Chereads / फुल मार्क्स हिडन मैरिज : पिक उप अ सन, गेट अ फ्री हस्बैंड / Chapter 25 - और यूँ ही दोनों साथ में रहने लगे?

Chapter 25 - और यूँ ही दोनों साथ में रहने लगे?

हाँ!

"पर मिस्टर लू आपको नहीं लगता, मेरा यहाँ इस तरीके से रहना ठीक नहीं है| मेरा मतलब है कि मैं जब भी आप बुलाएँगे आ जाऊंगी, पर पूरे तरीके से यहाँ रहना?"

लू टिंग ने कहा, "देखो बहुत सारी परेशानियाँ है, लिटिल को देख ही रहे हो, आधी रात में इस तरीके से ज़िद करने लगता है| ऐसे में हर बार रात में किसी भी समय तुम्हें बुलाना ठीक नहीं लगता| फिर जिस तरीके से तेज गति से बाइक चलाकर आज तुम आई, इस तरीके से तुम्हारी जान को भी खतरा हो सकता है| मै समझ सकता हूँ, तुम्हें यहाँ रहना ठीक नहीं लग रहा है, पर मेरी प्रार्थना एक पिता की तरफ से है।"

लू टिंग के इन शब्दो ने निंग क्षी को पिघलाकर रख दिया| इतने पैसे और रुतबे वाला आदमी चाहता तो डरा-धमकाकर यह सब करवा सकता था पर इस विनम्र निवेदन के आगे निंग क्षी भी झुक गई और लिटिल ट्रैजर की ख़ातिर यहाँ रहने को राजी हो गयी|

उधर लू जींगली कोने में खड़ा अपने भाई को बिना पलक झपकाए देखे जा रहा था| भाई भी खिलाड़ी है, क्या छक्का मारा है, निंग क्षी को यही रहने को मना लिया| वाह भाई, वाह भाई|

तभी लिटिल के कमरे से धड़ाम की आवाज आई| सभी ने जाकर देखा तो लिटिल अपने बिस्तर से गिर गया था| वह काफी डरा हुआ था| उसकी आँखों का भय निंग क्षी को देखकर कुछ कम हुआ|

निंग क्षी ने उसे थपथपाया और कहा, "क्या हुआ बच्चे क्यूँ डर गए? आंटी है न ! डरो नहीं , मै हूँ..." और फिर उसे थपथपाकर फिर सुला दिया । लिटिल भी ने भी निग क्षी को कसकर पकड़ लिया और थोड़ी देर में फिर सो गया| लिटिल को सुला निंग क्षी लिविंग रूम में आई तो देखा कि कमरा नौकरों ने साफ कर दिया था।

बंगले के नौकर काफी सभ्य और अपने काम में निपुण लग रहे थे| सब के सब जानने को उत्सुक दिख रहे थे कि ये मोहतरमा कौन हैं, क्यूँ आई हैं पर पूछने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी| आँख और सिर झुकाकर सभी अपने अपने काम में व्यस्त थे।

"मिस्टर लू लिटिल कभी भी फिर से उठ सकता है, तो लगता है आज रात मुझे घर जाने को नहीं मिलेगा पर मेरा समान ओर ज़रूरत की चीजें मेरे घर पर ही है तो क्या करें?"

" उसकी तुम चिंता नहीं करो, मैं अभी किसी को भेजकर आपका समान आपके घर से बुलवा देता हूँ|" ऐसा कहकर उसने तुरंत नौकर को भेज दिया। 

लू जींगली कोने में चुपचाप यह सब आश्चर्य से देखे जा रहा था| सब कुछ कितनी जल्दी हो गया। भाई कुछ कम नहीं है, अब ये दोनों यूँ ही साथ में रहने लगेंगे|

लू टिंग ने लू जींगली को देखा और पूछा, "तुम्हारा काम हो गया क्या? या कुछ बाकी है?"

लू जींगली सुनते ही तुरंत खड़ा होकर अपने कमरे में जाने लगा| उसने सोचा, "क्यों कबाब में हड्डी बनो?"

लू टिंग ने निंग क्षी को लिटिल के कमरे के पास का एक कमरा दिखाया, "अब से तुम यही रहोगी| यहाँ से लिटिल का कमरा पास है| मैं कल किसी को बुलवाकर इसकी सजावट तुम्हारे मुताबिक करवा दूँगा।"

"अरे इसकी क्या ज़रूरत है, मैं कौन सा हमेशा यहाँ रहने वाली हूँ| क्यों परेशानी उठा रहे हैं|" निंग क्षी ने कहा ।

"इसमें परेशानी की क्या बात है|" लू टिंग ने क़हा|

लू टिंग ने नौकर से चाबियाँ लेकर निंग क्षी को दी… "यह आगे वाले मुख्य दरवाज़े की चाबी है| इसका पासवर्ड 35427 है, यह ऊपर छत की चाबी है, तुम कभी भी आ जा सकती हो। कोई रोक टोक नहीं रहेगी।" लू टिंग उसे कमरे की तिजोरी तक की चाबी देने वाला था कि निंग क्षी ने उसे बीच में ही टोका, " मिस्टर लू आप इतना चिंता मुक्त होकर मुझे सब दे रहे हैं, कहीं मैं आपके घर को न लूट लूँ|"

लू टिंग ने कहा, "इस काम में कोई मदद चाहिए तो बताओ, किसी नौकर को भेज देता हूँ|"

लू टिंग का स्वर साफ स्पष्ट था जिसमें कोई मज़ाक नहीं था। निंग क्षी अब लू टिंग को देखती रह गई|

Latest chapters

Related Books

Popular novel hashtag