जिंग ज़िक्सिन ने कहा, "दीदी, प्यार करना गलत नहीं है, और ना ही आप में कोई गलती है। किन परिवार के लोग बुरे है और उन लोगो ने यह हथकंडे सिर्फ इसलिए अपनाए ताकि आप दोनों हमेशा के लिए अलग हो जाओ। सच तो यह है, की आप को भी अंदर ही अंदर बहुत तक़लीफ़ हुई, नहीं हुई क्या? आप अभी भी किन चू से बहुत प्यार करती हो, हैं ना? "
"ज़िक्सिन..." हुओ मियां को समझ नहीं आया की क्या जवाब देना चाहिए।
"मैं सिर्फ एक बच्चा नहीं हूँ जिसे कुछ समझ ना आता हो। मैं तो यह भी जनता हूँ की आपका और निंग ज़ियुआन का ब्रेक उप हो चूका हैं। मैंने उसे फोन किया था। मुझे उसके स्वर से ही पता चल गया था की कुछ सही नहीं था। हालाँकि उसने यह कुछ नहीं कहा पर, मुझे पता था कि आप दोनों के बीच कुछ गलत था। माँ के अस्पताल भर्ती होने से पहले किन चू घर आया था। इन दोनों घटनाओं को एक साथ जोड़ने के बाद मुझे इतना समझ आ गया की दीदी, ज़ियुआन तुम्हें कभी पसंद था ही नहीं। तुम्हें आज भी किन चू से ही प्यार हैं और तुम इस तरह चीज़ों से नहीं भाग सकती। मैं तुम्हें कभी दोषी नहीं ठहराऊंगा। मैं तुम्हें दोष नहीं दूंगा। पिताजी मर चुके हैं, और मृत को वापस जीवन में नहीं लाया जा सकता है। मैं बस यह चाहता हूँ दीदी, की अब आप अपनी ज़िंदगी इस पछतावे से ना गुज़ारें। प्यार वो नहीं है जिसे आप मजबूर कर सकते हो। मैंने एक किताब में पढ़ा कि प्यार एक ऐसी चीज है जिसे आप खुद जानते हो और समझते हो। ज़ियुआन एक अच्छा लड़का हो सकता है, लेकिन आप उससे प्यार नहीं करती हो। मैं नहीं चाहता की मेरी बहन किसी ऐसे इंसान के साथ अपनी जिंदगी गुज़ारें जिससे वह प्यार ही नहीं करती। यदि तुम्हें अभी भी किन चू पसंद हैं, तो उसके साथ जाओ और अपनी ज़िंदगी ख़ुशी से बिताओ। भले ही माँ उसे स्वीकार न करे, भले ही वह तुमसे नफरत करती रहे और तुम पर चिल्लाए। लेकिन मैं नहीं करूँगा, मैं सब समझता। दोष उन जिम्मेदार लोगों पर लगाया जाना चाहिए जिन लोगों ने यह चीज़ें करी हैं। किन परिवार के लोगों ने जो कुछ भी किया किन चू का कोई हाँथ नहीं था। इसलिए, मैं फिर से यही कहूँगा की जब तक आप खुश हो, मैं भी खुश रहूँगा।"
जब तक जिंग ज़िक्सिन ने बात ख़त्म की, तब तक हूओ मियां की आँखो मे आँसू आए थे।
मियां बात बात पर रोने वाली लड़की नहीं थी। निंग ज़ियारों के साथ संबंध ख़त्म होने के बाद से लेकर अब तक वह एक भी बार नहीं रोई थी।
हालाँकि, उसके छोटे भाई की इतनी बड़ी बड़ी बातें सुन कर मियाँ पहले ही हिल चुके थे।
उसका भाई केवल उन्नीस साल का था। यह कितनी अच्छी बात थी की उसका भाई खुद को मियां की जगह रख कर उसके दिल का दर्द समझ सकता था।
उसे अचानक एक पुराना-लोकप्रिय मुहावरा याद आया, ' ज़्यादातर लोग इस बात पर ध्यान देते है की आप कितनी ऊंची उड़ान भर रहे है, लेकिन जो आपकी परवाह करते है वो इस बात की चिंता करते है की आप कितने थके हुए है।'
उसका भाई एक प्यारा लड़का था, जो हमेशा हुओ मियां के उदास होने पर उसे प्रोत्साहित करता था।
इन पिछले वर्षों में, अपने छोटे भाई को आर्थिक रूप से समर्थन करने के अलावा, हूओ मियां को लगा जैसे वह वास्तव में एक अच्छी बहन नहीं थी।
मियां ने कभी अपने भाई की इतनी परवाह नहीं की और न ही इतनी चिंता की जितनी वो अपनी बहन की करता हैं, और ना ही कभी उसने इन बातों पर ध्यान दिया की वह क्या सोचता हैं।
