सुबह 3 बजे, सु कियानसी जल्दी से ली के घर गयी और कहा, "मैं उससे मिलना चाहती हूं।"
"क्षमा चाहता हूँ , युवा मास्टर ने कहा - सु कियानसी और कुत्तों को अंदर जाने की अनुमति नहीं है।"
दिल में उथल पुथल महसूस करते हुए, सु कियानसी को लगा जैसे उसके अंदर कुछ मर रहा है। वह अपने फेफड़ों का पूरा जोर लगा के रोने लगी, "ली सिचेंग, बाहर आओ हम बात करते हैं! मेरा दादाजी की मृत्यु से कोई लेना देना नहीं है। मैं बेहोश थी, और जब मैं उठी तो दादाजी का देहांत हो गया था!"
गार्ड बिना कुछ बोले उसके डरे हुए चेहरे को घूरता रहा।
"भूल जाओ इसे ," एक धीमी सी आवाज ने कहा। करीब सत्ताईस साल की एक महिला लोहे के गेट के अंदर खड़ी थी। वह लंबी और पतली थी। "वह आपसे नहीं मिलेगा। दादाजी का निधन हो गया है। उन्हें शांति की जरूरत है।"
यह वाही थी ली सींचेंग की सार्वजनिक रखैल , जिसे सु कियानसी ने अपना सबसे अच्छा दोस्त माना था, तांग मेंगिंग।
पिछले पाँच सालों से , तांग मेंगिंग, ली सिचेंग की बांह पकड़े हर जगह उसके साथ जाती थी। मीडिया और बाहरी लोगों की नज़र में, तांग मेंगिंग वास्तविक रूप से श्रीमती ली बन गई थी। और दूसरी ओर, सु कियानसी एक सजावट के सामान से अधिक कुछ नहीं थी।
तांग मेंगिंग धीरे-धीरे सीढ़ियों से नीचे चली आई,सीढ़ी दर सीढ़ी । पहरेदारों ने आदरपूर्वक उसके आने पर उसके लिए द्वार खोल दिया। दोनों महिलाओं को इज़्ज़त देने का तरीका इतना अलग था कि सु कियानसी को टैंग मेंगिंग की हिम्मत से और भी ज्यादा नफरत होने लगी थी।
"तुम दोनों, जाओ कुछ और काम करो। मैं इससे अकेले में बात करना चाहती हूँ।"
दोनों पहरेदारों ने एक-दूसरे की ओर देखा, फिर सिर हिलाया और निकल गए।
"मैंने दादा को नहीं मारा!" सु कियानसी ने कहा।
"मैं जानती हूं। बेशक तुमने उन्हें नहीं मारा।" तांग मेंगिंग मुस्कुराई और गेट के बाहर चलकर आ गई। जल्द ही, वह उस तालाब पर आ गई जो ली के घर के सामने था।
घर के सामने एक गली थी। गली के दूसरी तरफ तालाब था। वहां पर कोई भी लाइट नहीं थी, तो यह बताना कठिन था कि वास्तव में तांग मेंगिंग कहाँ खड़ी थी।
उसकी बातें सुनकर, सु कियानसी को लगा जैसे कुछ गड़बड़ है। उसने जल्दी से तांग मेंगिंग का पीछा किया और पूछा, "क्या मतलब है तुम्हारा?"
"बेशक तुमने दादाजी को नहीं मारा। मैंने ही तो तुम्हें घर से बहार निकलवाया है, तो फिर तुम कैसे दादाजी को मार सकती हो ?"
सु कियानसी ने तांग मेंगिंग को घूर के देखा और कहा, "तो ... वो तुम हो!"
"हश ..." तांग मेंगिंग ने अपनी उंगली उसके होंठों पर रख दी, वह मुस्कुराते रही।
"क्या वास्तव में वो तुम ही थी! यू बिच। दादाजी तुमसे कितना अच्छा व्यवहार करते थे । तुमने ऐसा क्यों किया ...?"
"अच्छा ? "तांग मेंगिंग ने बात को बीच में ही काटते हुए कहा। "अगर वो बूढ़ा आदमी ही ना होता तो, तो सिचेंग की पत्नी तुम्हारे बजाय मैं होती। वो बूढ़ा आदमी मुझे तब से जानता था जब मैं छोटी बच्ची थी। उसने मुझे कभी पसंद नहीं किया। उसे तो बहुत पहले मर जाना चाहिए था!"
"तुम बहुत विश्वासघाती हो । मैं जा के उन्हें सब बताऊंगी !"
सु कियानसी जैसे ही जाने के लिए मुड़ी तो तांग मेंगिंग को बिल्कुल भी डर नहीं लगा। वह धीमे से मुस्कुराई और बोली, "तुम्हें लगता है कि वे तुम पर विश्वास करेंगे?"
सु कियानसी रुक गयी और वह जहां थी वहीं ठहर गयी।
" ऐसा ही हुआ था ना जब तुमने सबको ये समझाने की कोशिश की थी के तुमने भाई सिचेंग को दवा नहीं दी थी। किसी ने भी तुम्हारा विश्वास नहीं किया था।"
सु कियानसी जल्दी से मुड़ी और, तांग मेंगिंग अविश्वसनीय रूप से देखने लगी।
तांग मेंगिंग ने उसके चेहरेके भाव का पूरी तरह से नज़र घुमा के आनंद लिया और कहा, "और वह तुम ही थी न जिसने कहा था की तुमने आग नहीं लगाई है, पर किसी ने तुम पर विश्वास नहीं किया था।"
"क्या मतलब है तुम्हारा, तांग मेंगिंग!" सु कियान्सी को अचानक वास्तविकता का अहसास हुआ। "तो वह तुम थी!"
