10 दायें बाएं भागते खिलाड़ियों के पास समय नहीं था, जब उन्होंने देखा कि भयवाह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ी बुरी नियत के साथ पेड़ और झाड़ियों के पीछे से निकले और वहां भाग के गये। भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ियों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कुछ ग्रेनेड फेंके और उन पर बिना समय गवाएं जादू छोड़ा और उसके बाद वो वापस गोब्लिन व्यापारी का पीछा करने लगे। आखिर उनका सही लक्ष्य वही था।
दर्जनों खिलाड़ी फिर से भटकते हुए आये और निराश हो गए। जैसे ही वो ठीक हुए, नील नदी संघ के खिलाड़ी आवाज निकालते हुए पहुंचे।
"कचरा!, बिलकुल कचरा!!" नीलधारा ने बिना रुके अपने विपक्षियों का मजाक उड़ाया। उसके बाद, वो अपने समूह को लेकर, और शुआ शुआ शुआ शुआ करते हुए, आराम से कई लोगो पर वार करते और जादू छोड़ते आगे निकल गया।
ये दर्जन भर दया के पात्र खिलाड़ी हर तरफ से घुमाये जा रहे थे। उसकी किस्मत अच्छी नहीं थी। उन्हें डराया, धमकाया जा रहा था। उनका फायदा उठाया जा रहा था। वो सीधे गिरे और मर गये।
पेड़ का अंकुर बहुत ही गुस्सा था। सरगना रोका नहीं जा सका था और उसके संघ के सदस्यों का भी फायदा उठाया जा रहा था। उसने सीधे नीलधारा को संदेश भेजा, "तुम सब राक्षस हो"
"तुम लोग सिर्फ कचरे का ढेर हो। तुमसे सरगना को रोका भी न जा सका" नीलधारा ने जवाब दिया।
"तुम चू*ये लोग भी तो दिन भर यही थे और तुमसे भी तो कुछ नहीं हुआ" पेड़ के अंकुर ने जवाब दिया।
"हम एक ही नाव के सवार है" नीलधारा ने जवाब दिया।
उसके बाद, दोनों तरफ सन्नाटा पसर गया। उनके दिल भारी हो उठे।
आगे, गोब्लिन व्यापारी के घाव और गहरे होते जा रहे थे। साफ़ तौर पर भयावह महत्वाकांक्षा की भारी पड़ने की इच्छा फिर जाग रही थी। हर बार नीलधारा और अन्य करीब आये थे, भयावह महत्वाकांक्षा ने बिना महसूस किया दूसरे टैंक को फटने दिया था, जो उन्हें दूर रखे हुए था। गोब्लिन व्यापारी की बढ़त लगातार नहीं थी, जिससे हर एक आदमी झुन्झुलाहट का शिकार हो रहा था।
नीलधारा को पहले आशा थी कि औषधि उद्यान को रोकने से उन्हें फायदा होगा। पर कौन जानता था कि औषधि उद्यान के खिलाड़ी पूरी तरह से कचरा साबित होंगे? बेबसी में वो सिर्फ अपनी असली योजना पर ही काम कर सकता था।
"एक दल में दो खिलाड़ी। भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ियों को ढूंढो और उनसे छुटकारा पाओ"
वो बुनियादी रूप से गोब्लिन व्यापारी को नहीं पकड सकते थे। वो मौका पड़ने पर उसे एक या दो बार मार सकते थे, पर इस तरह से मारना, बराबर था भयावह महत्वाकांक्षा की सहायता करने के। वो उसका ध्यान नहीं खींच पा रहे थे और शुरू से अंत तक पहल करने में असमर्थ थे। अगर वो ऐसे ही अपना समय गंवाते रहे तो भयावह महत्वाकांक्षा का नुकसान पहुँचाना ही काफी था। सरगना जिसे चाहे उसे मार सकता था, पर जब तक भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ी जिन्दा थे, तब तक उसे चुराना सम्भव नहीं था। केवल, अगर उसे पूरी तरह से खदेड़ सके या मार सके, तभी वो उसे चुरा सकते थे।
