Chapter 97 - मेरी याद आती है?

यह सुनकर, ये वानवान घबरा गई, जब उसने महसूस किया कि आज सी ज़िया कुछ अलग पेश आ रहा था। आमतौर पर वह डेस्क पर लेट कर सोता रहता था और पूरे दिन उसकी तरफ देखता भी नहीं था।

लेकिन आज, उसने वास्तव में उसके साथ बात करने की पहल की, और उसे गणित सिखाने की पेशकश भी की?

*खांसी* "नहीं धन्यवाद, मैं एक अपमानजनक मौत नहीं मरना चाहती! वैसे ... तुम आज कहाँ गए थे? तुम आख़िरी पीरियड में क्यों आए? सभी लड़कियां तुमको मिस करके पागल हो रही थीं!"

सबसे बड़ी बात, सभी ने उसकी अनुपस्थिति के लिए मुझे दोषी ठहराया!

ये वानवान ने बड़बड़ाते हुए सोचा, "अगर सी ज़िया, मेरी वजह से नहीं आया, तो मैं टीचर से सीट बदलने के लिए कह सकती थी। मैं नाटक में अपनी भूमिका नहीं बदल सकती, लेकिन कम से कम सीटें बदलने के लिए कोशिश तो कर सकती हूँ.....

"सच में?" सी ज़िया ने धीरे से पूछा।

"हाँ!" ये वानवान ने सिर हिलाया, फिर उसे पूछने का मौक़ा मिला "तुम आज नहीं आए, क्योंकि ..."

ये वानवान की बात खत्म होने से पहले, सी ज़िया ने उसे टोका और पूछा, "तुम्हारे बारे में क्या?"

"हुंह? मेरे बारे में क्या?" ये वानवान को समझ नहीं आया कि सी ज़िया क्या जानना चाहता था।

सी ज़िया ने उसे शर्माते हुए देखा और कहा, "क्या तुमने मुझे मिस किया?"

ये वानवान पूरी तरह से अवाक थी: "..."

अरे नहीं!!!

वह कौन सा खेल खेलने की कोशिश कर रहा है?!

ये वानवान के रोंगटे खड़े हो गए और जैसे ही उसने चकित होकर पीछे देखा, उसके पूरे चेहरे पर आतंक छा गया, उसने पूछा, "तुम्हें ... क्या तुम्हें बुखार है?"

"ठीक है, सब लोग कृपया शांत हो जाओ! मैं अब प्रश्न समझाने जा रहा हूँ। यदि तुमको कोई कठिनाई हो, तो सुनो और ध्यान दो।"

झाओ जिंग झोउ के शब्द से अजीब सा माहौल समाप्त हो गया।

ये वानवान ने अपनी छाती को जकड़ लिया, उसका पूरा चेहरा भयभीत और अनिश्चित था और वो अभी भी वह उन शब्दों के बारे में सोच रही थी जिनकी वजह से वो लगभग डर के मारे अधमरी हो गई थी!

क्या यह आदमी मुझे चिढ़ा रहा है?

क्लास में पीछे तक बैठी लड़कियां, उसे इतनी बुरी तरह से घूर रही थीं कि उसे लगा कि वो उसके शरीर में छेद कर देंगी।

हालांकि वे यह नहीं सुन प रहीं थीं कि सी ज़िया और वह, किस बारे में बात कर रहे थे, पर वे अच्छी तरह से जानती थीं कि आज सी ज़िया न केवल उसके कंधे पर झुका हुआ था, बल्कि उसने ये वानवान से पहली बार खुद बात भी की थी। कुछ भी हो, ये वानवान को मारने और डुबाने के लिए इतना काफ़ी था।

स्कूल की सभी लड़कियों में यह सहमति थी कि सी ज़िया उन सभी का था और किसी को भी उसके लिए लड़ने की अनुमति नहीं थी। यह एक अनकहा नियम था, इसे तोड़ने वाला सार्वजनिक अपराधी बन जाता।

यहां तक कि अगर कोई लड़की नियम को तोड़ना चाहती है, तो वह केवल सी ज़िया से चुपके से, अपने प्यार को कबूल करने की हिम्मत करती थी, जिससे कि ऐसा न हो कि उसे दूसरों के क्रोध का सामना करना पड़े।

अगर वह पकड़ी गई, तो फिर स्कूल नहीं आ पाएगी।

ऊपर से ऐसा लग रहा था कि ये वानवान ने सबके सामने, सी ज़िया को बहकाने की हिम्मत की थी और इस तरह उसने बहुत सारी घृणा बटोर ली थी।

बेशक, वास्तविकता यह थी कि सी ज़िया गलती से उसके कंधे पर झुक गया था और यह भी, कि वो सी ज़िया ही था, जिसने बातचीत शुरू की थी, लेकिन किसी ने भी इन बातों की परवाह नहीं की - जो व्यक्ति गलत था, वह केवल ये वानवान थी।

ये वानवान ने शुरू में सोचा था कि यह सब स्कूल के बाद खत्म हो जाएगा। कौन जानता था कि सी ज़िया, जो इतने दिनों से लगातार रिहर्सल के लिए नहीं आ रहा था, आज वास्तव में वहाँ दिखाई देगा?

रिहर्सल में, ये वानवान अपनी भौंहें सिकोड़ कर, विचलित रूप से प्रैक्टिस करती रही उसे किसी अमंगल का पूर्वाभास हो रहा था।

सी ज़िया खिड़की के सामने बैठा था और हमेशा की तरह, वह लड़कियों के समूह से घिरा हुआ था, जिन्होंने बहुत उपद्रव किया। 

"सी ज़िया, वह बदसूरत, सनकी हाथ से निकली जा रही है - उसने तुमको कक्षा में परेशान भी किया!"

"सी ज़िया, चिंता मत करो, हमने पहले ही ये वानवान को स्कूल से निकालने की मांग के लिए एक याचिका प्रस्तुत की है। मिस लियांग निश्चित रूप से हमारी मांगों को पूरा करेंगी!"

"असल में तुमको आज आने की ज़रूरत नहीं थी, मिस लियांग अपना फैसला कल सुना ही देंगी!"

"हाँ यह ठीक है, तुम वापस क्यों नहीं जाते, जाकर अच्छी तरह आराम करो। तुमको उस गणित की क्लास के बाद मिचली सी आ रही होगी।"

...

जब लड़कियाँ सी ज़िया पर बमबारी कर रही थीं, तब (नाटक में) उससे पहले के छात्रों ने रिहर्सल करना समाप्त कर लिया था और अब उसकी बारी थी।

कक्षा की मॉनिटर, सी ज़िया के पास तक चली गई और उसने हल्के से पूछा, "उम्म... सी ज़िया, अब तुम्हारी बारी है, क्या तुम ... आज रिहर्सल करना चाहते हो?"

सभी को ध्यान में रखते हुए, सी ज़िया धीरे से अपनी सीट से खड़ा हुआ और स्टेज पर नज़र डाली "बिल्कुल।"

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