टैंग मोर जल्दी से नीचे पहुँच गयी और उसने उसकी दागदार स्कर्ट को पकड़ लिया।
इस क्षण उसकी कमर के चारों ओर एक शक्तिशाली हाथ लिपटा गया था। गू मोहन ने अपनी पैनी और पूर्वाभास भरी आँखों से वेटर को देखा। वेटर ने अपना सिर नीचा कर लिया और परेशान होते हुए माफी मांगी, "सॉरी मिस। मैंने यह जान बूझकर नहीं किया।"
गू मोहन ने टैंग मोर को देखा जो उसकी बाँहों में थी। "मैं तुम्हें एक नई पोशाक बदलने के लिए ऊपर ले चलता हूँ।"
उसकी गीली पोशाक को देखते हुए उसके पास यही एकमात्र विकल्प था। टैंग मोर गू मोहन के पीछे पीछे सीढ़ियों से ऊपर चली गयी ।
ऊपर कमरे में।
गू मोहन ने टैंग मोर को बदलने के लिए एक नई पोशाक दी और उसे चूमने के लिए बढ़ते हुए वह बोला "चलो अंदर चलते है और एक साथ इसे धो लेते है, ठीक है?"
टैंग मोर ने तुरंत अपना हाथ बढ़ाया और उसे दूर धकेल दिया। "तुम क्या कह रहे हो? तुम्हारी माँ और मेहमान सभी नीचे हैं। अब मुझे ये मत कहना की कि तुम उन्हें जताना चाहते हो कि हम दोनों ऊपर सेक्स कर रहे हैं?"
गू मोहन की पुतलियाँ गहरी हो गयी और उसकी बड़ी हथेलियाँ मोर की कमर से टकराईं । उसने अपनी निर्दयी उँगलियों को उसके शरीर पर रगड़ दिया।
"डरने की क्या बात है? अगर हम देर रात तक सेक्स करते भी हैं तो वे कभी दरवाजा खटखटाने की हिम्मत नहीं करेंगे।"
"नहीं। तुम्हारी माँ पहले से ही मुझे पसंद नहीं करती है और अगर हम इस तरह से सेक्स या कुछ भी करते हैं तो वह सोचेगी कि मैं एक बेवकूफ वेश्या से भी अधिक हूँ।" टैंग मोर ने अपनी बात कहने के बाद पोशाक ली और बाथरूम में चली गयी।
बाथरूम से आती तेज़ पानी की आवाज़ सुनी जा सकती थी। गू मोहन ने बालकनी में खड़े होकर अपने हाथों को अपनी जेब में डाला। ठंडी हवा का एक झोंका उसके पास से गुजरा और जितना अधिक वह इंतजार कर रहा था उतना ही अधिक वह उग्र और घुंटन महसूस कर रहा था।
वह जो कुछ सोच पा रहा था वह केवल उसकी बाँहों में मौजूद मोर की कल्पना थी। उसने उस पल को याद किया जब मोर के शरीर उसने अपनी तरफ दबाया हुआ था। उसके मोहक शरीर के एहसास को महसूस करते हुए मोर के करीब आने पर उसके शरीर से आने वाली नशीली गंघ को गू मोहन लगभग सूंघ सकता था ।
उसकी साँसें गर्म और भारी थीं। गू मोहन वापस बेडरूम में चला गया और उसने अपना सूट उतार दिया। अपनी शर्ट के ऊपर के दो बटनों को खोलते हुए उसने दरवाजे पर अपनी उँगली के पोर से दस्तक दी। "मोर, दरवाजा खोलो। हम एक साथ नहाने वाले हैं, ठीक है?"
वहाँ से कोई जवाब नहीं आया।
गू मोहन जहाँ तक याद कर सकता था उसे लगता था कि उसमें कई सारी इच्छाएँ मौजूद नहीं थीं। फिर भी टैंग मोर से मिलने के बाद उसे लगा की उसने खुद को ज़्यादा ही आंका था। 30 साल की उम्र में वह युवा और जोरदार था। अपने जीवन के चरम पर था। शुरू में वह खुद को काबू नहीं कर पाता था जब भी उसे लगता था कि जब भी और जहाँ भी वह उसके साथ सेक्स करना चाहता था। अपनी पसंदीदा स्थिति का उपयोग करते हुए वह उसके नीचे हरकत करते उसके कोमल शरीर से आती आहों को सुनने के लिए तड़प उठा।
इस समय जब वह उसके पास था तो उसे कुछ असामान्य महसूस हुआ।
"मोर," उसने एक भारी आवाज में चापलूसी की"अच्छे से व्यवहार करो, दरवाजा खोलो। मैं प्यार करना चाहता हूँ।"
अभी भी वहाँ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
दरवाजे के हत्थे को घुमाते हुए उसने पाया कि दरवाजे का ताला खुला हुआ था जिसे उसने धक्का देकर खोला दिया। उसने बाथरूम में प्रवेश किया और पानी को बहते हुए देखा लेकिन बाथरूम खाली था।
टैंग मोर गायब हो गयी थी।
उसकी नजर तुरंत कमरे में मौजूद एक खुले हुए गुप्त दरवाजे पर पड़ी।
लानत है!
गू मोहन ने महसूस किया कि वह किसी की चाल में फंस गया था। अपने होंठों को एक पतली रेखा में समेटते हुए वह लड़खड़ाया और वापस कमरे में लौट आया।
कमरे में कोई और भी था। वह लू क्युईयर थी।
"भाई मोहन।" लू क्युईयर ने एक स्नेही स्वर में उसका नाम पूकारा।
गू मोहन का सुंदर चेहरा गहरा हो गया था। वह लू क्युईयर से कोई बात नहीं करना चाहता था उसने उसे अनदेखा किया और दरवाजे की ओर बढ़ गया।
हालांकि दरवाजा बंद था और उसे खोला नहीं जा सकता था।
एक मधुर रिंगटोन बजी जिसने एक कॉल आने का संकेत दिया था।
यह लू यान था।
"नमस्ते, श्रीमान गू। आप पाएंगे कि दरवाजा केवल एक घंटे बाद ही खोला जा सकेगा। यदि आपको एहसास नहीं हुआ हो तो आपको नशा दिया गया है। यह दवा आम कामोत्तेजक औषधि नहीं है बल्कि आपके इस शुभचिंतक के द्वारा बनाई गयी खास दवा थी। एक बार जब आप इसका नशा कर चुके होते हैं तो इसका इलाज तब तक नहीं कर पाएंगे जब तक आप किसी महिला के साथ कई बार सेक्स नहीं करते। आह, क्या आनंद है।" फोन के दूसरे छोर पर लू यान की अभिमानी आवाज़ सुनाई दी।
गू मोहन ने अपने फोन को सख्ती से पकड़ रखा था और उसने अवमानना करते हुए मजाक उड़ाया।
"मुझे पता था कि लू ने एक कुत्ता पाला है जो काटेगा लेकिन मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि यह कुत्ता मुझे काटेगा।"
"मैं स्पष्ट रूप से श्रीमान गू को काटने की हिम्मत नहीं करूंगा। आपकी महिला मेरे बगल में है। वह बहुत सुंदर है और उसकी आकृति भी कमाल की है। मैं शायद उसका दिवाना हो गया हूँ। श्रीमान गू क्या आप चाहते हैं कि मैं आपके बदले में उसे एक बार काटू?"