रात का समय
एक लड़की सुनसान सड़को पर भागे जा रही थी, उसके पीछे कुछ सात आठ हट्टे कट्टे गुंडे भाग रहे थे, वो उनसे अपनी जान बचाते हुए सुनसान सड़को से होती हुई कुछ खंडर जैसी जगह पर भागने लगती हैं,
उन गुंडों में से एक गुंडा उस पर चिल्लाते हुए कहता हैं -
" एय लड़की, रुक भागती कहाँ हैं, आज तेरी खैर नहीं, रुक.. "
लेकिन वो लड़की बिना किसी की बात पर ध्यान दिए बस अपनी जान बचाकर उन गुंडों से भागती जा रही थी, अचानक से उस लड़की का पैर नीचे पड़े हुए पत्थर से लड़खड़ा जाता हैं, और वो लड़की वहीं जमीन पर धडाम से गिर जाती हैं
तभी वो गुंडे उसके पास आकर उसे चारो तरफ से घेर लेते हैं, वो लड़की कुछ डरते हुए उन सभी की ओर नजरें घूमाती हैं, और रोते हुए उनके सामने गिड़गिड़ाने लगती हैं - " प्लीज मुझे छोड़ दो, मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हुँ,, "
तभी उन गुंडों में से एक गुंडा एक डरावनी हँसी हँसता हुआ उस से कहता हैं -
" छोड़ तो हम देंगे ही तुझको लड़की, एक बार पहले हमारा काम तो हो जाने दे.. "
उसकी बात सुनकर वहाँ खडे सभी के गुंडे कस कसकर हँसने लगते हैं, वहीं वो लड़की उनकी बात सुनकर जोर जोर से रोने लगती हैं,
लेकिन अगले ही पल वो लड़की का रोना अचानक से हँसी में बदल जाता हैं, वो लड़की जमीन पर ही अपना बाया पैर मोड़कर अपने दूसरे पैर को ऊँचा करके अपना दाहिना हाथ उस पैर के घुटने में रख कर खिलखिलाती हुई हँसने लगती हैं।
वह गुंडे जो अब तक उसकी हालत में हंस रहे थे, वह इस तरह से उस.लड़की को हंसते हुए देखकर चुप हो जाते हैं और उस को घूरने लगते है,
उनमें से एक गुंडा उस लड़की की तरफ देखते हुए उससे कहता है -
" ए लड़की तू पागल हो गई है क्या? ऐसे हंस क्यों रही है? "
वो लड़की जो तक हँस रही थी वो अचानक से हंसते हुए ही चुप हो जाती हैं और अपनी जगह पर ही अपने कपड़ो से धूल झाड़ते हुए खड़ी हो जाती है,
वो लड़की उन गुंडो को चारों तरफ से देखते हुए अपनी बड़ी ही एरोगेंट वॉइस में कहती है -
" वह क्या है ना बेटा.. अब जो तेरा हाल होने वाला है ना वह सोच कर ही मुझे हंसी आ गई,, क्या करूं? "
यह सुनते ही वो गुंडा गुस्से में तमतमा जाता है, और गुस्से से उस लड़की पर चिल्लाते हुए कहता है -
" बहुत गर्मी है ना तुझे, रुक, आज तेरी ये गर्मी हम ऐसे उतारेंगे की तू हमें जिंदगी भर भूल नहीं पाएगी "
यह कहते हुए वह गुंडा उस लड़की के ऊपर लपकने जाता है, जैसे ही वह गुंडा उस लड़की को पकड़ने जाता है वह लड़की घूम कर एक लात उस गुंडे के पेट में मार देती हैं, उसकी एक लात खाकर वो गुंडा जमीन पर दर्द से छटपटाने लगता है,
उसके पास खड़ा हुआ दूसरा गुंडा उसे इस हालत में देखकर हाथ में लकड़ी लिए उस लड़के के पास जाता है, वह लड़की उस गुंडे को भी एक मुक्का मारती है और वह जाकर सामने की जगह गिर जाता है,
फिर क्या था.. एक एक करके वह सारे गुंडे उस लड़की के पास आते जा रहे थे और वह लड़की एक एक को बड़े अच्छे से सबक सिखा रही थी, तभी पीछे से एक गुंडा उसके कुरते को पकड़ कर खींच लेता है,
उस लड़की ने अनारकली सूट पहना हुआ था, जिसे वह खींचने की वजह से फट गया था, वह लड़की गुस्से में एक नजर उस गुंडे को देखती हैं,
फिर वो लड़की बड़ी स्टाइल से उसकी तरफ मूड कर खुद ही अपना ड्रेस अपने हाथों से फाड़ देती है,
.उस लड़की ने उस कुर्ती के अंदर एक ब्लैक कलर का बॉडी टाइट जींस और ब्लेक टीशर्ट पहना हुआ था, उस टाइट बॉडी हगिंग सूट में उस लड़की का फिगर देखते ही बन रहा था,
वह लड़की अपनी पैंट की जेब में से एक बंदूक निकालती है और उस गुंडे के सिर पर निशाना लगाकर खड़ी हो जाती हैं, अब वह सारे गुंडे जो पहले से ही अधमरे हो चुके थे, वो उस लड़की के हाथ में बंदूक देखकर डर जाते हैं, और वहां से भागने की कोशिश करने लगते हैं,
अब सिवाय उस गुंडे के जिसके सिर पर बंदूक तनी हुई थी.. उसके अलावा सारे गुंडे वहां से भाग गए थे, वह गुंडा अपनी कांपती हुई आवाज में उस लड़की से सवाल करता है -
" क..क.. कौन हो तुम? मुझे छोड़ दो मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी खुंखार हो? अगर पता होता तो हम लोग तुम्हारे पीछे ना आते... "
यह सुनकर वह लड़की अपनी कोल्ड वोइस में उस से कहती है -
" अच्छा? मतलब इतनी मार खाने के बावजूद भी तुझ में इतनी हिम्मत है कि तू किसी सीधी शादी लड़की को छेडेगा और उसके साथ गलत करेगा?"
