वही उसकी पीड़ा का एकमात्र उपचार था।
गू मोहन ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति था जो उसे सबसे बड़ी खुशी दे सकता था और उसके शरीर में जल रहे सभी दर्दों को भूलने में मदद कर सकता था। केवल वह उसे अपनी बाँहों में लेकर झूठ बोलने में सक्षम था क्योंकि उस समय उसे दुनिया में किसी अन्य चीज़ की कोई परवाह नहीं थी।
वह जानती थी कि उसे कोई उम्मीद नहीं है। यह टल नहीं सकता था। उसे जो भी ज़हर का दिया गया था उसकी तुलना इस घातक चीज़ से नहीं की जा सकती थी। वह विष गू मोहन कहलाता था।
"श्रीमान गू, श्रीमान गू ..." टैंग मोर ने अपनी आँखें बंद कर लीं और रोते हुए गू मोहन को असहाय रूप से पुकारने लगी।
हुओ बाईचेन ने उसे लगातार श्रीमान गू को पूकारते हुए सुना और वह उसकी आँखों से गिरते बड़े आंसू को देखकर स्तब्ध रह गया था। जब वह अपनी उंगलियों से उन्हें पोंछने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ा तो उस महसूस हुए कि वे गर्म थे।
वे वास्तव में गर्म थे।
हुओ बाईचेन को लगा कि उसकी उंगलियां लगभग जल गई थी। क्या यह सच्चा प्यार था?
"सीधी होकर बैठो, मैं तुम्हें डॉक्टर के पास ले जाऊंगा।" हुओ बाईचेन ने एक्सीलेटर पर अपना पैर पटका और उसकी स्पोर्ट्सकार तेजी से आगे बढ़ गयी।
विला में।
हुओ बाईचेन ने गुस्से के कारण डाक्टर को लात मारी, "तुमको चीजों को समझने में कितनी देर लगेगी? क्या तुम एक डॉक्टर हो या नहीं? इसे क्या हुआ है?"
डॉक्टर आगे तरफ लगभग लुढ़कते हुए बोला, "युवा ... युवा मास्टर हुओ, इस महिला को ज़हर दिया गया है।"
"क्या? तुम्हारा क्या मतलब ज़हर दिया गया? कौन सा ज़हर?"
"यह...मुझे अभी तक पता नहीं है, लेकिन मैंने उसे शांत करने की एक दवाई का इंजैक्शन दिया है। इसे प्रभावी होना चाहिए साथ ही कुछ समय के लिए इससे इन्हें आराम मिलना चाहिए।"
हुओ बाईचेन के चेहरे पर एक भयावह भाव था। वह फिर से डॉक्टर को लात मारना चाहता था।
लेकिन महिला बिस्तर पर लेट समय इधर-उधर करवटें बदल रही थी तभी उसकी भौंहें सिकुड़ गयी और उसने अपने होंठो को हिलाते हुए कुछ कहने की कोशिश की।
हुओ बाईचेन तेजी से सब नीचे रखते हुए बिस्तर के पास चला गया। जब वह एक घुटने पर बैठा उसकी बातें सुनने के लिए नीचे झुका, तब वह केवल एक ही नाम उसकी ककर्श आवाज़ में उसे दोहराते हुए सुन सकता था। "मिस्टर गू, मुझे मत छोड़ो ... मिस्टर गू, मैं आपको याद कर रही हूँ ..."
वह उसके दूसरे भाई को दुबारा पुकार रही थी।
जैसे ही वह उसके बगल में झुका तब टैंग मोर का छोटा चेहरा ठीक उसके सामने था। वह उसके चारों ओर बेहोश युवती गंध को सूँघ सकता था और उसकी पलकें सुंदर और नाजुक थीं जो हवा में उड़ती तितली के पंखों की तरह फड़फड़ा रही थीं।
हुओ बाईचेन ने खुद को मंत्रमुग्ध पाया और अपनी उंगलियों के अगले छोर से उसकी लंबी पलकों को हल्के से छूने के लिए अपना हाथ बढ़ाया।
अचानक टैंग मोर ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके हाथ को पकड़ कर बिल्ली के बच्चे की तरह अपने चेहरे को सहलाते हुए कहा "मिस्टर गू, तुम अंत में यहाँ आ गए ..."
हुओ बाईचेन अपना थूक निगल लिया और उसके गले के उभार में प्रमुखता से हरकत नज़र आई। अनजाने में उसे अपने पेट के निचले हिस्से में कुछ हलचल महसूस की। लानत है कि वह उत्तेजित हो गया था।
उसने अपना हाथ हटा लिया और तुरंत बिस्तर से हट कर खड़ा हो गया।
अपने अचानक पीछे हटने के कारण वह अपने ही पैरों पर लगभग फिसल गया था।
डॉक्टरों, नर्सों और यहाँ तक कि कमरे में मौजूद नौकरानियों ने युवा मास्टर हुओ को पहले कभी भी इतनी मूर्खतापूर्ण तरीके से व्यवहार करते नहीं देखा था और उनकी नज़रें उस पर आश्चर्य से टिकी गई थीं।
उन सब को नाराज़गी से देखते हुए हुओ बाईचेन ने अपनी मुट्ठी बंद कर ली और कहा, "तुम लोग क्या देख रहो हों? यदि तुम लोगों ने अपनी नज़रें नहीं हटाई तो मैं तुम्हारी आँखों की पुतलियाँ को बाहर निकाल लूंगा!"
जब हुओ बाईचेन दूर हट गया तब टैंग मोर ने अपनेपन के एहसास को खो दिया और एक बार फिर दर्द को महसूस किया। लव पी का ज़हर बहुत शक्तिशाली था और ट्रैंक्विलाइज़र का बहुत अधिक प्रभाव नहीं था।
हुओ बाईचेन ने उसकी दयनीय हालत को देखा और जल्दी से कमरे से बाहर चला गया।
गलियारे के पास आकर हुओ बाईचेन ने अपना सेल फोन बाहर निकाला और गू मोहन के फोन नंबर पर कॉल किया।
"हैलो, दूसरे भाई, बेहतर होगा जो आप यहाँ आ जाएं। सुंदरी टैंग को जो भी ज़हर दिया गया है उसका असर हो रहा है और वह लगातार आपका नाम पुकारे जा रही है ..."
उस समय गू मोहन अपनी पतलून की जेब में एक हाथ डालकर दूसरी मंजिल की बालकनी पर खड़ा हुआ था। जैसे ही उसने हुओ बाईचेन को यह कहते हुए सुना कि 'वह लगातार आपका नाम पुकार रही है', उसने अपने सेल फोन को जकड़ लिया जिससे उसके जोड़ सफेद पड़ गए थे और उसके शरीर में दवाब उसने महसूस किया।
उसका सुंदर चेहरा एक काले रंग की उदासी, संयम और अत्यधिक दर्द से भर गया।
वह अभी तक उससे मिलने नहीं गया था।
लू क्यूईयर ने उसे पीछे से घेर लिया था।
"भाई मोहन, क्या तुम फोन पर हो?"
गू मोहन उसकी तरफ मुड़ा और उसकी लंबी आकृति से एक ठंडा अँधेरा बाहर आ रहा था जिसका वर्णन करना मुश्किल था। एक शैतानी भरी मुस्कान उसके होठों पर थी "तुम मेरे साथ सेक्स करने के लिए इंतजार नहीं कर सकती हो?"