Chapter 91 - उसे नीचे उतारो

रेस्तरां बंद होने वाला था, और वहाँ केवल वो दोनों ही बचे थे।

ये वानवान के सोने का समय काफी नियमित था और वह, इस समय तक आमतौर पर सो जाती थी, इसलिए उसे काफी नींद आ रही थी।

जब कुछ देर और इंतजार करने के बाद भी कोई आता दिखाई नहीं दिया, तो ये वानवान की पलकें, भारी और भारी होती गई। उसने पहले अपनी ठुड्डी टिकाई, फिर वह मेज पर झुक कर लेट गई और बाद में सो गई।

लिंग डोंग शुरू में समय का बहुत ध्यान रख रहा था, लेकिन जब उसने सिर उठाया, तो उसने देखा कि ये वानवान गहरी नींद में सो रही थी।

वह लड़की को सोता हुआ देखता रहा और उस रात की एक क्षणिक झलक उसके दिमाग में समा गई। उसके कान गरम होने लगे।

उसने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि वह उससे झूठ बोलेगी तो वह उसकी प्रेमिका बन जाएगी। क्या वह इसलिए मान गई थी, क्योंकि वह वास्तव में उसे पसंद करती है?

लिंग डोंग ने फिर से समय देखा और काफी उत्साहित हो गया। आवेश में उसने लड़की के चेहरे को छू लिया, "वानवान ..."

इसी समय, एक ज़ोरदार आवाज़ हुई और रेस्तरां के कांच के दरवाजे को एक पतले और गोरे हाथ ने धक्का देकर खोला, जिसके साथ रात की हवा का झोंका भी अंदर आ गया।

"कृपया क्षमा करें, हमारा रेस्तरां बंद हो गया है ... एम्म..." वह रात की हवा में घुलती हुई रेस्तरां के मालिक की आवाज़ थी।

पदचाप क़रीब और करीब आती गई।

लिंग डोंग ने अपनी पीठ पर एक अकथनीय सिहरन महसूस की और अनायास दरवाजे की ओर देखा।

अगले सेकंड, उसकी पुतलियाँ सिकुड़ गईं।

उसने देखा एक आदमी धीरे-धीरे उसकी ओर आ रहा था।

वह आदमी एक विंटेज क्लासिक काले सूट में था। उसकी बर्फ़ीली आंखें ऐसी लग रही थीं, मानो वो उसकी आत्मा तक को जमा देंगी।

जैसे-जैसे वह एक-एक कदम चलकर आता गया, ऐसा लगने लगा कि वह बिलकुल भी किसी इंसान के जैसा नहीं था। वह एक राक्षस राजा की तरह दिखता था, जो रात की हवा के साथ यात्रा करता था और जिसने पृथ्वी तक पहुँचने के लिए चंद्रमा की रोशनी का उपयोग किया था। विशाल रेस्तरां अचानक छोटा और तंग दिखाई देने लगा।

आदमी के परिष्कृत स्वभाव और अद्भुत अच्छे लगने वाले अंदाज को देखते हुए, लिंग डोंग को ये वानवान के शब्द सुनाई देने लगे ...

सी ज़िया की तुलना में हज़ार गुना बेहतर....

इस दुनिया में वास्तव में, ऐसा एक व्यक्ति था, और वह था, सी येहान!

लिंग डोंग ने अपने होश संभाले और महसूस किया कि वह, उस आदमी को घूर रहा था, और वह आदमी अचानक ठीक उसके सामने आ खड़ा हुआ।

"उह ... तुम ... क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूँ?" लिंग डोंग ने अवचेतन रूप से पूछा।

उस आदमी ने जवाब नहीं दिया और उस पर भावहीन निगाह डाली। लिंग डोंग को ऐसा लगा जैसे वह उसका शिकार हो, और वह उसे हब्शी की तरह खा जाएगा।

लिंग डोंग का शरीर अकड़ गया था और उसके माथे पर ठंडा पसीना आ रहा था। ये वानवान, जो पूरी तरह से बेहोश सी, गहरी नींद में थी, टेबल के किनारे से गिरने लगी।

यह देखकर कि ये वानवान गिरने वाली है, लिंग डोंग ने उसके पास पहुँचने की कोशिश की ...

सामने खड़े व्यक्ति ने आराम से अपने शरीर को झुकाया और लड़की को अपनी बाहों में थाम लिया।

लिंग डोंग ने वानवान को थामे हुए, उस आदमी को देखा, वह उसे गले लगा रहा था, लिंग डोंग की आँखों में क्रोध झलका।

ये वानवान एक झटके में उठी, आश्चर्य से अपनी आँखों को मला और अपने सामने खड़े व्यक्ति की ओर देखा। थोड़ी देर उसे कुछ न सूझा। फिर उसने धीरे से उस आदमी के शरीर को सहलाया और शिकायती स्वर में बड़बड़ाई, "तुम्हें इतनी देर क्यों लगी ..."

आदमी ने उस लड़की को देखा जो उसकी बाहों में थी; उसकी ठंडी निगाहें, उसकी जोशीली अभिव्यक्ति के बिलकुल विपरीत थीं।

लिंग डोंग ने, ये वानवान और फिर इस आदमी को देखा। क्या… क्या चल रहा है?

जबकि लिंग डोंग ने भावहीन अभिव्यक्ति से देखा, तब उस आदमी ने, ये वानवान को ऊपर उठाना शुरू कर दिया।

लिंग डोंग ने आखिरकार अपने होश संभाले और कहा, "रुको, उसे नीचे उतारो! तुम कौन हो?"

अगले ही पल, उनके आसपास का सर्द माहौल बहुत घनीभूत हो गया।

उस आदमी ने, लड़की को अपनी बाहों में देखा और जब लिंग डोंग उसे आश्चर्य से घूरता रहा, तो उसने धीरे से अपना सिर नीचे किया और लड़की के बुरी तरह से रंगे हुए होंठों को चूम लिया.....

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