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Chapter 207 - उसके सपनों में ज़ी जून का आना

यह स्पष्ट था कि उसके पास कहने के लिए और कुछ नहीं बचा था। लिन शियू उसकी तरफ पीठ करके सो गयी।

वह शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से थक चुकी थी। इसके अलावा उसने उस रात उस पर वापस हमला कर दिया था। बस इंतजार करो और देखो वह एक सही दिन उससे बदला जरूर लेगी । जब वह बदला लेने के लिए अपनी पूरी ताकत वापस पा लेगी।

फू किंगलन ने बालकनी पर खड़े होकर सिगरेट जलाई। इन सभी वर्षों में यह पहली बार था जब उसने अपना आपा खोया था। वास्तव में उसने इतनी आसानी से उसके सामने अपनी भावनाओं पर नियंत्रण खोने की उम्मीद नहीं की थी। यह एक ऐसी क्षमता थी जिस पर उसे नियंत्रण होने पर गर्व था क्योंकि उसने शायद ही कभी अपनी भावनाओं को ऐसे जाहिर होने दिया था। भौंहें सिकोड़ते हुए उसने अपनी सिगरेट समाप्त की पर वह अभी भी निराश था।

वह अपने शरीर को सबसे अच्छी तरह से जानता था| इसमें कोई समस्या नहीं थी। पर कैसे वह केवल दस मिनट तक ही टिक पाया? यह दुष्ट छोटी सी चीज़ ठीक-ठीक जानती थी कि क्यों ऐसा हो रहा था। वह वास्तव में जानती थी कि एक आदमी को कैसे फुसलाना है और उसे क्या करना है। वह हमेशा ही अपनी इच्छा के अनुसार एक साधन से उसे केवल चंद मिनटों तक ही उसे टिकने देती थी। यह वह जानबूझकर उसे करवा रही थी ...

तीन साल पहले उसकी शादी की रात उसने उसके साथ इतनी अच्छी तरह से खेला था कि वह नहीं कर सका ...

लानत है! उसने महसूस किया कि वह उससे फिर हार गया था।

ठंडी रात में कुछ देर तक टहलने के बाद वह वापस कमरे में चला गया। महिला सो चुकी थी और उसकी सांस बहुत हल्की थी।

वह बिस्तर के किनारे पर खड़ा था और उसने नीचे उसकी तरफ देखा। चादर उठाकर उसने अपने शरीर को उसके बगल में सोने के लिए धीरे से बिस्तर पर धकेल दिया।

लिन शियू उसकी तरफ पीठ करके सो रही थी। उसने अपनी मर्दाना भुजा को फैलाया और उसकी कमर को पकड़ा और उसका चेहरा अपनी तरफ करने के लिए उसे पलट दिया।

उसके छोटे चेहरे को देखते हुए उसने पाया कि यह तीन साल पहले की तुलना में अब अधिक सुंदर लग रहा था। उसकी स्पष्ट क्रिस्टल जैसी आंखें बंद थीं जिनके ऊपर से बंद पलकें लहरा रही थीं। वह उसकी आँखों से प्यार करता था। उनमें शुद्ध निर्दोषता थी जो नश्वर लोगों की पहुंच से परे थी। वह कैसे कामना कर सकता था कि वह उसके नकली पक्ष को उतार कर उसके सबसे अंतरंग पक्ष को देखे सके।

यह दुष्ट छोटी चीज़ अब भी उतनी ही शरारती थी। कोई भी आदमी कभी भी उसका मैच नहीं हो सकता था।

फू किंगलन ने उसकी भौंए उठायी और उसके लाल होंठों को चूमा। उसने और अधिक चाहते हुए अपनी जीभ बाहर निकाली और उसे उसके छोटे से मुंह में धकेल दी।