"हाँ यह सही है। वह मैं ही थी," तांग मेंगिंग ने कहा। "तो क्या हुआ? क्या आपको याद है जब तुम मेरे घर से गयी थी? मैं लगभग स्टोव लीक से मरने वाली थी। तुमने कहा था कि तुमने कुछ नहीं किया लेकिन क्या किसी ने आपका विश्वास किया था? और बाद में, जब सिचेंग का अपहरण एक गिरोह ने किया था और एक खाली गोदाम में उन्हें लगभग जला दिया गया था। सभी ने देखा कि मैंने उसे बचाया था, लेकिन तुम्हें उस जगह पर बेहोश पाया गया था। तुमने कहा था कि तुमने आग नहीं लगाई, लेकिन किसने वहां पर तुम्हारा विशवास किया? "
अतीत में जो भी कुछ हुआ था वो सब सुन कर, सु कियान्सी ने अनजाने में अपने चेहरे को छुआ।
उसने अपनी पूरी ताकत से ली सिचेंग को आग से बाहर धकेल दिया था, लेकिन वह स्वयं समय पर नहीं भाग पाई। आग ने उसके आधे चेहरे और पूरे जीवन को बर्बाद कर दिया!
वह सु परिवार की अवैध बेटी थी।
जब वह अठारह साल की उम्र में अपने परिवार में लौटी, तो उसे पता था कि जिस आदमी से वह शादी करेगी, उसका नाम ली सिचेंग था। हालाँकि, उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसकी एक बचपन की प्रेमिका भी थी जिसका नाम तांग मेंगिंग था।
बीस साल की उम्र में उससे शादी करने के बाद, उसकी तुलना लगातार तांग मेंगिंग से हो रही थी।
तांग मेंगिंग एक प्रतिष्ठित और उदार महिला थी। सु कियानसी असभ्य थी।
तांग मेंगिंग दयालु और सुंदर थी। सु कियानसी विश्वासघाती थी।
तांग मेंगिंग विदेश में अपनी पढ़ाई ख़तम कर के चीन लौट के आयी थी। और दूसरी ओर सु कियानसी ने , ली सिचेंग से शादी करने से पहले कॉलेज से स्नातक भी नहीं किया था।
वह बेवकूफों के जैसे अठारह से पच्चीस वर्ष की आयु तक तांग मेंगिंग को एक अच्छी दोस्त के रूप में देखती रही थी। हालांकि, उसे उस समय इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि उसके पास जो कुछ भी था वह सब तांग मेंगिंग ने नष्ट कर दिया था।
हर कोई जानता था कि सु कियानसी ने तांग मेंगिंग को उकसाने के लिए ने अपने पति को शादी की रात नशीली दवा दी थी । उसने आग भी लगायी थी जिसने तांग मेंगिंग को लगभग मार डाला था। वह जानबूझकर सीढ़ियों से गिरी थी ताकि तांग मेंगिंग को अपने बच्चे को खोने का जिम्मेदार बता सके।
उसकी पहले से बनी बनाई छवि ने सभी को इस तरफ से अंधा बना दिया कि उसने ली सिचेंग के साथ तालमेल बनाने के लिए क्या किया।
जब उसने ली सिचेंग के प्रस्ताव को संशोधित करने के लिए देर की और वह बीमार हो गई, तो उन्होंने कहा कि वह पाखंडी थी।
जब उसने ली सिचेंग के पेट दर्द का इलाज करने की कोशिश की और खाना बनाना सीखा, तो उन्होंने कहा कि वह गुणा भाग कर रही थी।
जब उसने उसके दादा की एक पड़ पोते की इच्छा को सच करने की कोशिश की और घर में रह कर भ्रूण को पोषण दिया, तो उन्होंने कहा कि वह आलसी थी।
सु परिवार का दिवाला निकल जाने के बाद, उन्होंने कहा कि वह एक सामाजिक भार है और कुतिया है ।
उसका गर्भपात होने के बाद, उन्होंने कहा कि उसने इतने बुरे काम किये थे कि वह गर्भवती होने के योग्य ही नहीं थी इसलिए भगवान ने उसका बच्चा भी उससे छीन लिया।
बाद में, वह धीरे-धीरे समझ गई कि तांग मेंगिंग हमेशा सही थी। और वह हमेशा गलत थी।
बस इतना ही, कल तक, जब वह उठी और पहली मंजिल की सीढ़ियों पर दादा को मृत पाया। और वह दूसरी मंजिल पर खड़ी थी और नीचे देख रही थी, तभी पुलिस आ गई, और उसे स्वाभाविक रूप से कातिल मान लिया गया।
"तुम कुतिया , कुतिया ! तुमने मेरे साथ ऐसा क्यो किया!" सु कियानसी, तांग मेंगिंग की तरफ पागलों की तरह लपकी।
तांग मेंगिंग ने मार्शल आर्ट सीखा था। उसने धोके से सु कियानसी को दबोचा, और उसे तालाब की ओर धकेल दिया।
उसका दम घुटने लगा सु कियानसी पानी से निकलने के लिए संघर्ष करने लगी।
"बचाओ …...बचाओ..."
लेकिन वह डूब गयी।
तांग मेंगिंग ने किनारे पे खड़े हो के शांति उसे से देखा और कहा "तुम शांति से जाओ। मैं तुम्हारी जगह ले लूंगी और श्रीमती ली बन जाऊंगी।