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Narayan

Alpha's Human Mate

" Don't come near me! " She said while trembling badly. She is scooting backside until she bumped with the well. He was looking at her keenly while blood droplets fell on the ground with his saliva. She looked at the blood droplets and became more scared. He went near her and sniffed her rose scent, which calmed him a bit. But she closed her eyes in fear and mumbled, " Don't come near me and touch me, you monster! " That word was enough for him to lose his mind. He shifted himself into his human form and caught her forearm tightly. He made her stand up on her feet and growled, " Don't you dare to call me a monster. I am your mate! " She calmed herself and yelled, " WHAT THE HELL ARE YOU TALKING ABOUT? WHAT IS MATE? WHO IS YOUR MATE? LEAVE ME! Look, I will not tell anyone about your secret. But let me go! " " NEVER! YOU ARE MINE! " He growled. Madison Davis is a human and CEO of Davis Architects. She is a soft, stubborn, humble, strict, and intelligent lady. You can call her beauty with brains. She never showed any interest in any guy and spent most of the time in her work. Alexander Black is an alpha of Silver Moon Pack who is no. 1 in New Zealand. He is also the CEO of Black Enterprises. He is ruthless, cols, dominant, handsome, and smart guy. Girls fell in love with him with his one look, but he never showed his interest to any girl and was eagerly waiting for his mate. What will happen if these two different species meet in a different situation? Will they accept each other? What will happen between them? Let's find out their story in this love story.
Tripti_Narayan · 12.6K Views

Rathode's Revengeful Bride

Aadya Narayan, Solemn heiress of Aadya& Co. She is fearless authoritive businesswomen with Snobbish attitude. She posses a supernatural power of emerging out of tears of agony. She had been balancing everything carefully until Samardh happened. Samardh Rathode, CEO of Rathodes Multinational Company. He is arrogant, handsome with delicious body and gorgeous face, rudeness which runs in his blood. He saw the person who he was supposed to give away the award appear suddenly in front of him. This got him curious. As he is inquisitive person he couldn't stop himself from getting involved in her life. He ended up being her p.a. He showered her care and love. Finally got what he wanted and left her heartbroken. Aadya who had never let anyone involved in her life, let him rule her heart. She was left alone cold and unwanted. When the opportunity to take revenge knocked at her door, she took it. She ended up marrying him. Marrying him, she learnt Rathode is the one who was with her whole time protecting her without her knowing and who took Aadya parent's life and reason for her lonely life and reason for her being orphan with no love and miserable life. She thought of torturing him with her cunning plot and vicious plan but ended up falling in love hardly. As the day passed he fell is in love with her but it was too late as he killed her soul with his attitude and arrogance. He was ready to accept her along with her supernatural power but his fate didn't let it. Samardh ended up in death bead fighting for his life. In order to gain something we have to give up the dear one. She lost her supernatural power to save her husband but gained his love inreturn.
Chandaryaraju · 9.1K Views

तीरथपुर

     "इन गरीब की कुटिया मे आप क्या आयोगे  सहाब?, आंखो से नशा और ओंठो से प्यारिसी स्माईल देकर शालिनी 'विजय' को अपने कुटिया आने का नेवता दे रही थी। ये वही शालिनी थी जिसे गाँववालोंने शापित बोलकर गाव से बाहर निकाला था। अब शालिनी जंगल के उन क्षेत्र में रहती थी जहा तीरथपूर गाँव को आना सख्त मना था। विजय उसी सीमा पे खड़ा था जहाँ से अंदर आना बोहत ही खतरनाक था। "तेरी कुटिया क्या, हम तो तेरे चूल्हे तक आने की चाहत रखते है मिस। बस ये मजबूरी की बेड़िया टूटने का इंतजार है। जिस दिन ये बेड़िया टूटेंगी ना। फिर देखना। वैसेही हैम आप लोगो से नही डरते, डरते है तो बस अपनो से।" विजय शालिनी को अपनी मजबूरी बता रहा था। एक मीठी सी स्माईल देकर शालिनी विजय को बोली," बेड़ियों में तो हम बंधे है सहाब, ठाकुर को बता दीजिएगा, हमे उनकी बाहे बोहत पसंद है। एक दिन हम उनकी बाहो में जरूर आनेवाले है। "ठाकुर का पीछा कब छोडोगी? हमेशा उनका ही बैंड बजाती रहती हो?" विजय शालिनी को सवाल करते हुए बोला। शालिनी फिर हसते हुए बोली,"पुराना हिसाब जो चुकता करना है।" विजय हँसता हुआ बोला,"मिस शालिनी, अपनीं औकात ना भूलियेगा, ठाकुर की बाहे क्या उनकी हवेली को भी छूने की औकात नही है तुम्हारी।" फिर से एक मीठा स्माईल देते हुए शालिनी बोली,"हमारी औकात का इम्तिहान मत लेना सहाब। न जाने ऐसी कितनी हवेली को कुटिया में बदलने की एहमियत रखते है हैम। बस समय सही हो।" "समय का तो पता नही, लेकिन ठाकुर तुझे ऐसी जगह लाकर ठोकेगा ना, जहाँ गोली भी आवाज नही करेगी। सारा गाँव लगा दिया है तेरे पीछे। वो भी बंदूक लेके। पगला गया है वोह।" विजय ठाकुर की शक्तियों का प्रदर्शन करते हुए बोला। "ये शेरनी का इलाका है सहाब। बता दे गाँववालों को। अब ये गुल्लेर चलानेवाली शालिनी नही रही। कट्टा चलाना हम भी जानते है। अभी भी वक्त है, हमारे गिरोह में शामिल हो जाओ। और रही बात ठोकने की, ठोक तो वो तुझे भी देगा, बस कामना करो कि ठाकुर को तेरी बाते पता न चले।" शालिनी विजय का हाथ अपने हाथ मे लेते हुए बोली। "वैसे क्या हलचल है तेरे कबिले में? सुना है तू "रुद्रा" का सपोर्ट लेनेवाली है।" विजय शालिनी का दूसरा हाथ थामते हुए बोला। "हं! शालीनी को किसी के सपोर्ट की जरूरत नही। हमारी कुटिया ही काफी है ठाकुर की खटिया खड़ी करने के लिए। बस एकबार इलेक्शन नजदीक आने दो। वैसे उस बिग डील के बारे में क्या सोचा है ठाकुर ने?" शालिनी ठाकुर की जानकारी लेते हुए बोली। विजय जानकारी देते हुए शालिनी को अपनी ओर खीचते हुए बोला,"डील का तो  पता नही। लेकिन तेरा दिल एक दिन जरूर चुरा लूँगा।" To be Continue ....
NARAYAN_MAHALE · 1.9K Views