"दीदी, रोना बंद करो। तुम अब बच्ची नहीं रही हो। यह लो इससे अपना चेहरा पोंछ लो, तुम रोते हुए बिलकुल अच्छी नहीं लगती।" जिंग ज़िक्सिन ने उसे एक रुमाल सौंपा।
हुओ मियां ने अपने आँसू पौंछे, हालाँकि उसकी साँस अभी भी काफ़ी तेज़ थी।
"ज़िक्सिन, मुझे पता ही नहीं चला की तुम सब जानते और समझते हो। मुझे इतना समझने के लिए धन्यवाद।"
"क्या बकवास कर रही हो? हम भाई बहन हैं! तुम और माँ दो लोग ऐसे हो जिन्हें मैं पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करता हूँ।" जिंग ज़िक्सिन मुस्कुराया, अपनी सफ़ेद तेज़ दांतों को बहार निकल मियां को लम्बी मुस्कान दी।
हुओ मियां के आँसू पलक झपकते ही गायब हो गए।
उसने मन ही मन सोचा, अंकल जिंग, कृपया ज़िक्सिन और मुझ पर कृपा बनाए रखना, ताकि हम हमेशा ठीक रहें, और कोई परेशानी न हो। हममें से कोई भी अब और नुकसान नहीं उठा पाएगा।
जब वे सार्वजनिक कब्रिस्तान से बाहर निकले तो १ बज चूका था।
"क्या तुम्हें अध्ययन करने के लिए पुस्तकालय नहीं जाना है?"
"मेरे पास अभी भी थोड़ा समय है। दीदी, मुझे बहुत भूखा लगी हैं। चलो कुछ खाने चलते हैं।"
हुओ मियां ने सिर हिलाया।
उसके बाद, दोनों बस से वापस शहर की ओर आए और जिंग ज़िक्सिन के विश्वविद्यालय के पास के एक छोटे रेस्तरां में दोनों ने दो व्यंजन और सूप ऑर्डर किया।
कहने को वह काफ़ी साधारण सा खाना था लेकिन दोनों ने उसका भरपूर आनंद लिया।
जिंग ज़िक्सिन अपने नए साल के दूसरे सेमेस्टर में था। उसका विश्वविद्यालय सबसे अच्छा नहीं था, लेकिन बुरा भी नहीं था। यह तकनीकी रूप से एक दूसरी श्रेणी का विश्वविद्यालय था।
ज़िक्सिन ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और उससे जितना कुछ मियां को पता था, वह ग्रेजुएशन होने के बाद इंजीनियर बनने की योजना बना रहा हैं।
"दीदी, जब मैं ग्रेजुएट हो जाऊँगा और मुझे नौकरी मिल जाएगी, तो मैं तुम्हारे साथ हमारे परिवार को समर्थन कर सकता हूँ। फिर आपको और माँ को ज़्यादा काम करने की ज़रूरत नहीं होगी।"
"हाँ।" हुओ मियां ने मुस्कुराते हुए अपना सिर हिलाया।
दोपहर के खाने के बाद, हुआ मियां ने अपने भाई के लिए कुछ फल ख़रीदे और उसके साथ स्कूल के दरवाजे तक आई।
"दीदी, अब तुम घर चली जाओ। अगर कुछ होता हैं तो मुझे फोन करना," जिंग ज़िक्सिन ने हुओ मियां को अलविदा कहते हुए कहा।
जब हुओ मियां अपने अपार्टमेंट में लौटीं, तो उसने पूरी दोपहर घर की सफाई में बिताई। मेडिकल क्षेत्र में आकर, कही ना कही मियां को साफ़ सफाई की आदात सी हो गई थी।
यह सब समाप्त करते करते मियां को शाम के 6 बज गए थे।
थकी हुई, हुओ मियां आराम करने के लिए सोफे पर लेट गई, और समय बिताने के लिए टीवी देखने लगी। तभी, उसका फोन बजा। कॉलर-आईडी की ओर देखा, तो वह एक अनजाना नंबर था।
"क्या आप जिंग ज़िक्सिन की बहन हैं?" दूसरे छोर से एक लड़के की घबराती आवाज़ ने पूछा।
"हाँ! मैं ही हूँ।"
"मैं जिंग ज़िक्सिन का रूममेट बोल रहा हूँ। जिंग ज़िक्सिन की कैंपस में एक कार के साथ दुर्घटना हो गई हैं। वह आपातकालीन देखभाल के लिए फ़र्स्ट हॉस्पिटल के रास्ते में है। आपको जल्दी वहाँ जाना चाहिए।"
यह सुनकर, हुओ मियां की उसकी आँखे धुंदला गई और वह लगभग बेहोश हो गई।