एक मस्त और सस्पेंस भूतिया कहानी की शुरुआत करते हैं।
**कहानी का शीर्षक: "
गाँव का नाम था "कथरा", जहां पुरानी हवेली के बारे में बातें होती थीं। यह हवेली ज्यादा यूज़ नहीं होती थी और सब लोग कहते थे कि यहाँ रात को अजीब आवाजें आती हैं। गाँव के युवा, विशेषकर अर्जुन, जो एक अपराध उपन्यास लेखक था, जब वह उस हवेली के बारे में सुनता, तो उसकी दिलचस्पी और बढ़ जाती।
एक रात, अर्जुन ने तय किया कि वह अपनी अगली किताब के लिए हवेली में रात बिताएगा। वह अपनी टॉर्च और नोटबुक लेकर हवेली की ओर बढ़ा। हवेली के दरवाज़े खुलते ही एक ठंडी हवा का झोंका उसे छू गया। अंदर का माहौल और भी प्राचीन और डरावना था।
रात का अंधेरा गहरा था, लेकिन अर्जुन ने हिम्मत नहीं हारी। उसने नोट्स लेने शुरू किए। अचानक, उसे एक हल्की आवाज सुनाई दी। "मदद... मदद करो..." यह आवाज बहुत слаб थी, जैसे कोई दर्द में हो। वह तेजी से आवाज की ओर बढ़ा।
वह एक कमरे में पहुँचा। कमरे की दीवारों पर पुरानी तस्वीरें थीं, और एक पुरानी मेज पर एक खोई हुई डायरी पड़ी थी। उसने डायरी उठाई और पढ़ने लगा। उस डायरी में एक महिला की कहानी थी, जिसने अपनी ज़िंदगी और प्रेम को उस हवेली में खो दिया था।
जैसे ही उसने डायरी पढ़ी, कमरे में अचानक बिजली चली गई। अंधेरे में उसे एक छाया दिखाई दी। वह घबरा गया, लेकिन उसने सोचा कि शायद यह उसकी कल्पना है। उसने अपनी टॉर्च जलाई, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।
फिर से आवाज़ आई, "कृपया मेरी मदद करो!" अर्जुन ने हिम्मत जुटाई और आवाज की दिशा में चलने लगा। एक पुराने कमरे में पहुँचा, जहाँ उसने देखा कि एक महिला की आत्मा थी, जो उसे देख रही थी।
वह आत्मा बताती है कि हवेली के मालिक ने उसे धोखा दिया था और उसका प्यार हमेशा के लिए मिट गया। अर्जुन ने जाना कि उसे उस आत्मा की कहानी को लोगों तक पहुँचाना होगा ताकि वह शांति पा सके।
अर्जुन ने कई दिनों तक काम किया, कहानी को लिखते हुए, और अंततः वह कहानी प्रकाशित हुई। उस रात, जब कहानी प्रकाश में आई, हवेली के आस-पास की हवा थोड़ी हल्की हुई।
क्या अर्जुन उस आत्मा को शांति दिला पाया? क्या हवेली की रहस्यमयी रातों का अंत हुआ?
यह कहानी खत्म होती है लेकिन सवाल यही है—क्या हम वाकई भूतिया कहानियों में विश्वास करते हैं, या वे केवल हमारी कल्पनाएँ हैं?
**कहानी का अंत।**
यदि आप अधिक विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इसे आगे बढ़ा सकता हूँ!