नतीजतन, सरगना को चुराना काफी कठिन था। अगर बहुत देर से पहुंचेंगे, तो सरगना को नुकसान पहुंचाने का कोई सवाल ही नहीं था। इसलिए सिर्फ एक ही तरीका था कि जिसने भी सरगना पर हमला किया हो, उसे मार दिया जाये। इस तरह एक बहुत बड़ी पीके समस्या में बदल जाएगी क्योंकि सभी खिलाडियों में कुशलता का अंतर बहुत कम था। खिलाडियों को मारना राक्षस को मारने से ज्यादा कठिन था। इससे भी ज्यादा, समस्याओं का कोई अंत नहीं था।
नील नदी संघ बाद की समस्याओं को लेकर परेशान नहीं था। भयावह महत्वाकांक्षा से सीधे लड़ते हुए और पीके करते हुए सरगना चुराना, इसकी उन्हें आदत थी। उनके लिए, ज्यादा अहम बात ये थी कि भयावह महत्वाकांक्षा की ताकत और उनकी ताकत बराबर थी। नतीजतन, अगर वे उनसे लड़ेंगे, तो ये 50-50 मौका होगा, दोनों के लिए।
पर इसके अलावा, शांति से देखने से ज्यादा बेहतर यही था। नील नदी संघ के पास लगभग 20 खिलाड़ी थे। इस समय वो दो 10 खिलाड़ी के दल में बंट गये थे और पूरे जंगल में फ़ैल गये थे। जैसे ही उन्होंने भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ी को देखा, उन्होंने तुरंत ही तेजी दिखाई।
एक ही क्षण में, गोब्लिन व्यापारी एकमात्र लक्ष्य नहीं था। सभी भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ी भी लक्ष्य बन गये थे। 2 लोगों का दल जिसने उन्हें लक्ष्य के नजदीक ध्यान से लड़ते देखा।
पर खिलाड़ी का पीछा करना आसान नहीं था। सभी के दर्जे और इक्विपमेंट बराबर थे। उनकी हरकत की रफ़्तार भी बराबर थी और उनके सहने की क्षमता भी एक जैसी ही थी। पीछा करना और सिर्फ पीछा करना। चमकते विद्युत ने अचानक कहा, "हुंह? वो गोब्लिन व्यापारी कहाँ गया? मैं उसे अब नहीं देख पा रहा हूँ"
उसके संदेश से सभी जाग से गये। सभी आपने सामने के लक्ष्य पर ही नजर लगाये थे। पर उनके अंतिम लक्ष्य का क्या? वो अब भी वहां था? एक बार सभी ने इस बात पर ध्यान दिया, यहाँ तक की उन्होंने भी ध्यान दिया जो अभी गोब्लिन व्यापारी को देख सकते थे, कि अचानक वो बहुत दूर चला गया था।
"हमे धोखा दिया गया है..." गोलू नाविक ने कहा।
"ये समय सरगना का है, हमे अब छोड़ देना चाहिए!" नीलधारा ने दुखी होकर घोषणा की।
संघ के सदस्यों ने एक भी शब्द नहीं बोला। इस तरह के हालात नील नदी संघ में न के बराबर थे। लड़ते हुए, बीच राह में हार मान जाना? इस तरह का व्यवहार तभी होता था, जब नयी कोठरी खुलती थी या नया सरगना छूटता था। पर अभी? ये सिर्फ एक गोब्लिन व्यापारी था। सभी अच्छे से जानते थे कि ये एक छोटा सरगना था। उनके विपक्षी भी जान पहचान वाले भयावह महत्वाकांक्षा था। उनके विपक्षी के पास केवल विकट देव था, उसके बाद भी उनके पास बहुत अधिक समय था और उन्होंने युद्ध बीच में छोड़ दिया।
"हे, तुम लोग अब पीछा क्यों नहीं कर रहे हो?" पेड़ के अंकुर ने संदेश भेजा।
"अब सब तुम्हारा है" नीलधारा ने कहा।
"तुम क्या सोच रहे हो?" पेड़ के अंकुर ने शंका जताई।
"पीछा करते रहो और तुम जान जाओगे"
