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Chapter 85 - वह बहुत गुस्से में लग रहा था

सु जिए एक गर्भस्थ शिशु की तरह, जो अपनी माँ के गर्भ में मुड़ कर सो रहा हो वैसे अभी भी बिस्तर पर लेटा हुआ था ।

सु कियानक्सुन बिस्तर की ओर चली गयी और अपना हाथ बढ़ाया। उसने अपने छोटे भाई के कोमल बालों को धीरे से सहलाया। वह माफी मांगती रही, "मुझे पता है कि मैं गलत थी। आप बहुत आज्ञाकारी थे और कुछ भी गलत नहीं किया। यह मेरी गलती थी। मैं ... मुझे आपसे इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए थी। मैं उन कठोर बातों को वापस लेती हूं जो मैंने पिछली बार कहीं थीं। मैं आपसे अक्सर मिलने आउंगी और आप पर फिर कभी गुस्सा नहीं करुँगी।"

जब सु कियानक्सुन ने देखा कि उसका छोटा भाई कैसे भ्रूण की स्थिति में ही था, तो उसका दिल बुरी तरह से दुःख गया । डॉक्टर मु ने उल्लेख किया था कि यह आसन अत्यधिक असुरक्षा को दर्शाता है।

पिछले कुछ वर्षों में गहन उपचार के कारण सु जिए स्थिति में स्पष्ट सुधार हुआ था, और उसने लंबे समय से यह आसन नहीं अपनाया था।

"जिए, मैंने आपसे हर हफ्ते में एक बार मिलने का वादा किया है, ठीक है? मैं वादा करती हूं कि मैं आपसे एक हफ्ते में दो बार मिलने आने की पूरी कोशिश करुँगी... आप क्या कहते हैं?"

सु कियानक्सुन अपने छोटे भाई के लिए बहुत बुरा महसूस कर रही थी, और उसके लिए और भी बड़े बलिदान करने को तैयार थी। जितनी भी बुरा क्यों न हो, वह बस उस शैतान के साथ संभोग शुरू कर देगी और उन्हें खुद को जितनी चाहे उतनी तकलीफ देने देगी। यह उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी।

"मैं तुम्हें हमेशा प्यार करूंगी।" सु कियानक्सुन नीचे झुकी, अपनी बाहों को धीरे से अपने भाई के चारों ओर रख दिया, और उसके चेहरे को अपने छोटे हाथों से सहलाया।

जब मु बाई ने देखा कि भाई-बहन कितने करीब और अविभाज्य हैं, तो उन्हें उनके लिए बहुत बुरा लगा। उन्होंने देखा कि सु कियानक्सुन के हाथ का पिछला हिस्सा लाल था और उसने पूछा, "कियानक्सुन, आपके हाथ का क्या हुआ? क्या आप घायल हैं?"

सु कियानक्सुन जरा भी नहीं हिली। इसके बजाय, उसने अपनी मुद्रा बनाए रखी और अपने छोटे भाई के चारों ओर अपनी बाहें लपेटे रखीं, क्योंकि वह जानती थी कि एक झप्पी ही थी जिसकी उसे सबसे ज्यादा जरुरत थी। "यह कोई बड़ी बात नहीं है। गलती से मेरा हाथ कार के दरवाजे से टकरा गया था।"

"सु कियानक्सुन!" मु बाई ने अचानक आवाज ऊँची की और उस पर चिल्ला दिया। इसने सु कियानक्सुन को चौंका दिया। वह उन्हें दो साल से जानती थी, और मु बाई ने हमेशा ऐसा दिखाया कि वह एक बड़े भाई के जैसे उसकी रक्षा करते हैं। उन्होंने कभी उस पर अपनी आवाज़ ऊँची नहीं की थी।

सु कियानक्सुन ने सु जिए को छोड़ दिया। उसने आँखे झपकाई और मु बाई को घूरने लग गयी। मु बाई के चेहरे के भाव थोड़े गंभीर थे। उन्होंने उसका हाथ ऊपर खींचा और उसे देखने लगे। "यह पहले से ही सूज गया है। क्या यह इस तरह से सूजता यदि यह बस एक लापरवाह टक्कर होती?"

"डॉक्टर मु..."

"आपको हमेशा ऐसी क्यों होतीं हैं, सब कुछ अपने आप तक क्यों रखतीं हैं। आपने मुझे भी नहीं बताया कि आप घायल हो गयीं हैं! आप लोगों को बहुत परेशान करती हैं, क्या आप जानती हैं ?!" मु बाई को तब अहसास हुआ कि उन्होंने अपना धैर्य खो दिया है।

"क्षमा करें, मैं जाता हूं और आपके लिए कोई दवा लाता हूं।"

मु बाई वार्ड से चले गए और दरवाजे के पास खड़े हो गए। उन्होंने अपना हाथ उठाया और अपना माथा रगड़ा। 'मेरे साथ क्या हो रहा है?' उन्होंने हमेशा अपने आत्म-संयम पर गर्व किया था। हालांकि, जिस क्षण उन्होंने देखा कि युवती घायल हो गई थी, उन्होंने अपना धैर्य खो दिया।

सु कियानक्सुन ने अपने हाथ को देखा। उसकी कलाई पर उभार बढ़ गया था। इससे पहले, उसका हाथ कार के दरवाजे से टकराया था जब लॉन्ग सिजु ने उसके हाथ को दूर झटका था। उसके बाद, उसने उसी हाथ से किआओ येरन के चेहरे पे थप्पड़ मारा था। उभार अब वास्तव में भयावह दिख रहा था।

'लेकिन डॉक्टर मु के साथ क्या हो रहा है? वो बहुत गुस्से में लग रहे हैं। क्या मैंने कुछ गलत किया?'

क्योंकि सु कियानक्सुन अपनी कलाई को घूर रही थी, उसने यह नहीं देखा कि सु जिए, जो उसके बगल में दूसरी तरफ मुँह कर के बिस्तर पर लेटा हुआ था , उसने अपने बड़े हाथों को मुट्ठी में बंद कर लिया था। उसका पूरा शरीर बेहद कड़क हो गया था।

मु बाई कई अलग-अलग प्रकार की दवा के साथ जल्द ही वार्ड में लौट आये। वह बिस्तर के पास चल कर गए, सु कियानक्सुन का हाथ खींच लिया, और उसकी जांच की। वह चिंतित थे कि यह एक हड्डी की चोट थी, इसलिए उन्होंने उसे उसकी कलाई को चारों ओर घुमाने के लिए कहा। एक बार जब वह निश्चित हो गए कि उसकी हड्डी ठीक है, तो उन्होंने एक औषधीय स्प्रे निकाला और उस पर लगाने वाले थे।

हालांकि, मु बाई के हाथ अचानक मध्य हवा में रुक गए। सु कियानक्सुन अभी भी उसके इलाज की प्रतीक्षा कर रही थी, और उसने उन्हें देखने के लिए अपना सिर उठाया तब उसने देखा कि उन्होंने हिलना बंद कर दिया है। मु बाई ने उस युवक की ओर देखा, जो बिस्तर पर बेसुध पड़ा हुआ था, और कहा, "जिए, क्या आप अपनी बड़ी बहन के हाथ पर औषधीय स्प्रे लगाना चाहते हैं? वह घायल है। यदि आप उसके लिए यह करते हैं, तो उसकी चोट बहुत जल्द ठीक हो जाएगी, नहीं तो वह बहुत दर्द में रहेगी। "

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