Chapter 139 - यौन-क्रिया शून्य है

"क्या?" लू टिंग की नसे कस गयी|

"यह कपड़े का टुकडा जिससे मेरी आँखें बँधी हुई थी क्या उसे आप फिर से बाँध देंगे? "निंग क्षी ने धीमे से कहा|

लू टिंग ने अचंभित हो कर बोला, "क्यों?"

निंग क्षी "दिखना बंद तो दिमाग भी बंद|"

निंग क्षी की यह बात बहुत ही अलग थी,पर लू टिंग समझ गया| उसने पास ही ज़मीन पर पड़े उस मलमल के कपड़े को उठाया और निंग क्षी की आँखें फिर से बांध दी|

लू टिंग के करीब आते ही निंग क्षी के तन बदन में आग सी लग गई| उसने मन ही मन बुदबुदाया सेक्स कुछ नहीं होता| उसके अंदर का तूफान तभी शांत हुआ जब लू टिंग उससे कुछ दूर हुआ|

वह सोच भी नहीं सकती थी कि अगर झौ क्षियांग चेंग जैसा घिनोना आदमी उसके करीब आया होता तो पर यह तो लू टिंग था| निंग क्षी के लिए लू टिंग किसी बाजीगर सा था| लू टिंग ने ड्रग के प्रभाव को और ज्यादा भड़का दिया था, इसके परिणाम घातक हो सकते थे|

"सब ठीक है?" लू टिंग ने पूछा|

निंग क्षी ने सिर हिला दिया, "थोड़ा और तकलीफ दूँगी आपको, क्या आप मुझे बाथरूम तक जाने में मदद करेंगे? मेरे पैरो में बिलकुल भी ताकत नहीं है| थोड़ा ठंडे पानी से नहा लूँगी तो मुझे अच्छा लगेगा|"

"एक मिनिट रुको, मैं तुम्हारे लिए पानी ले कर आता हूँ|"

"धन्यवाद|"

गुसलखाने से आती पानी की आवाज़ साफ सुनाई पड़ रही थी जो पूरे कमरे में गूंज रही थी|

यह ठीक वैसा था कि उसकी आँखें देख नहीं सकती थीं पर वह खुद को बेहद सुरक्शित महसूस कर रही थी|

कुछ ही देर में पानी की आवाज बंद हो गयी,फिर गुसलखाने से कदमों की आवाज़ कमरे की तरफ आती सुनाई पड़ने लगी|

"क्या तुम चल पाओगी? "लू टिंग ने पूछा|

"थोड़ा खड़े होने में मेरी मदद करे, मैं ठीक हूँ|"

लू टिंग ने अपनी बांहे फैलाकर निंग क्षी को खड़े होने मदद की| उसने इस बात का ध्यान रखा कि निंग क्षी से थोड़ा दूरी बनाए रखे और उसकी बांहे ही केवल निंग क्षी को छू पाये|

टब के अंदर निंग क्षी का शरीर पूरी तरह भीग जाने के बाद उसने हाथ हिलाकर कहा, "अब ठीक है|"

लू टिंग ने चिंतित स्वर में कहा, "मैं बाहर इंतजार करता हूँ| कुछ चाहिए तो आवाज दे देना, ज्यादा देर तक मत नहाना, ठंड लग जाएगी|"

"ठीक है|"

लू टिंग बाईं तरफ मुड़ा| वह थोड़ा चिंतित था|

गुसलखाने से बाहर आने के बाद उसने कमरे का मुख्य दरवाजा खोला तो एक आदमी तुरंत अंदर गिर गया| ऐसा लग रहा था यह बिना किसी आधार के कमरे के दरवाजे पर खड़ा हुआ था|

लू टिंग ने आगे बड़ कर उस आदमी की कमर पर मारा, जो एक चोर की तरह घबरा रहा था|

"ओह हा हा हा.... मुझे बस अपकी चिंता हो रही थी| आप मुझे गलत समझ रहे है|"

लू टिंग जिसे इस बात का पूरा अंदाजा था, उसने ठंडी आवाज में कहा, "जाओ कार में रखे कागज ले कर आओ|"

लू जींगली का मुंह खुला की खुला रह गया, "ओ! आप कुछ गलत नहीं कर रहे, मतलब आप इस स्थिति में भी कागज़ पड़ना चाहते है? आप आदमी ही है ना?"

लू टिंग ने पास पड़े चाकू की तरफ घूर कर देखते हुए कहा, "क्या तुम्हें इस चीज़ का सबूत दूँ?"

"नहीं नहीं! इसकी ज़रूरत नहीं! मैं यूं गया और यूं आया|"

कागज़ कमरे में लाने के बाद लू जींगली को गुसलखाने से पानी की आवाज़ सुनाई पड़ी| उसने हताशा से कहा, "ठंडे पानी से स्नान? आपके रहते हुए उसे ठंडे पानी से स्नान कर ठंडा होना पड़ा? बहुत ही बेकार बात है यह|"

लू टिंग, "तुम अब जा सकते हो|"

"मैं नहीं जाना चाहता आप को छोड़कर| मैं सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में आपके साथ रहना चाहता हूँ| ऐसा गाते हुए लू जींगली निकल लिया|

इधर कमरे के अंदर लू टिंग पूरी कोशिश कर रहा था कि उसका ध्यान गुसलखाने के अंदर लगे धुंधले काँच पर उभरती निंग क्षी की छवि पर ना जाए पर यह सब थोड़ा मुश्किल था| उसने अपना पूरा ध्यान कागज़ पढ़ने में लगा दिया पर बड़ी मुश्किल से डेढ़ घंटे में वह मात्र एक पन्ना ही पड़ पाया था|

तभी गुसलखाने से निंग क्षी के चीखने की आवाज आयी, "लू टिंग!"

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