यह कहते हुए वह लड़की बंदूक की ट्रिगर पर अपनी उंगली घूमाने लगती है, जिसे देखकर वह गुंडा डर के मारे और ज्यादा कांपने लगता है वह अपनी डरती हुई आवाज में ही उससे कहने लगता है -
" नहीं नहीं मैं अब से किसी भी लड़की को नहीं छेडूंगा,, मैं.. मैं कसम खाता हूं कि अब से सारी लड़कियों को अपनी बहन की नजरों से ही देखूंगा। "
यह सुनकर वह लड़की कुछ शातिर नजरों से मुस्कुराती हुई उससे कहती है -
" हां बेटा,, छेडेगा तो तू तब ना,, जब छेड़ने के लायक रहेगा? "
यह कहते ही वह लड़की अपने घुटनों से उस गुंडे के दोनों पैरों के बीच में ही एक जोरदार लात मार देती हैं, वो गुंडा तो दर्द के मारे कराहते हुए वहीं धड़ाम से जमीन पर गिर जाता हैं.
फिर वो लड़की उस गुंडे को वार्निंग देते हुए कहती हैं -
"आज के बाद सपने में भी अगर किसी भी लड़की को छेड़ने की सोची ना, तो उससे पहले आज की रात याद कर लियो.. समझे. "
ये कहकर वो लड़की उस गुंडे के ऊपर से होते हुए आगे बढ़ जाती हैं,
ये लड़की थी इरा खन्ना ..
इरा जो बेहद खूबसूरत होने के साथ साथ उतनी ही खतरनाक और आग की तरह जला कर रख कर देने वाली लड़की ..
इरा के पापा आसित खन्ना माफिया वर्ल्ड के एक जाने माने गेंगस्टर हैं, जोकि दुनिया के सामने क्लीनचिट होकर बिजनेस करते हैं, लेकिन माफिया की दुनिया का ऐसा कोई काम नहीं हैं जो इनसे जुडा ना हो,,
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एक बड़ा सा पैलेस, जिसका नाम खन्ना पैलेस था।
इरा उसके परिवार के साथ इसी खन्ना पैलेस में रहती थी, इस वक़्त डाइनिंग हॉल में आसित खन्ना, उनकी वाइफ तारा खन्ना, इरा का बड़ा भाई साकेत, ये तीनो नाश्ता करने बैठे हुए थे, उनके साथ ही आसित खन्ना के छोटे भाई देवांश खन्ना और उनकी वाइफ ज्योति खन्ना और उनका बड़ा बेटा अभय भी बैठे हुए थे,
देवांश खन्ना जोकि आसित खन्ना का दाहिना हाथ था, इन दोनों भाइयो की एकता की वजह से ही माफिया की दुनिया और बिजनेस वर्ल्ड में खन्ना'स का राज था। देवांश खन्ना के दो बेटे थे, अभय खन्ना और साश्वत खन्ना,, साश्वत केनेड़ा में अपनी पढ़ाई कर रहा था,
सभी चुपचाप अपना खाना खा रहे थे, तभी वहाँ सीढ़ियों से उतरती हुई इरा अंगड़ाई लेते हुए डाइनिंग एरिया में आती हैं और सबकी तरफ देखकर कहती हैं -
" गुडमॉर्निंग every one, "
ये कहते हुए वो नाश्ता करने बैठ जाती हैं, इरा के बैठते ही उसकी माँ तारा उसकी प्लेट में नाश्ता परोसने लगती हैं, तभी इरा को चाची उस से सवाल करती हैं -
" इरा, कल रात तुम देर रात तक पढ़ाई कर रही थी? "
इरा बहुत कॉंफिडेंटली उनके सवाल का जवाब देती हैं -
" हाँ, चाची, वो क्या हैं ना एग्जाम आने वाले हैं, इसलिए तैयारी तो करनी पडेगी ना, "
उसकी चाची इरा की फ़िक्र करती हुई उस से कहती हैं -
" हाँ बेटा, लेकिन अपनी नींद भी पूरी कर लिया करो, वरना बीमार हो जाओगी, "
इस पर इरा कुछ कहती नहीं हैं, बस हाँ में अपना सिर हिलाकर खाने लगती हैं,
तभी आसित खन्ना अपनी चुप्पी तोड़कर इरा से सवाल करते हैं -
" तो फिर वो गुंडे जिन्दा बचे या फिर तुमने उन्हें खत्म कर दिया?"
ये सुनकर इरा के गले में खाना फंस जाता हैं, और वो खाँसने लगती हैं,
क्रमश