ये क्सिऊ ने इक्विपमेंट एडिटर में सामानों का संग्रहालय देखा। उसके अंदर कुछ असमान चीजे थी जो उसने हाल में ही इकट्ठा की थी। वो उसका अभी तक इस्तेमाल नहीं कर पाया था। ये क्सिऊ ने संग्रहालय बंद किया और सुनिश्चित किया कि बहुरंगी छाता में बदलाव हुए थे कि नहीं। जैसे ही तय हुआ उसने एडिटर बंद कर दिया।
खेल पर वापस लौटते ही उसने बहुरंगी छाता खोलकर बदलाव देखे। बहुरंगी छाता असल रूप में 5 वे दर्जे से था। पर इस बदलाव के बाद, बहुरंगी छाते की तलवार और बंदूक सभी 15 वे दर्जे की हो गयी थी। भार नहीं बदला था और हमले की रफ़्तार भी वैसे ही थी। पर शारीरिक हमले और जादुई हमले 15 वे दर्जे के भाले से बहुत अलग था।
बहुरंगी छाता (तलवार की तरह): शारीरिक हमला-240; जादुई हमला-265
बहुरंगी छाता (तलवार की तरह): शारीरिक हमला-238; जादुई हमला-210
भाला, तलवार, बंदूक, ये अलग वर्ग के हथियार थे और उनके गुणों में अंतर था। अगर वो एक ही वर्ग के होते, तो भी हथियार के अलग गुण होते।
उदाहरण के लिए, खड्ग वर्ग, महानखड्ग सबसे ज्यादा शारीरिक हमले की क्षमता रखता था पर हमले की रफ़्तार बस 1 थी, सबसे धीमी; कटार सबसे ज्यादा जादुई हमले की क्षमता रखता था और लगभग हमले की रफ़्तार 5 थी। हल्की कटारी की सबसे ज्यादा हमले की रफ्तार थी लगभग 9। बाकी दो प्रकार चौड़ी तलवार और ताची था। चौड़ी तलवार की ज्यादा शरीरिक हमले की क्षमता थी पर महानखड्ग जितना नहीं पर हमले की रफ़्तार 3 थी, महानखड्ग से थोड़ा ज्यादा। ताची में जादुई ताकत ज्यादा थी पर छोटी कटारी जितनी नहीं, पर हमले की रफ़्तार 7 थी, थोड़ा ज्यादा। इस तरह तलवारबाज वर्ग को अपने हथियार अलग अलग गुणों और जरूरतों के हिसाब से चुनना था। उदाहरण के लिए, जादुई तलवार और भूतिया तलवार दो वर्ग थे जो मायावी हमले पर निर्भर थे। निडर और खड्ग प्रधान मुख्यतः शारीरिक हमलो पर ही निर्भर थे। तो अगर छोटी कटारी में कोई खास प्रभाव नहीं होगा तो वो इसे नहीं चुनेंगे।
हल्की कटार खास थी। केवल खड्ग प्रधान ही इसे इस्तेमाल कर सकते थे। खेल में समझाया गया था कि जिसके पास खड्ग की सीमा होगी वही इसे बिजली की तेजी से थाम पायेगा। क्योंकि उनकी हमले की रफ़्तार काफी ज्यादा थी। हल्की कटारी के गुण ताची से मिलते जुलते थे, पर शारीरिक और जादुई हमले में थोड़ा कम थे।
इस समय, बहुरंगी छाते के गुण ताची की तरह थे पर इसकी हमले की रफ़्तार 5 थी, उतना ही जितनी कटार की होती है। एक ही दर्जे की ताची से तुलना की जाये तो इसके आंकड़े एक दर्जा कम होंगे। पर बहुरंगी छाते के भाले के रूप को देखे, जिसमे शारीरिक हमले 290 अंक थे, ये भाले में सबसे ज्यादा शरीरिक हमले की क्षमता थी।। ये महानखड्ग के बराबर थी, खड्ग वर्ग में। भाला और महानखड्ग खड्ग वर्ग के हथियार थे, जिनके हमले की रफ्तार 1 थी पर अब हमले की रफ़्तार 5 थी। बहुरंगी छाता का भाला रूप जरूर ही अपने दर्जे के भाले से एक दर्जा ऊपर था।
