"ओह शायद मैंने कुछ गलत समझ लिया।" यह कहते हुए पत्रकार ने निंग क्षी के जवाब देने से पहले ही अपना प्रश्न वापस ले लिया।
उसने ऐसा शायद इसलिए किया क्योंकि अचानक उसे याद आया कि सु यिनो जो कि ग्लोरी वर्ल्ड की कलाकार थी, उसका स्टाइलिस्ट निंग क्षी को कैसे तैयार कर सकता था? क्योंकि निंग क्षी तो स्टारलाइट की कलाकार थी।
" यह सुनते ही निंग क्षी ने राहत की सांस ली परंतु फिर सोचा "इन लोगों को अगर टोका नहीं गया तो ये लोग ऐसे ही अनाप-शनाप प्रश्न पूछते रहेंगे| उसने तुरंत ही कहा, "आज दी वर्ल्ड नाटक की ओपनिंग सेरेमनी/ उदघाटन समारोह है| मेरी आप लोगों से विनती है कि आप इससे संबंधित प्रश्न ही पूछे।
" मिस निंग क्षी, क्या यह आपका पहला नाटक है? अचानक किसी ने पूछा।
" नहीं, नहीं ऐसी बात नहीं है| मैंने नाटक करना यूनिवर्सिटी (विश्वविद्यालय) के शुरुआती दिनों से ही शुरू कर दिया था| मुझे ज्यादा सीन नहीं दिए जाते थे तो शायद लोगों ने मुझे नोटिस नहीं किया|"
निंग क्षी मन ही मन डर रही थी, कि कहीं कोई उसकी पिछली जिंदगी के उन गहरे राजों को ना खोज ले , जो वह इन सब से छुपाना चाहती थी। इसी कशमकश में उसने एक गहरी सांस ली और मुस्कुराते हुए दूसरे प्रश्न के लिए खुद को तैयार किया।
" मिस निंग क्षी, पहले आप किस प्रकार के रोल कर चुकी है? इस बारे में कुछ बताएँ।"
यूं तो यह एक सादा सा प्रश्न था पर निंग को इसका जवाब देना अटपटा सा लगा क्योंकि वह बहुत बार इसका उत्तर दे चुकी थी, तो उसने इसका जवाब नहीं देना ही ठीक समझा| फिर कुछ सोचकर उसने एक एक करके अपने वह सारे किरदार (रोल) पत्रकार को बताना शुरू किए जो वह विदेश से लौटने के बाद निभा चुकी थी।
निंग क्षी पढ़ाई के लिए विदेश गई थी| वह 4 साल विदेश में रही| वहाँ पढ़ाई के दौरान जब भी कुछ खाली समय मिलता तो वह ड्रामा में एक्टिंग( अभिनय) करने में ही बिताती| एक्टिंग उसकी पहली पसंद बन चुकी थी| इस दौरान कई नाटकों और फिल्मों में उसने कई महत्वपूर्ण रोल किए| एक अनजान देश में जहाँ चीन के कलाकारों को बिल्कुल भी पसंद नहीं किया जाता था, वहां उसे इतना काम करने का मौका मिला यह कोई छोटी बात नहीं थी| वह अपनी इस उपलब्धि पर हमेशा नाज़ करती थी ।
परंतु आज वह किसी के भी सामने अपनी उन उपलब्धियों को गिना नहीं जा सकती थी, कारण उसे डर था| डर था अतीत के पन्नों के फिर से खुल जाने का, जिसे वह कभी भी किसी को नहीं दिखाना चाहती थी| इन पन्नों में उन रिश्तों की गाथा थी जिनको वह बहुत पहले ही पीछे छोड़ आई थी| हालांकि वह सारे एक हल्के-फुल्के प्रेम प्रसंग(लव अफेयर) ही थे, परंतु उसे अपने पूर्व प्रेमियों के नाम खुल जाने का डर था क्योंकि वे सारे लोग काफी प्रसिद्ध थे| ऐसे में उनके नाम सामने आ गए तो लोग उसके काम से ज्यादा उसकी पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा बातें करेंगे और यही वह नहीं चाहती थी।
पूर्व प्रेम प्रसंग टीवी चैनल की टीआरपी तो बढ़ाकर उसे कुछ दिनों की पब्लिसिटी दिला सकते थे परंतु उसे काम नहीं दिला सकते थे| वह यहाँ अच्छा काम करने आई थीं, वह नाम और पैसा कमाना चाहती थीं| उसे अब शिद्दत से बस एक ऐसे रोल की चाह थी जो उसे बेहतरीन अदाकारा का तमंगा दिला सके, जिससे वह दुनिया के सामने सिर उठा कर गर्व से कह सके, "हां यह रोल मेरे द्वारा निभाया गया है!"
