गू मोहन चला गया जबकि टैंग मोर अभी भी आलीशान बिस्तर पर सो रही थी। थोड़ी ही देर में ही मजबूत बाँहों ने उसे ऊपर उठाया और उसे आसानी से एक मर्दाना जांघ पर रखा। उस आदमी की आवाज़ उसके कानों के नजदीक और चुंबकीय सी लग रही थी, "मोर, उठो। पहले खिचड़ी खाओ।"
टैंग मोर ने अपनी नींद से भरी आँखें खोलीं और उन्हें मलते हुए केवल उस आदमी के बढ़े हुए रूप को देखा जो उसकी दृष्टि रेखा में था। "तुम वापस आ गए?"
"मम।" उसने उसे एक हाथ से गले लगाया और उसे अपनी बाहों में आराम से नींद लेने दी। अपने दूसरे हाथ से चम्मच को उठाते हुए उसने उसे लाल सेम की खिचड़ी खिलायी।
टैंग मोर को जो खिचड़ी उसे खिलाई जा रही थी वो उसने खाई। वह काफी भावुक थी पर नहीं जानती थी कि यह गू मोहन की विचारशीलता थी या यह खिचड़ी थी जिसने उसके दिल को छुआ था। गर्म मिठास की एक छटपटाहट ने उसके दिल को घेर लिया था।
"क्या ये स्वादिष्ट है?"
गू मोहन ने अपनी बाँहों में मौजूद स्त्री को देखा। उसका नाजुक चेहरा इतना नरम और कोमल था कि वह एक नरम अंडे के सफेद भाग जैसा दिखता था। उसके प्यार की मिठास से खिला हुआ उसका चेहरा चमकता हुआ दिखाई दिया। उसका नाजुक बदन इतना मुलायम था कि ऐसा लग रहा था जैसे उसकी कोई रीढ़ नहीं है। जितना अधिक देर तक उसने उसे अपनी गोद में बिठाया हुआ था उतना ही वह उसकी ओर आकर्षण महसूस कर रहा था।
उसने लाल सेम की खिचड़ी इतने नाजुक तरीके से खायी कि लाल सेम की खिचड़ी उसके होठों पर चमकने लगी। चाहे वह खिचड़ी हो या वह दोनों ही काफी आकर्षक लग रहे थे।
वह थोड़ा ईर्ष्यालु लग रहा था।
टैंग मोर ने अपनी साफ़ आँखें फैलाते हुए पूछा, "क्या तुमने खा लिया है?"
गू मोहन के होंठ एक रेखा में सीधे हो गए और उसने कहा "अभी तक नहीं। मुझे चिंता थी कि तुम बहुत भूखी होंगी इसलिए मैं चाहता था कि तुम पहले खाओ। जब तुम्हारा पेट भर जाएगा, मैं तब खाऊंगा।"
"ओह।"
टैंग मोर ने अपने हाथ आगे बढ़ाएं और उसे गर्दन से पकड़कर गले से लगा लिया। उसने उसे चूमने के लिए पहल की उसके मुंह में उसकी जीभ दबा दी और उसकी जीभ की नोंक से उसे उलझा दिया।
गू मोहन ने इस पहल की सराहना की।
टैंग मोर ने थोड़ी देर के लिए उसे चूमा और फिर उसे जाने दिया । उनकी साँसे एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई थी। उसकी ब्रश जैसी पलकें उसकी आँखों पर गुदगुदी कर रही थीं और उसने गू मोहन की स्पष्ट क्रिस्टल जैसी आँखों को देखा और चिढ़ाते हुए कहा, "क्या खिचड़ी स्वादिष्ट है?"
गू मोहन ने अपनी भौंहें ऊपर उठाईं और भौएं हिलाते हुए कहा " यह मीठी है।"
गू मोहन के उसे आधी कटोरी खिचड़ी खिलाने तक उनकी अंतरंगता जारी रही।
टैंग मोर वापस अपने बिस्तर पर आ गई और संतोष से अपनी आँखें बंद कर ली ।अब लगभग आधी रात हो चुकी थी।
आदमी ने उसके बगल में लेटने में कोई समय बर्बाद नहीं किया।
"अरे, गू मोहन क्या कर रहे हो?"
"जब अब तुम्हारा पेट भर चुका है तो अब समय है कि तुम मुझे खिलाओ"
टैंग मोर उसे दूर धकेलना चाहती थी हालांकि वह लाल बीन खिचड़ी और उनके पहले की गतिविधियों के बाद सुस्ती की गर्माहट को महसूस कर रही थी। अपनी उंगलियों की छोटी मुट्ठी बनाते हुए उसने गू को हल्के से मुक्का मारते हुए कहा "श्रीमान गू, हमारे पास कोई कंडोम नहीं बचा है।"
"मुझे पता था कि तुम मुझे कंडोम खरीदने के लिए कहोंगी इसलिए मैंने उन्हें रास्ते में ही खरीद लिया था।" उसने एक प्लास्टिक की थैली उठाई और उसे बिस्तर पर फेंक दिया वह ये एक करीबी दुकान से लाया था।
टैंग मोर ने उस ओर देखा ..वहाँ प्लास्टिक बैग में कंडोम के पाँच या छह डिब्बे थें।
टैंग मोर यह जानती थी! उसने ये सभी कंडोम लाल बीन खिचड़ी खरीदते समय खरीदे थें।
"क्या तुमने उस दुकान की अलमारियों के खानों में मौजूद सभी कंडोम खरीद लिए ?"
"मैंने इस विशेष मॉडल के सभी खरीद लिए।"
"... तुम अन्य लोगों के लिए कुछ तो छोड़ सकते थे?"
"जब मैं खरीद रहा था तो एक और आदमी भी कुछ खरीदना चाहता था। उसने मुझसे एक डिब्बा छोड़ने के लिए कहा तो मैंने उसे दे दिया। हालांकि जिस पल उसने आकार देखा तो उसने कुछ नहीं कहा और मुझे वह डिब्बा वापस दे दिया।"
शादी घर में।
इसके बाद पुरुषों और महिलाओं के बीच एक-एक जोड़ी बनाकर नृत्य किया गया। डांस पार्टनर चुनने के नियम के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को एक नंबर चुनना था। पुरुषों और महिलाओं में जिन्होने भी एक समान नंबर चुना होगा वे इस क्षेत्र में एक दूसरे के भागीदार होगें।
मैडम फू तुरंत ही लिन शियू के पास आईं और लिन शियू को जबरदस्ती एक नंबर थमा दिया । "शियू, इसे ले लो। मैंने चुपके से देख लिया था कि फू किंगलन ने कौन सा नंबर चुना था वह 68 था।"
लिन शियू ने अपने हाथों में 68 की संख्या देखी और मैडम फू के चेहरे को देखा जो गर्व भरी मुस्कान दर्शा रहा था।