ये क्सिऊ ने हर चीज का परिक्षण किया। जब उसे निश्चिंत हो गया की बदलाव हो गए तब उसने विकट देव की कुशलता सूची खोली।
20 वे दर्जे पर कौशल अंक फिर शुरू से शुरू होते थे। हालांकि विकट देव बिना विशेषता वाला पात्र था, उसके कुछ अपने फायदे भी थे। वैसे तो 50 वे दर्जे पर दूसरे वर्ग के कौशल अंक भी शुरू से शुरू होंगे, जब वर्ग पुनर्जागरण होगा। पर बिना विशेषता वाले पात्र का नहीं। नतीजतन, अब से कौशल अंक का इस्तेमाल ध्यान से करना था। पर ये क्सिऊ के दस साल के ग्लोरी के अनुभव और वो व्यक्ति जिसने मददगार किताबे लिखी, ये क्सिऊ को इन सब कुशलता का अच्छा ज्ञान था। इस समय, उसे सिर्फ विकट देव की कुशलता का मिलन करना था और जांचना था।
जहाँ तक बिना विशेषता वाले पात्रों का सवाल था, जो भी कुशलता वो सीख सकते थे, वो उनके सामने थी। ग्लोरी में मुख्यतः 6 वर्ग थे और हर वर्ग में ४ विशेषता वाले वर्ग जिससे कुल 24 वर्ग हो गए। औसतन, हर वर्ग 5 या अधिक कुशलता थी, 20 वे दर्जे तक, तो कुल 120 कुशलता। ये वो कुशलता थी जो बिना विशेषता वाले पात्र सीख सकते थे, पर क्योंकि वो सभी निचले दर्जे की कुशलता थी, इसलिए उनका इस्तेमाल मध्य या ऊँचे दर्जे की कुशलता के साथ नहीं हो सकता था।
और इन सब में 120 निचले दर्जे की कुशलता, उसे अभी भी ध्यान से चुनना था क्योंकि कौशल अंक कम थे।
हालांकि निचले दर्जे की कुशलता के लिए बहुत ज्यादा कौशल अंक नहीं चाहिए था, सब 30 कौशल अंक के अंदर ही थे, अपने इस जातीय समस्या के कारण अगर उन्हें ऊपर मिलान करना था तो उन्हें अच्छी योजना बनानी होती। अगर नहीं तो फिर भी उसके पास 5000 अधिकतम कौशल अंक हो जाते, तब भी सम्भव नहीं था सभी 120 कुशलता सीखना। ये क्सिऊ ने अभी तक आखिरी योजना नहीं बनाई थी। पर अभी वो उन कुशलता को सीखेगा जिन्हें वो जरूरी समझता था। जैसे ही वो दर्जे ऊपर उठाएगा, उसने अपने आप को तैयार किया हुआ था इनका इस्तेमाल असली लड़ाई में करने को।
उसने एक बार फिर कुशलता सूची देखी। अचानक ये क्सिऊ को चाय की महक आई और वो घूरने लगा। उसने अपना सर उठाया और देखा। ये टांग रोऊ थी चाय का प्याला पकड़े, रिसेप्शन मेज के बाहर खड़ी।
ये क्सिऊ एक क्षण के लिए भटक गया। उसे देर रात तक जागने की पुरानी आदत थी। पहले, सु मुचेंग हमेशा उसके लिए हरी चाय लाती थी, जब वो देर रात तक जगता था। उस लड़की को लगता था कि जो देर रात तक जगते थे उन्हें हरी चाय पीनी चाहिए थी।
और आज...
