहां से गई तब किआओ येरन ने उसके सुन्दर शरीर को देखा। चाहे सु कियानक्सुन अपना सत्कार खो चुकी थी , वो अभी भी एक देवी की तरह सुन्दर थी। किआओ येरन ने सीने में जलन का दर्द महसूस किया , इतना की वह लगभग पागल हो गई थी।
वह जानती थी कि अगर उसे सु कियानक्सुन से छुटकारा नहीं मिला, तो वह छोटी सी कुलटा देर - सवेर उसके लिए खतरा बन सकती है !
किआओ येरन इतनी ईर्ष्यालु थी कि उसे उसके सीने में भारी दर्द महसूस हुआ।
वो अपने आप को खांसने से रोक नहीं सकी। जब किआओ के परिवार के नौकर ने देखा तो उसने घबराते हुए कहा ," युवा मिस्ट्रेस , मैं युवा मास्टर चुक्सी को कॉल करता हु ताकि ताकि वह आकर उस बदतमीज़ औरत को सबक सिखाए।"
* स्मैक ! किआओ येरन ने नौकर के चेहरे पर थप्पड़ मारा। नौकर ने झट से अपने चांटा पड़े हुए गाल को ढँक लिया। उसने अपना सिर नीचा किया और अब बोलने की हिम्मत नहीं कर रहा था। "अभी उसको बुलाने के पीछे तुम्हारा क्या इरादा था ? क्या आप उसे देखना चाहते हैं कि वह कितनी बेशर्म है और उसके द्वारा बहकना चाहते थे ?"
"मुझे माफ़ करदो , मैं गलत था !" नौकर इतना घबरा गया कि उसने जल्दी से माफी माँग ली।
उनके द्वारा किये गए हंगामे ने पहले ही काफी ध्यान खींच लिया था। किआओ येरन ने जल्दी से अपनी टोपी उतारी और गुस्से से कहा, "तुम किसका इंतजार कर रहे हो ? मुझे यहां से निकालो। क्या हम खुद को बहुत ज़्यादा शर्मिंदा नहीं कर लिया है ?"
जैसे ही वो आगे बढ़े, नौकर तुरंत उनकी मदद करने चला गया। किआओ येरन! की नज़रे उस पर पड़ी जो लिफ्ट से अंदर आ रही थी। उसने सु कियानक्सुन की छवि ख़राब करने की कसम खाई और निश्चित किया उसे सबसे गंदे लोग तबाह कर दे। उसे सड़क पर छोड़ दिया जाये , जहा गली के कुत्ते उसके शेष भाग को खा जाये !
…..
सु कियानक्सुनबहुत ही खुश लग रही थी। वो शांति से सु जिये के कमरे की ओर चलने लगी और दूर से उसने देखा कि मु बाई दरवाज़े के पास उसका इंतज़ार कर रहा था ।
जब मु बाई ने उसको देखा , वो मुस्कराया और कड़क खस्ता बतख अपने हाथ में ऊपर किया । " मैं इसे तुम्हारे लिए लाया हूँ। "
सु कियानक्सुन धीमे से उसकी ओर भागी और उससे बतख को लिया। उसके चेहरे पर मुस्कराहट बहुत ही अविश्वसनीय रूप से मासूम थी। " धन्यवाद् डॉक्टर मु। मेरे लिए इसे रास्ते से लाना बहुत ही असुविधाजनक होता। मैं इसके पैसे अगली बार आने पर लाऊँगी। "
"तुमको मुझे इसके पैसे देने की जरूरत नहीं है। यह भुना हुआ बतख ज़्यादा महंगा नहीं है। मैं इसके बिल का भुगतान कर सकता हूँ। "
"पैसे की बात नहीं है। अगर मैं कहुँ कि तुम मुझे खाना खिलने के लिए लेकर चलो , तो मुझे यह पूछने में संकोच नहीं होगा। लेकिन यह तुमने बस मेरे लिए ख़रीदा है ,इसलिए मुझे इसके पैसे देने चाहिए ," सु कियानक्सुन ने इस बात पर जोर देते हुए कहा।
मु बाई अपने मन की बात को नहीं बदल सका । यह युवा महिला हमेशा अपने सिद्धांतों पर अड़ी रही है । उसने गंभीरता से सोचा कि ऐसा कौन होगा जो इसको बदल सकता होगा।
"तुम कैसी हो ? क्या तुम्हारा स्वास्थ्य बिलकुल ठीक है ? मु बाई ने अपने सामने खड़ी युवा महिला को चिंता के साथ घूरा ,जब उसे याद आया कि पिछली बार के दौरान उसने दर्द निवारक दवाएं मांगी थीं।
"मैं ... मैं ठीक हूँ।" सु कियानक्सुन अंदर से चाहती थी कि वो ध्यान रखे ,कि किसी को भी कभी पता चले कि उसके साथ क्या हो रहा है।
"मैं तुम्हारे साथ क्या करूँगा...इतनी सारी जिम्मेदारियों बोझ खुद पर मत लो। तुम मुझे मुझे कह सकती हो जब भी तुम्हे मेरी मदद की जरूरत हो। " मु बाई ने हाथ उठाकर उसके बालों को सहलाया।
"मुझे पता है। मैंने पहले ही कर दिया था।" सु कियानक्सुन ने अपने चेहरे पर एक चंचल मुस्कराहट के साथ अपने हाथ में कुरकुरी भुनी हुई बत्तख उठा ली।
मु बाई शांति से मुस्कराया। " तुम अंदर क्यों नहीं जाती ? जिये तुम्हारा इंतजार कर रहा है।"
जब सु जिये ने किसी को दरवाज़ा खोलते हुए सुना , उसने अपने कम्बल को और कसकर पकड़ लिया। सिर्फ सु कियानक्सुनने के कदमों की आहट से वो बता सकता था कि सु कियानक्सुन वहां है।
"जिये , यह मैं हूँ, तुम्हारी बड़ी बहन। देखो , मैं आज तुम्हारे लिए कुछ स्वादिष्ट लेकर आयी हूँ।"
सु कियानक्सुन ने ऐसे दिखावा कर कमरे में प्रवेश किया जैसे कि सब कुछ ठीक हो।
जब उसने याद किया कि कैसे उसने पिछली बारी अपने छोटे भाई से बुरी तरह से व्यवहार किया था , उसे बेहद अफसोस और पश्चाताप हुआ।
सु जिये अचानक से पलटा और उससे मुँह फेरने के लिए बिस्तर पर लेट गया।
जब सु कियानक्सुन ने उसकी इस प्रतिक्रिया को देखा , तो उसकी आँखें लाल हो गईं। उसने अपने उदास मन को अपने भीतर ही दबा लिया और आगे बढ़ी। उसने सु जिये को देखा और प्यार से कहा ,"जिये मुझे माफ़ कर दो। पिछली बार जो भी मैंने किया वो मेरी गलती थी। क्या तुम मुझे माफ़ करोगे ?"