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Chapter 133 - मैं चाहता हूं कि तुम मुझे अपने हाथ से खिलाओ

कुछ देर तक चलने के बाद, जहां दोनों को अनंत काल की तरह महसूस हो रहा था, गु जिंग्ज ने पूछा, "क्या हम अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं?"

लिन चे को तब अचानक महसूस हुआ कि गु जिंग्ज के बगल में चलते हुए, और उसकी मुस्कराहट को देखते हुए, वो माला सूप के बारे में भूल ही गई थी। वे उस दुकान के आगे निकल गए थे।

"अरे, हम तो आगे निकल आए। दुकान तो पीछे ही रह गई।"

लिन चे ने शर्माते हुए कहा।

गु जिंग्ज ने कहा, "तुम्हें तो ये मिस करना ही था। तुम्हारा दिमाग कहां था?"

"वो तो तुमने खा लिया है।" लिन चे ने उसकी तरफ देखा और सोचा कि ये सब उसकी गलती थी। अगर वो इस तरह से उसका हाथ नहीं पकड़ता, तो उसका ध्यान नहीं हटता और वे लोग आगे नहीं निकलते।

लिन चे ने उसकी आंखों में देखने की हिम्मत नहीं की और केवल इतना कहा,"ठीक है, ठीक है। चलो वापस चलते हैं। हम अभी बहुत दूर नहीं आए हैं।"

गु जिंग्ज ने अभी भी उसका हाथ जबरदस्ती पकड़ा हुआ था, और लिन चे ने भी अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश नहीं की। वे माला सूप के स्टाल पर पहुंचे, जो लोगों से भरा हुआ था। उनमें से ज्यादातर छात्र थे।

लिन चे तुरंत अंदर जाकर बैठ गई। उसने देखा कि उस जगह में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ था, वहां आकर वो अपने अतीत में खो गई। उसने गु जिंग्ज को वहां बैठकर उसका इंतजार करने के लिए कहा, और वो माला सूप खरीदने के लिए चली गई।

वहां खड़े होकर, लिन चे ने अपने हाथों की तरफ देखा और सोचा कि कैसे वो दोनों ने अभी हाथ पकड़े हुए थे। वो पागलों की तरह मुस्कराने लगी।

जब वो इंतजार कर रही थी, तो पलटकर गु जिंग्ज को देखती रही। वो सीधा बैठा था और इधर-उधर देख रहा था। गु जिंग्ज का व्यक्तित्व उस जगह से बिल्कुल मेल नहीं खा रहा था, उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि एक पुराने जमाने की जगह पर एक सुंदर पेंटिंग लगा दी गई थी।

तभी, वहां मौजूद कुछ युवा लड़कियों ने गु जिंग्ज को देखा।

"वाह, वो आदमी कितना हैंडसम है।"

"सही में बहुत हैंडसम है। क्या वो हमारे स्कूल से है?"

"मुझे नहीं लगता। उन्होंने बहुत ढंग के कपड़े पहने हुए हैं।"

"बिल्कुल एक सेलिब्रिटी की तरह। मुझे लगता है कि मैं उसे देखकर बेहोश होने जा रही हूं। कौन वहां जाकर उससे बात करेगा?"

"मेरी तो हिम्मत नहीं है। तुम चली जाओ।"

लिन चे ने मन में सोचा, आजकल की लड़कियों के पास आत्म-संयम जैसी कोई चीज नहीं है।

लेकिन ये सच था कि गु जिंग्ज जहां भी जाता था, लोग उसके दीवाने हो जाते थे।

लिन चे ने फिर से मुड़कर गु जिंग्ज की तरफ देखा, वो जादूगर अभी भी इतना बेखबर था कि, वो वहां चुपचाप बैठा, चमक रहा था।

लिन चे ने जल्दी से एक नंबर लिया और जल्दी से उन लड़कियों के सामने से जाकर, गु जिंग्ज के सामने बैठ गई।

लिन चे ने मुड़कर उनकी तरफ देखा, उनके चेहरे पर निराशा थी। उसे अंदर से गर्व महसूस हुआ।

गु जिंग्ज ने देखा कि लिन चे अभी भी मुस्करा रही थी, उसने हैरानी से पूछा, "तुम किसलिए मुस्करा रही हो?"