उसने टांग रोऊ को अपने चाय के प्याले से चाय पीते देखा।
ये क्सिऊ को पसीना आने लगा। उसे पुरानी बातें याद आने लगी। उसे यहाँ तक लगा कि टांग रोऊ सु मुचेंग है जो उसके लिए चाय लायी थी।
"तुम क्या कर रहे हो?" टांग रोऊने पूछा।
"कुशलता देख रहा था" ये क्सिऊ ने कहा।
"ओह, मैं भी कुशलता सीख सकती हूँ" टांग रोऊ ने कहा।
"आकाशीय आक्रमण और नागदंत?"
"सही"
"ये दोनों बहुत ही काम आने वाली कुशलता है। हालांकि दर्जा बढ़ाना आपकी आदतों पर निर्भर है। पहले, इन दोनों कुशलताओं को जान लो" ये क्सिऊ ने कहा।
"ठीक है" टांग रोऊ ने अपना चाय का प्याला लिया और वहाँ से चल दी। चाय की महक हवा में बिखरी हुई थी, जिससे ये क्सिऊ का मन भटक रहा था। शांति से सिगरेट जलाने के बाद, वो फिर से कुशलता को देखने लगा।
इस समय नीलधारा ने अपनी दोस्तों की सूची देखी और विकट देव को ऑनलाइन पाया। उसके मन में एक अजीब संशय हुआ।
खूनी बंदूकबाज से लड़ाई अचानक हुई थी।
नीलधारा का विकट देव को आमंत्रण इसलिए था कि वो दोनों कुछ देर और साथ रहे और उनकी दोस्ती और गहरी हो। उसने सोचा भी नहीं था कि विकट देव उसे सम्मान देते हुए मदद भी करेगा। सरगना को चुराकर शिकार करना संघ के दर्जे की हरकत थी। एक आदमी की ताकत कितना अंतर ला सकती थी?
अंत में, विकट देव के प्रदर्शन ने सभी को अचम्भे में डाल दिया। वो कुछ खिलाड़ियों को लेकर आगे गया, उसे पता था कि वो उन्हें पहचानता भी नहीं था और खूनी सरगना को मार दिया। उसने तीनों महान संघों की बक्खियाँ उधेड़ दी। औषधि उद्यान संघ का नेता पेड़ का अंकुर युद्ध में मारा भी गया।
नीलधारा नहीं जानता था कि बाकी के दो संघ विकट देव के बारे में क्या सोच रहे थे। किसी भी तरह, वो उस आदमी का और भी बड़ा प्रशंसक हो गया था। वो पहले ही जान गया था कि इस आदमी की कुशलता उससे ज्यादा थी। कम से कम इस अवस्था में नीलधारा खूनी बंदूकबाज को भगा के न ले जा पाता, फिर भले ही वो विकट देव के बराबर ही होता और तीनों महान संघो की कलह को आपस में भिड़ा कर इस्तेमाल कर रहा होता। ख़ासकर जब वो अधमरी सेना से लड़ रहे थे, तो उसके आदमियों ने खूनी बंदूकबाज को लगभग मार दिया था। इस तरह के हमले की क्षमता उनके संघ के बड़े खिलाड़ियों से भी ज्यादा थी। 80% इन सब का श्रेय विकट देव के नेतृत्व को था।
पर प्रशंसा, प्रशंसा थी। असल में नीलधारा को दिल में कुछ ख़ास अच्छा नहीं लग रहा था।
उसे बहुत हार तो नहीं मिली पर उसने बहुत से चेहरे खो दिए थे।
ये पता होना चहिये था कि ये वही था जिसने इस खिलाड़ी को लेकर आया था। ये खिलाड़ी, अंत में उसे ही महसूस कराया कि मानो वही बेकार हो। नीलधारा को लगा की विकट देव ने सही नही किया और उसे पूरी इज्जत नहीं दी।
नीलधारा ने तय किया की वो विकट देव से बात करेगा। उसने विकट देव को संदेश लिखने के लिए पटल खोला और एक संदेश भेजा: "भाई, तुमने आज जो किया वो ठीक नहीं था, नहीं?"