जब वह गहरी नींद में थी तो उसने बिल्कुल भी विरोध नहीं किया। उसके होंठ मूक स्वीकृति से खुल गए थे। फू किंगलन ने उसकी छोटी सी जीभ को महसूस किया और उसके आड़ू के समान गुलाबी होंठों को धीरे से चूसने के दौरान एक शर्मनाक आवाज़ उसके मुंह से निकली।

इस समय लिन शियू की नाक फड़फड़ाई और ऐसा लग रहा था कि वह जागने ही वाली थी।

फू किंगलन ने उसे जाने दिया और नाटक किया कि वह सो रहा था।

कमरा शांत रहा और महिला नहीं जगी। फू किंगलन ने फिर से अपनी आँखें खोली और अपने हाथों से उसके रेशमी बालों को छुआ। एक हाथ पर झुकाते हुए उसने उसके चेहरे को पकड़ा और उसे गहराई से चूमा। वह उसके होठों पर मोहित था।

अभी भी उसके मुंह में उसकी जीभ थी । थोड़ा-थोड़ा करके उसकी मांसपेशियों कस गयी और एक सुलगती लौ भीतर जल उठी। उसका हाथ पकड़कर उसने उसे कमरबंद की ओर बढ़ा दिया ...

"शि शि" 

उसका नाम उसके कानों में एक कोमल कानाफूसी जैसा था।

लिन शियू अपने सपने की गहराई में थी। उसने सपना देखा कि वह छह साल पहले वापस लौट आई थी जब उसने ज़ी जून के पत्र का जवाब दिया था। वह उसे शि शि पूकारता था।

शि शि उसका उपनाम था जिससे केवल उसकी माँ उसे पुकारने का हक रखती थी।

जब वह 15 से 18 वर्ष की थी तब से उन तीन वर्षों में ज़ी जून ने अभ्यास प्रश्नों को पूरा करने के लिए उसका साथ दिया था। उससे मिलने से पहले उसने कभी नहीं सोचा था कि वह किस तरह के आदमी को पसंद करती थी। उससे मिलने के बाद ही उसने पाया था कि वह इस विचार के चुपचाप रात को उसके मन रेंगने को महसूस करती थी। परिष्कृत और रहस्यमयी जो उसे पसंद आएगा वह शक्तिशाली होगा फिर भी बुद्धिमान होगा। कोई जो खुद को उसके खिलाफ खड़ा कर सकता हो और कोई जो उसकी बुध्दिमत्ता को चुनौती दे सकता हो। कोई उसके जैसा ।

वह ज़ी जून से प्यार करती थी।

वह नहीं जानती थी कि ज़ी जून उसके लिए क्या मतलब रखता था। उसके पत्र पर सभी अभ्यास प्रश्न थे जिसमें रहस्यमयी तरीके से एक आदमी की निर्दोष और शक्तिशाली आभा थी। शायद वह सिर्फ उसी पर मोहित थी।

उसके सपनों में दृश्य बदल गया। ज़ी जून ने उसे एक पत्र लिखा था जिसमें उनसे मिलने के लिए पूछा था।

सफेद शर्ट और नीली प्लेटेड स्कर्ट पहने उसके हाथों में कुछ किताबें थीं और उसके रेशमी बाल हवा के झोंके से उड़ रहे थें। चिंता की भावना ने उसके दिल को जकड़ लिया था क्योंकि वह ज़ी जून के आने का इंतजार कर रही थी।

ज़ी जून आ गया था। नीली डेनिम जीन्स के साथ एक सफेद शर्ट पहने हुए । वह बहुत लंबा और मर्दाना था जो एक परिष्कृत और अमीर उत्तराधिकारी की आभा को बढ़ाता था। वह धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था और जहाँ वह खड़ी थी वह भी उसके करीब पहुंच गया था। वह आखिरकार उसका चेहरा देखने वाली थी।

हालांकि यह अजीब लगा रहा था क्योंकि वह किसी वजह से ज़ी जून का चेहरा स्पष्ट रूप से नहीं देख पा रही थी।

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