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Chapter 64 - मुझे सिर्फ तुम्हें चिढ़ाने में मजा आता है

गु जिंग्ज की पलकें झुकीं। उसने बहुत आराम से लिन चे के घुटने को एक हाथ से पकड़ लिया।

लिन चे का दिमाग ब्लैंक हो गया। उसने अपना सिर उठाया और अपनी आंखे उसकी काली आंखो पर टिका दीं।

गु जिंग्ज ने ये नहीं सोचा था कि वो वास्तव में अभी भी इस तरह का कदम उठाने की हिम्मत करेगी। उसने उसकी हंसी उड़ाते हुए कहा, "वाह, लिन चे, क्या तुम अपने पति का खून करने की कोशिश कर रही हो?"

लिन चे का चेहरा पूरी तरह से लाल हो गया। उसका इरादा उसे वहां पर छूने का नहीं था, लेकिन क्योंकि उसके पास कोई और रास्ता नहीं था, इसलिए उसे ऐसा करना पड़ा ...

गु जिंग्ज का हाथ उसके गोल घुटने को पकड़ा हुआ था। उसका बड़ा सा हाथ उसकी नरम और कोमल त्वचा को रगड़ रहा था। लिन चे का चेहरा लाल हो गया और वो उस पर चिल्लाई, "गु जिंग्ज, आप क्या करने की कोशिश कर रहे हैं?"

गु जिंग्ज ने उसे अपने शरीर के नीचे दबा हुआ देखा। उसकी आंखों के नीचे की जगह लाल हो रही थी और धीरे-धीरे उसकी वासना बढ़ रही थी। "तुम्हें क्या लगता है कि मैं क्या करने जा रहा हूं?"

बेशक, लिन चे को विश्वास था कि वो उसे कुछ नहीं करेगा, क्योंकि उसके पास पहले से ही एक महिला थी जिसे वो पसंद करता था। और वैसे भी उसने बताया था कि उसे महिलाओं से एलर्जी थी?

उसने अलग-अलग तरीकों से अपने पैर को कई बार खींचा। "अगर तुम मुझे नहीं छोड़ोगे, तो तुम देख लेना, मैं क्या करती हूं।"

गु जिंग्ज को एकदम से हंसी आ गई। वो उसकी छाती पर देखने लगा, जो गुस्से में जोर से ऊपर-नीचे हो रही थी। "मैं वास्तव में ये देखना चाहता हूं कि तुम मुझे क्या करोगी।"

लिन चे चिल्लाई, "गु जिंग्ज, क्या तुम्हें ऐसा करके बहुत मजा आ रहा है?"

गु जिंग्ज ने कहा, "क्यों? अगर मेरे साथ ऐसा करने में तुम्हें मजा नहीं आता, तो किसके साथ करने में आता है? किन क्विंग?"

लिन चे उससे इतनी नाराज थी कि उसका कलेजा भी दर्द कर रहा था। "हां! किन क्विंग के साथ, मजा आता है!"

"तुम ..." गु जिंग्ज ने अनजाने में उसे और कसकर पकड़ लिया। लिन चे ने अपनी कोहनी में अचानक दर्द महसूस किया और उसने गु जिंग्ज की तरफ अपनी नाक सिकोड़ते हुए देखा।

"मुझे जाने दो, गु जिंग्ज। कोई भी इस तरह के किसी को परेशान नहीं करता है।"

"धमकी? शायद तुम्हें अभी भी नहीं पता है कि बदमाशी क्या होती है।" जैसे ही गु जिंगज ने ये कहा, उसने लिन चे को अपने शरीर के नीचे जोर से दबाया। इससे पहले की गु जिंग्ज ने अपना हाथ उसके कपड़ों को उठाकर उनके अंदर डाला, वह बहुत प्यार से अपना हाथ उसके कपड़ों पर फेरता रहा।

उसकी छाती बहुत नाज़ुक थी और उसपर तुरंत चोट लगी। जैसे ही उसके हाथ ने उन्हें पकड़ा, तो लिन चे का पूरा शरीर तनावपूर्ण और कड़क हो गया। ये ऐसा था मानो बिजली का एक झटका उसके ऊपर से गुजरा हो। उसने धीरे से करहाया।

उसने जल्दी से गु जिंग्ज के बेचैन हाथ को नीचे किया और उसे गुस्से में घूरने लगी। "तुम...गु जिंग्ज ... तुम एक गुंडे की तरह हरकतें कर रहे हो!"

गु जिंग्ज ने महसूस किया कि उसको छूकर उसे बहुत मजा आया। एक पल के लिए, वास्तव में वो उसे छोड़ना नहीं चाहता था।

अपने नीचे उस लड़की को घूरते हुए, उसने गुस्से में अपने दांत पीस लिए। "मुझे ध्यान रखना पड़ेगा कि तुम फिर से कोई नई परेशानी ना खड़ी करो!"