क्योंकि पेड़ का अंकुर और अन्य, आगे रोकने का काम करने से लेकर पीछे से पीछा करने तक का काम कर चुके थे। इस समय तक उन्हें समझ नहीं आया था कि भयावह महत्वाकांक्षा ने कैसे दूसरे टैंक फटने से गोब्लिन व्यापारी का रास्ता बदल दिया। दायें, बायें जाने से कोई फायदा न होता देख, पेड़ के अंकुर ने बुलंद आवाज में घोषणा की, "एक दल में दो खिलाड़ी। भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ियों को मारना शुरू करो"
हालांकि नील नदी संघ के खिलाड़ियों ने पहले ही हार मान ली थी, वो फिर भी उत्साह से देखने के लिए ही पीछे पीछे चल दिए। ये देखकर कि कैसे औषधि उद्यान ने उनके तरह ही काम किया और बंट गये ताकि भयावह महत्वाकांक्षा के खिलाड़ी, सब अच्छा महसूस करने लगे।
"च्च, च्च, च्च" भीड़ इस तरह की आवाजों से भरी हुई थी।
पांच मिनट बाद, पेड़ के अंकुर ने नीलधारा को संदेश भेजा, "तुम चू*ये तुमने ये पहले क्यों नहीं बताया?" साफ़ तौर पर उन्होंने भी ये देखा कि उनके साथ धोखा किया गया था।
"अगर मैं ऐसा कहते तो क्या तुम मेरी बात का भरोसा करते?" नीलधारा ने जवाब दिया।
पेड़ के अंकुर ने धीरे से कुछ भुनभुनाया और फिर गम्भीरता से जवाब दिया "मैंने तो बिलकुल भी न किया होता"
"बस यही है अब" नीलधारा ने कहा।
"हम अब क्या करे? क्या तुम लोग भी हार मान लोगे?" पेड़ के अंकुर ने कहा।
"हम्म" नीलधारा ने कहा।
"मैं... मैं तुम पर भरोसा नहीं कर सकता हूँ" पेड़ के अंकुर ने कहा।
"तुम चू*या..." नीलधारा ने बेबसी में ककहा।
औषधि उद्यान के खिलाड़ी एक बार फिर इकट्ठा हो रहे थे। नीलधारा उनसे ज्यादा दूर नहीं था। जो उनसे सबसे ज्यादा दूर थी था वो था गोब्लिन व्यापारी।
संघ और खिलाडियों के अन्य क्रम में, जो लोग कुशल थे उन्होंने भी औषधि उद्यान और नील नदी संघ को हार मानते हुए देख लिया था। ये दोनों बड़े संघ कुशलता और संगठन भाव से भरे हुए थे, उसके बाद भी वो ठीक नहीं कर पाए। तो फिर ये दूसरे दर्जे के संघ और कुछ अजनबी खिलाड़ियों से क्या होगा?
इस समय, अगर सब एक साथ हो जाते, तो भी उनके पास मौका था। पर उन्हें आगे कौन ले जायेगा?
पेड़ का अंकुर बेचैन हो रहा था। वो नीलधारा के सामने गया और सीधे बोला, "अगर हम उसे नहीं मार सकते, फिर भी, हम भयावह महत्वाकांक्षा को उसे आसानी से कैसे ले जाने दे रहे थे! अगर हम सब एक हो जाए, तो फर्क नहीं पड़ता कि पहला शिकार कौन करेगा, ये इससे बेहतर ही होगा की भयावह महत्वाकांक्षा के नाम हो"
"वो सिर्फ एक गोब्लिन व्यापारी था। इतना बात का बतंगड़ बनाने का क्या फायदा?"
पेड़ के अंकुर ने सोचा। सही में कोई ख़ास बात नहीं थी। ये सबसे छोटा जंगली सरगना था। अगर भयावह महत्वाकांक्षा जीत जाता, तो भी कोई मतलब नहीं होगा। उनके सामने अभी भी लंबा रास्ता था।
"तुम्हारा जाने का मन कभी नहीं था!!" पेड़ के अंकुर ने कहा।
"तब तुम जाओ। ऐसा नहीं है कि मैं तुम्हे रोक रहा हूँ" नीलधारा ने कहा।
"चू*या, इतनी कोशिश से कुछ नहीं मिलेगा। मैं इसे खुद से नहीं करने वाला हूँ" पेड़ के अंकुर ने कहा।