"ओह, कुछ भी तो नहीं है। मैं सिर्फ ये कह रही थी कि वे छोटी उम्र की लड़कियां अच्छी लग रही हैं।"

गु जिंग्ज ने उन लड़कियों की तरफ देखा और कहा, "वे इतनी भी छोटी नहीं हैं। उनकी उम्र तुमसे बहुत ज्यादा नहीं हैं?"

लिन चे ने कहा, "वो शायद 18 या 19 साल की होंगी। और मैं 23 साल की हूं। उनकी नजरों में मैं बूढ़ी मानी जाती हूं। आह, युवा होना कितना अच्छा है। उन सभी युवा शरीरों और युवा बदमाशों को देखो। वे कितने ऊर्जावान दिख रहे हैं।"

वो भूल गई थी कि एक 'बूढ़ा' उसके ठीक सामने बैठा था।

गु जिंग्ज का चेहरा गहरा हो गया। उसने छात्रों के समूह को वहां से जाते हुए देखा और पूछा, "युवा होने में ऐसा क्या खास है ? एक आदमी जितना बड़ा होता जाता है, उसकी कीमत उतनी ही बढ़ती जाती है। उन युवा बदमाशों को पता भी नहीं होता कि लड़की के साथ कैसे पेश आया जाता है।"

लिन चे ने कहा, "तुम्हारी बात सही है, लेकिन युवाओं के पास बहुत सारे रास्ते होते हैं। और ताजा मांस हमेशा बेहतर ही होता है," लिन चे ने ध्यान नहीं दिया कि जब वो ये सब कह रही थी, तो उसके सामने बैठा इंसान परेशान हो रहा था।

गु जिंग्ज ने कहा, "उनमें उतनी समझ नहीं होती, और वे नहीं जानते कि आपको कैसे खुश रखना है। इसमें क्या अच्छा है?"

"वे जवान और मजबूत हैं। उनमें असीम ऊर्जा होती है," लिन चे ने कहा और गु जिंग्ज को देखकर अपनी भौंह उठा ली। उसके शब्दों का एक अलग मतलब था।

एक आदमी होने के नाते, गु जिंग्ज भी अपने उस क्षेत्र को लेकर भावुक था। उसे समझ आ गया कि लिन चे का क्या मतलब था।

गु जिंग्ज ने लिन चे की तरफ एक गंभीर भाव के साथ देखा, "क्या मुझे तुम्हें ये साबित करने की जरूरत है... कि एक बड़ी उम्र के पुरुष के पास भी असीम ऊर्जा हो सकती है? और वो ज्यादा कुशल होते हैं? और वे जानते हैं कि एक महिला की भावनाओं का ख्याल कैसे रखा जाता है?"

लिन चे ने गु जिंग्ज की आंखों में एक धमकी की झलक देखी और महसूस किया कि उसने गु जिंग्ज के अहंकार को चोट पहुंचाई है। उसने मजाक में हंसते हुए कहा, "हां, हां, तुम सबसे अच्छे हो। तुम सबसे हैंडसम, सबसे अमीर, और उन सभी से अच्छे हो। भले ही तुम बुरी बातें कह देते हो, परेशान करते हो, तुम्हें खुश करना मुश्किल है, और तुम्हारे कई कायदे-कानून हैं, फिर भी तुम बहुत अच्छे हो।"

"..."

क्या लिन चे की नजरों में गु जिंग्ज में कई कमियां थीं?

तभी, माला का सूप आ गया।

उसकी सुगंध लिन चे को अपनी ओर खींच रही थी, और वो तुरंत सब कुछ भूल गई, "आह, चलो ये माला सूप खाते हैं।"

गु जिंग्ज ने इतने सारे तेलीय सामान को देखा और उसने खाने की इच्छा खो दी।

हालांकि, लिन चे ने इसे ऐसे खाया जैसे कि वो बहुत अच्छा था। मिर्ची से उसके होंठ थोड़े फूले हुए और लाल हो गए थे।

वो अच्छी लग रही थी।

उसने ऊपर देखा और महसूस किया कि गु जिंग्ज केवल उसे घूर रहा था और खा नहीं रहा था। उसने गु जिंग्ज के सामने रखे माला सूप को देखा और पूछा, "आप क्या सच में इसे नहीं खाना चाहते? कोई बात नहीं, मैं बाद में कुछ और खाने के लिए आपका साथ दूंगी।"