ये कहने के बाद, उसने फिर से उसे कसकर पकड़ लिया।

लिन चे से वो दर्द सहन नहीं हुआ और उसकी आवाज निकल गई।

ये सुनकर गु जिंग्ज का दिल पिघल गया। उसकी कामुक आंखे लिन चे के चेहरे पर ही टिकी हुई थीं, जो पसीने की पतली परत से चमक रहा था। उसके कपड़े एक बार फिर से ऊपर कर दिए गए, जिससे उसकी नाभि पर रोशनी चमक रही थी। उसके पेट में बिल्कुल भी फालतू मांस नहीं था, जिससे वो बेहद आकर्षित लग रही थी।

लिन चे ने अपने होंठ को दबाया। उसने अपनी आंखो को छोटी करके उस आदमी को देखा, जो राजा की तरह उसके शरीर पर हुकूमत कर रहा था।

"हां, मैं निश्चित रूप से परेशानी पैदा करूंगी। इसलिए जाओ और एक ऐसी महिला की तलाश करो जो तुम्हारे लिए मुसीबत ना बने!" मो हाइलिंग उसके लिए मुसीबत नहीं बनेगी, इसलिए उसे उसके पास जाना चाहिए।

उसने मो हाइलिंग को धमकाने की हिम्मत कभी नहीं की, वो केवल उसे धमकाना जानता था।

लिन चे को पता था कि वो बहुत अच्छी नहीं थी और हमेशा परेशानी खड़ी कर देती थी। परंतु, वो कभी नहीं चाहती थी कि ऐसा हो।

उसके पास अच्छी किस्मत नहीं थी, इसलिए हमेशा उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

ये आदमी जो उसकी आंखों के सामने था, वो भी बाकियों की तरह, उसकी समस्याओं में से एक था। 

उस वक्त उसने और भी दृढ़ता से महसूस किया कि वो वास्तव में उसकी सबसे बड़ी समस्या था।

गु जिंग्ज ने अपने हाथ से एक बार फिर उसके शरीर को कसकर दबाया, जिससे लिन चे की चीख निकल गई।

लिन चे को थोड़ी शर्म और संकोच महसूस हो रहा था, क्यूोंकि उसे पुरुषों के साथ कभी कोई अनुभव नहीं था। लेकिन उसे उसके दिल के निचले हिस्से में थोड़ा सा सुकून भी महसूस हो रहा था। ये केवल इसलिए था, क्योंकि वो वास्तव में इतना कामुक था कि इससे लिन चे इतनी गर्म हो गई थी कि उसके अंदर हलचल पैदा हो गई।

"फिर से कहो!" उसकी आवाज धीमी और भारी हो गई। और लिन चे को उसकी आवाज ऐसी लगी जैसे वो उसके कानों में गूंज रही हो।

पहले से ही लिन चे का दम घुट रहा था क्योंकि वो उसके नीचे दबी हुई थी। उस वक्त उसे गु जिंग्ज पर इतना गुस्सा आ रहा था कि वो और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई। उसने सीधे चिल्लाया, "अगर तुम मुझे मारना चाहते हो या मेरा मांस काटना चाहते हो, तो जैसा चाहो वैसा करो। चूंकि तुम्हें ये पसंद नहीं है कि मैं तुम्हें हमेशा परेशान करती रहूं, तो जाओ किसी और औरत की तलाश करो!"

गु जिंग्ज ने जवाब दिया, "एक तो मैं तुम्हें वहां देखने गया था, लेकिन फिर भी तुम मेरे साथ रूखा व्यवहार कर रही हो? अगर मैं वहां नहीं गया होता, तो क्या तुम और किन क्विंग एक- दूसरे के साथ रंगरलियां मना रहे होते?"

"बेशक! बड़ी मुश्किल से मुझे एक मौका मिला था किन क्विंग के सामने नाजुक और दयनीय दिखने का। लेकिन तुमने उसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया!"

"तुम ...तुम मौत को बुलावा दे रही हो!" गु जिंग्ज का चेहरा पूरी तरह से लाल हो गया, जैसे ही उसने लिन चे को घूरा।

"क्यों, तुम मेरे लिए और क्या कर सकते हो?" लिन चे चिल्लाई।

गु जिंग्ज ने अपने हाथ से उसे खींचा और उसके कपड़े अचानक खुल गए।

लिन चे को उसके शरीर पर एक ठंडक का अहसास हुआ...

अगले ही पल उसका शरीर उससे लिपट गया। गु जिंग्ज ने उसके नफरत भरे होंठो को अपने दांतों के बीच दबा लिया और उन पर जबरदस्ती काट रहा था, जैसे कि वो उसे सजा दे रहा हो....