chaudhary saheb

आज का काव्य   हलचल   आज का शब्द   आज का विचार   सोशल मीडिया   मेरे अल्फ़ाज़   किताब समीक्षा   युवाओं की बात   वीडियो   रचना भेजिए Hindi News ›   Kavya ›   Mere Alfaz ›   Tamanna e Bechain Dil विज्ञापन तमन्ना ए बेचैन दिल   Prem Narayan Mere Alfaz मैं न रह सकूंगा साथ तेरे उम्र भर तक और न देख सकूंगा मैं मिटा के अरमां सारे महरूमियत में बेचैन जीने तक  दरवाजा मेरा खुला देख के घबरा गए हो तूने देखा नहीं हमें कभी होकर बर्बाद आह लब पे लाकर बेचैन जीने तक  मेरा दर्द तुम क्या जानो मुलाकात होगा सुना दूंगा दास्तां भी पुराने तू भी न हुआ मेरा कभी मर मर के भी जीने तक  हम चुप रहें या आह भरे उलझन तुम सुलझा दो घुट घुट के जीने में रखा क्या मिटा के ही अरमां सारे दर्द सीने तक  तुम्हें क्या बताऊं कोई रात ऐसी नहीं चैन से गुजारी हो मैं भी इक जख्म चाहता हूं मिटा कर हसरतें चैन से जीने तक.....     - हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें। राह-ए-हयात की दुश्वारियों की खबर रखता हूँ।  इसीलिए मुख्तसर असबाब-ए-सफर रखता हूँ।।  दौर-ए-गर्दिश, मेरी खुद्दारियों पर भारी ना पड़े।  ख्वाहिशों पर इख्तियार भी बाअसर रखता हूँ।।  -यूनुस खान  - हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें। साथ में तुम हो तभी ये सुहानी रात है हो करीब तो लग रहा कि रूहानी रात है हाथ में तुम्हारा हाथ है कांप रही देह है बिना हवा के लग रहा कोई तूफानी रात है आज अधरों पर तेरे अधर हो गए हाथ उड़ने लगे मानो पर हो गए तुमने हौले से मेरे बदन को छुआ ठंड में भी पसीने से तर हो गए ख्वाब के कोरे पन्ने कुतर आया है चांद छुप के जमी पर उतर आया है आज होठों से मुस्कान जाती नहीं उसके होठों को वो छू कर आया है प्रीत की बारिश प्रिय मुझको तो सावन लगे, कोमल अधर का पान कितना मनभावन लगे, नैन की मदहोशियों में होश प्लावित हो गए, तीक्ष्ण वक्षों की चुभन भी अति सुहावन लगे मैं इश्क का इजहार इस कदर कर दूं , तेरे दिल में जीवन गुजर बसर कर दूँ, आ तेरे माथे को चूम कर मैं आज, हमेशा के लिए प्रीत को अमर कर दूँ दो दिलों का इश्क परवान चढ़ता है, दो जिस्मों के अंदर भी तूफान चढ़ता है , अंधेरे की खूबसूरती यही तो दिखती है , जलवा तुम्हारा जब आसमान चढ़ता है चंचल चितवन से कर्म न बिगड़ जाए, खूबसूरत यौवन से शर्म न बिगड़ जाए, अदाओं पर ज़रा काबू रखिये हुजूर, कहीं गलती से मेरा धर्म न बिगड़ जाए
Abu_Talha_8740 · 1K Views
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