"नहीं, मैं इसे खाना चाहता हूं, लेकिन मैं चाहता हूं कि तुम मुझे खिलाओ," गु जिंग्ज ने कहा।

"हुह?"लिन चे ने उसे देखा और महसूस किया कि उसकी नजरें भयानक होने लगी थीं।

गु जिंग्ज ने कहा, "ठीक है, तुम खुद भी खाओ और मुझे भी खिला सकती हो।"

"फिर मैं तुम्हें कैसे खिलाऊंगी?" उसने अपने मुंह में खाना भरकर पूछा।

गु जिंग्ज उठकर अचानक मेज की दूसरी तरफ चला गया, उसने लिन चे के चेहरे को पकड़ा और उसके होंठ को काट दिया।

जैसे ही उसकी जीभ का सिरा लिन चे के मुंह में गया, लिन चे बिल्कुल स्थिर हो गई।

गु जिंग्ज ने लिन चे के मुंह का सारा खाना अपने मुंह में खींच लिया, अपने होंठों को चाटा, और फिर पीछे हो गया।

"आह, तुम ..." लिन चे का चेहरा लाल हो गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि ये मिर्ची के कारण था या गु जिंग्ज के कारण।

गु जिंग्ज ने महसूस किया कि इस तरह से खाना ज्यादा स्वादिष्ट लग रहा था।

उसने अपने होंठों को चाटा और सिर हिलाया। उसने कहा, "हम्म, बहुत अच्छा। चलो, हम ऐसा ही करते हैं।"

"..."

लिन चे ने गुस्सा दिखाया, "अब नहीं। तुम ऐसे क्यों हो? बदमाश कहीं के!"

अब और नहीं?

गु जिंग्ज ने अभी तक पेट भरकर नहीं खाया था।

"अगर तुम मेरे पास नहीं आओगी, तो मैं तुम्हें खिलाऊंगा।"

बोलते ही उसने कुछ खाना अपने मुंह में डाल लिया। वो बहुत मसालेदार था, लेकिन उसे, इसे लिन चे के साथ बांटकर खाने में कोई परेशानी नहीं थी।

उसने लिन चे का सिर पकड़ा और उसे किस कर दिया।

इस बार, गु जिंग्ज ने अपने मुंह के खाने को लिन चे के मुंह के अंदर धकेल दिया। मसालों से दोनों के होंठ सुन्न हो गए, लेकिन उन्हें बहुत मजा आ रहा था, उन्हें और अधिक चाहिए था।

लिन चे को कुछ समझ नहीं आ रहा था।

"मैं और नहीं खाऊंगी, मैं और नहीं खाऊंगी। गु जिंग्ज, बस करो!"

"लेकिन मेरा पेट अभी तक नहीं भरा..." गु जिंग्ज ने उसे खिलाना जारी रखा। लिन चे का चेहरा इतना लाल हो गया था कि ऐसा लग रहा था जैसे वो जल रही हो। उसने जल्दी से गु जिंग्ज को दूर धकेल दिया, "क्या तुम ठीक से नहीं खा सकते? ऐसा करना बंद करो!"

गु जिंग्ज हंसने लगा और फिर खुद ही खाना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर तक मस्ती करने के बाद उसे कुछ भूख लगी। वो लिन चे की तरफ देखते हुए माला सूप खाने लगा।

वो दिखने में अच्छा नहीं था, लेकिन उसका स्वाद बुरा नहीं था। ये शायद इसलिए था, क्योंकि उसमें बहुत सारा तेल था, इसलिए भले ही वो गुणकारी नहीं था, लेकिन बहुत सुगंधित था।

उन्होंने आखिरकार खाना खत्म कर दिया, लेकिन गु जिंग्ज को कुछ होने लगा।

खाना खत्म करते ही, उसके पेट में दर्द होने लगा।

उसने अपने पेट पर हाथ रखा और उसे रगड़ने लगा। उसने अपनी भौंहे चढ़ाकर कहा, "मेरा पेट ठीक नहीं है।"

लिन चे हैरान थी, "क्या तुम सच कह रहे हो... क्या हुआ? मुझे देखने दो।"

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