"ऊओ ..." लिन चे ने दर्द के कारण एक कराह निकाली।

उसने महसूस किया की गु जिंग्ज एक अत्याचारी तानाशाह था।

उसे इतना दर्द हो रहा था कि उसके आंसू निकल गए और कानों के पास बूंद-बूंद करके छलकने लगे।

उसे ये दर्द किसी और दुख से ज़्यादा बड़ा लग रहा था।

शारीरिक और मानसिक रूप से, ये सब उसके लिए सहन करना बहुत मुश्किल था और वो बहुत कमजोर महसूस कर रही थी।

वो अभी भी गंभीर फ्लू से पीड़ित थी, इसलिए उसका शरीर बहुत कमजोर हो गया था।

उसके पास उस आदमी का विरोध करने के लिए जो उसे सता रहा था इतनी सी भी शक्ति नहीं थी।

गु जिंग्ज को अपनी जीभ उसके मुंह में डालकर एक अनोखा अहसास हो रहा था।

उसने लिन चे के होठों को कसकर दबा लिया और लालसा से उन्हें चूस रहा था।

उसे अपने शरीर में एक अनियंत्रित कंपकंपी का अहसास हुआ। लेकिन अगले ही पल, जब वो पूरी तरह से नियंत्रण खो देने वाला था, उसका हाथ उसके आंसुओं पर पड़ा।

तुरंत, उसने इस लड़की को छोड़ दिया। उसने अपना सिर नीचे किया और लिन चे को देखा।

उसके आंसुओं से भरे गाल विशेष रूप से नाजुक लग रहे थे, जिन्हें देखकर उसे अंदर से इतना बुरा लग रहा रहा था, मानो कोई सुई उसपर चुभ रही हो।

तुरंत, गु जिंग्ज का दिल पिघल गया। उसने उसे रोते हुए देखा और उसे लगा जैसे उसका बहुत बड़ा नुकसान हो गया हो।

वो कभी किसी महिला के आंसू नहीं देख सकता था। उसने जल्दी से लिन चे की बांह पर हाथ फेरा और कहा, "ठीक है, रोना बंद करो। क्या तुम्हें कहीं चोट लगी है?"

उसने लिन चे को गले लगाया और उसे अपनी बाहों में लेकर बैठ गया। उसने उसे अपने पैरों पर बैठा लिया और उसके सिर को नीचे कर दिया। अपना रुमाल निकाल कर वो उसके चेहरे पर से आंसू पोंछने लगा।

लिन चे ने गुस्से में बड़बड़ाया, "आप केवल मुझे सताना जानते हैं!"

"..." गु जिंग्ज का दिल ठहर गया। उसने अपने शरीर में चिलचिलाती गर्मी को महसूस किया, जिसे सहन करना मुश्किल था, लेकिन उससे छुटकारा पाना असंभव था।

कौन वास्तव में किसको सता रहा था?

"ठीक है, ठीक है, ये मेरी गलती थी," लिन चे ने कहा।

"मेरे कपड़े फट गए हैं।" उसने अपना सिर नीचे किया और अपनी छाती को ढंक लिया।

गु जिंग्ज ने उसकी तरफ देखा और अपने शरीर में फिर से गर्मी महसूस की। उसने अपना सिर नीचा किया और कहा, "मैं इसकी भरपाई करूंगा।"

लिन चे ने व्यंगय किया, "एक काफी नहीं है।"

"ठीक है, मैं तुम्हें सौ ड्रेस दिलाऊंगा।"

"ये हुई ना बात।" जब लिन चे ने ये कहा, उसे गहरी नींद आ रही थी, ऐसा इसलिए हो रहा था क्योंकि उसने दवा ली थी और उसका असर शुरू हो गया था।

उसने गु जिंग्ज के कंधे पर सिर रखने से पहले उबासी मारी, उसे नींद का नशा चढ़ा हुआ था।

गु जिंग्ज ने उसे गले लगा लिया और उसे अपने ऊपर सिर रखकर सोने दिया। उसने उसके हाथों और पैरों को छुआ, वे अब ठंडे नहीं थे। ऐसा लग रहा था कि उसका बुखार कम हो रहा था।

"सो जाओ। जब तुम उठोगी तो ठीक हो जाओगी।" 

उसे ऐसा लगा जैसे वो एक छोटे बच्चे को सहला रहा है।

"आप मुझे फिर से परेशान नहीं कर सकते," लिन चे नींद में बड़बड़ा रही थी।

"हां ..."अगर वो उसे फिर से परेशान करता है, तो उसने माना कि वो पहले उसके हाथों से मरना पसंद करेगा।

जब उसे लगा कि वो गहरी नींद में सो गई है तो उसने धीरे से उसे नीचे रख दिया।

उसने उसे कंबल से ढंक दिया और अपने दांतों को एक साथ जोड़ लिया जैसे ही उसने इस लड़की को एक बच्चे की तरह नींद में चंचलता से हिलते हुए देखा।

सचमुच सोते हुए वो एक परी थी और जागने पर एक राक्षस बन जाती थी, ये सोचकर उसने घृणा से अपने दांत पीस दिए।

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