निंग क्षी ने पत्रकारों को वह सारे रोल एक-एक कर बता दिए जो उसने विदेशों से लौटने के बाद किए थे, परंतु पत्रकार उसके जवाब से प्रभावित नहीं दिखा।
शब्दों को तोड़ मरोड़ के अपने गले को साफ करने का नाटक करते हुए कुछ हिचकिचाते हुए आखिर उसने पूछ ही लिया "इतनी खूबसूरत होकर भी भूत, चुड़ैल, डायन, कोमा में गई निष्क्रिय औरत...यहाँ तक कि एक बूढ़ी डायन तक का भी रोल आपने किया| आखिर ऐसा क्यों?
"आखिर हमेशा खलनायक की भूमिका ही क्यों की है आपने?"
पत्रकार के इस प्रश्न ने मानो निंग क्षी के मन के तारों को हिला कर रख दिया! उसका मन व्याकुल हो उठा। अब वह कैसे भरी सभा में लोगों को बताएँ कि इन सब का जिम्मेदार चंग ली थी| निंग क्षी ने अपने मन की व्याकुलता को छुपाते हुए गरिमा भरे स्वर में यह कहना शुरू किया, "देखिए मैं एक कलाकार हूँ और किसी भी किरदार को दिल से निभाती हूँ| हर किरदार का अपना महत्व होता है और यह मायने नहीं कि रोल कितना बड़ा या छोटा है या रोल हीरोइन का है या विलेन का है| मायने रखता है उस किरदार के द्वारा आप लोगों में अपनी छाप छोड़ पाए हैं या नहीं और मुझे खुशी है मैंने अपने सभी किरदारों से लोगों के मन पर छाप छोड़ी है।"
पत्रकार ने निंग से कई तरह के प्रश्न किए और उन सभी प्रश्नों का निंग क्षी ने बहुत ही बुद्धिमता से जवाब दिया।
गुओ दूर बैठा इस इंटरव्यू को देख रहा था, असमंजस की स्थिति में उसने पास बैठे वांग से कहा, " लड़की में कुछ बात तो है| देखा तुमने किस होशियारी से पत्रकारों को जवाब दे रही है वह भी बिना मैनेजर से सलाह लिए| पर एक बात मेरी समझ में अभी तक नहीं आई कि इतनी अच्छी सूरत और टैलेंटेड होकर भी यह उस मुकाम पर क्यों नहीं पहुंच पाई जिसकी यह हकदार है?
"शायद स्टारलाइट वाले निंग क्षी के टैलेंट को पहचान नहीं पाए या शायद..... कहते हुए वांग ने एक गहरी सांस ली| वह जानता था कि स्टार लाइट में कुछ लोग जानबूझकर निंग क्षी की प्रतिभा को दबाना चाहते थे उसे आगे बढ़ने से रोकना चाहते थे।
इतनी प्रतिभावान अदाकारा का यह संघर्ष बेकार नही जाएगा देखना तुम, इसकी किस्मत का सितारा एक दिन जरूर चमकेगा। मेहनती और प्रतिभावान इंसान को सफलता जरूर मिलती है| हीरे को चमकने से कोई भी नहीं रोक सकता है।
ठीक इसी समय निंग जिओ लो ने निंग क्षी का हाथ इतनी जोर से पकड़ा कि उसके नाखून निंग के हाथों में चुभने लगे| निंग इस अचानक की गई हरकत से अवाक (हैरान) रह गई।
चंग ली ने जानबूझकर निंग को इस ओपनिंग सेरेमनी की बारे में देर से बताया| समारोह के शुरू होने के सिर्फ एक घंटा पहले ही निंग को इसका पता चला पर चंग ली अब यह देखकर हैरान थी कि उसकी सारी कोशिशों के बावजूद निंग ना केवल समय पर पहुंची थी वरन बेहद खूबसूरत भी लग रही थी।
निंग क्षी ने जो कपड़े पहन रखे थे वे बहुत ही उम्दा किस्म के थे , साथ ही काफी महंगे भी थे| शायद लाखों के|
इतने महंगे कपड़े आखिर निंग लाई कहां से?
"खैर कपड़े तो किराए से भी मिल जाते हैं आजकल।"
" पर आखिर इतना अच्छा तैयार (स्टाइल) किसने किया होगा इसे!"
"मैंने इस गांव की गवार को शायद समझने में गलती कर दी"!