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Chapter 155 - श्रीमान गू, मोर को अगवा कर लिया गया है

"क्या? क्या कभी पहले तुम फू किंगलन से मिली थी?"

"नहीं, मैंने उसे अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा था।" लिन शियू ने गंभीर लहजे में जवाब दिया। "उस समय मुझे यह जानकर झटका लगा था जब उसने कहा था कि वह मुझसे शादी करना चाहता है। मैं तब उनसे उलझना नहीं चाहती थी, इसलिए मैंने उसे कहा था कि मुझे उसके मुआवज़े की ज़रूरत नहीं है और मैं उसे 'लेजेंड' दे दूंगी। उसके बाद में यह जगह छोड़ चली गई थी। लेकिन उस पागल ने मेरा पीछा किया और कुछ अजीब सा कहा था कि हम चूहे और बिल्ली का खेल खेल रहे थे। उसने कहा क्योंकि उसने उसे मुझे श्रीमती फू की पदवी दी तो इसे लेने का हक भी मेरा है। इसके बाद वह चला गया तो मुझे जवाब देने का मौका ही नहीं मिला था।"

टैंग मोर फू किंगलन के अभिमानी आचरण की कल्पना कर सकती थी। क्योंकि उसके मुताबिक श्रीमती फू की पदवी रखने वाली कोई भी महिला खुशी से फूली नहीं समाएगी। हालाँकि यह एक अफ़सोस की बात थी कि वह लिन शियू थी जिसने किसी तरह से श्रीमती फू की पदवी हासिल कर ली थी।

जो अन्य लोगों के लिए एक सपने के सच होने जैसा था वह निश्चित रूप से लिन शियू के लिए एक झटका था।

टैंग मोर ने फड़फड़ाती पलकों के साथ गपशप भरे लहजे में कहा, "शियू, मैं महसूस कर सकती हूँ कि 'लेजेंड' गाने के पीछे एक कहानी है। मुझे ईमानदारी से बताओ कि क्या किसी ने तुम्हारे लिए पहले कभी एक पत्र लिखा था?"

लिन शियू का सुंदर चेहरा एक चमक के साथ खिल उठा। जैसे ही उसे खतों से भरा एक डिब्बा याद आया जो एक छोटे से डिब्बा में बंद था, एक उदास भावना उसके मन में आ गयी थी।

जब वह 15 साल की थी तब उसने प्रथम श्रेणी के विश्वविद्यालय यानी टी विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था। उस वर्ष उसे एक हस्तलिखित पत्र मिला था।

वहाँ कई लड़कें थें जो उसे पसंद करते थें। वे उसे फूल, चॉकलेट और शानदार उपहार भेजते थे। फिर भी किसी ने उसे पत्र कभी नहीं लिखा था।

यह प्रेम पत्र नहीं था बल्कि युद्ध की घोषणा थी। अंदर परीक्षा के प्रश्नों का एक सेट था और गुमनाम व्यक्ति ने उनके उत्तर देने की चुनौती दी थीं।

सवालों के जवाब देने के बाद उसने जवाब में पत्र पोस्ट किया था। कुछ ही समय में उसकी ओर से जवाब आया था। उसके उत्तर उससे कहीं अधिक स्पष्ट और संक्षिप्त थें। इसने उसके भीतर जिज्ञासा पैदा कर दी थी।

तीन साल तक दोनों ने एक-दूसरे को पत्र लिखना जारी रखा था । जब तक कि उसे फू परिवार में शादी करने के लिए मजबूर नहीं किया गया था। उसने केवल उसी दिन उसे पत्र लिखना बंद कर दिया था जिस दिन उसने फू किंगलन द्वारा अपना कौमार्य खो दिया था।

उसने कहा था कि उसका नाम ज़ी जून था।

इतने लंबे समय में पहली बार टैंग मोर ने लिन शियू के चेहरे को सच्ची प्यार की भावना में चमकते देखा था। आखिर वह कौन था जो भगवान की इस पसंदीदा कन्या के दिल पर कब्जा कर सकता था?

टैंग मोर आगे जांच करना चाहती थी लेकिन इससे पहले ही एक मधुर रिंगटोन एक मोबाइल में बज उठी। यह टैंग मोर का फोन था।

"हैलो…"

किसी को नहीं पता था कि फोन के दूसरे छोर पर मौजूद व्यक्ति ने क्या कहा था लेकिन जब टैंग मोर ने फोन कॉल काटी तो वह व्याकुल थी। तुरंत खड़े होकर उसने हताशा में लिन शियू के हाथों को पकड़ लिया। उसकी आँखें व्याकुल और चिंतित थीं । "शियू, मुझे क्या करना चाहिए? मेरी दादी घर पर फिसल कर गिर गई है और वह अस्पताल में है। मुझे उससे मिलने की जरूरत है!"

"मोर, तुम्हारी दादी अभी गाँव में हैं। घबराओ मत। की ज़ी को पहले तुम्हारे लिए निजी वाहन तैयार करने दो।"

टैंग मोर को बचपन से उसकी दादी ने पाला था। जब उनके पास कोई नहीं था तो एकमात्र उसकी दादी ने ही उस पर अपना प्यार और स्नेह बरसाया था। वही उसका इकलौता परिवार थी और इकलौती इंसान थी जो टैंग मोर के लिए किसी खज़ाने और हर व्यक्ति से भी कहीं ज़्यादा कीमती थी ।

की ज़ी ने जिस निजी वाहन की व्यवस्था की थी वह हॉलीडे विला के द्वार पर कुछ ही देर में पहुंच गया था। टैंग मोर जल्दी से कार बैठी और लिन शियू से बात करने के लिए कार की खिड़की को नीचे किया। उसका चेहरा अभी भी चिंता से भरा हुआ था। "शियू, मैं यहाँ का सारा भार तुम्हें सौंप रही हूँ। संपर्क में रहना।"

"ठीक है।"

कार तेजी से निकल गई।

लिन शियू ने कार को रवाना किया और जब उसने पीछे मुड़कर देखा तो की ज़ी जल्दबाजी में आ रही थी "शियू, मोर कहाँ है? निजी वाहन जल्द ही आ जाएगा।"

लिन शियू का दिल डूब गया और एक डर का एहसास उसके पेट में गोला सा बना गया। कुछ तो छूट गया था। "मोर ने बस कार ली और चली गयी।"

"क्या?"

"जल्दी से 110 को बुलाओ और इस मामले की रिपोर्ट करो!"

की ज़ी ने अपना मोबाइल फोन जल्दी से बाहर निकाला और जल्दी से एक नम्बर पर फोन लगा। इस समय लिन शियू ने अपनी आँखों के कोने से दो आकृतियों को देखा। यह गू मोहन था। वह एक दस्तावेज पकड़े हुए था और चुपचाप येन डोंग से बात कर रहा था।

लिन शियू ने उसे पुकारा "अध्यक्ष गू।"

गू मोहन रूका और उसने ऊपर देखा।

"अध्यक्ष गू, मेरे पास एक बुरी खबर है। मोर को अगवा कर लिया गया है।"

गू मोहन के चेहरे का रंग गहरा हो गया और उसकी तरफ देखते हुए उसकी आँखे खतरे के आभास के कारण चमक रही थी ।

 "क्या हुआ?"

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