Chereads / Devil King 's innocent princess / एरोगेंट प्रियांश क्रियांश

Devil King 's innocent princess

Golu_Kumar_4713
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Synopsis

एरोगेंट प्रियांश क्रियांश

Hello friends, how are you all, I hope you are well, so without any delay let's go into the world of our story. 

 चलिए अपनी कहानी में चलते हैं ।

 एक बड़े लग्जरियस मेंशन जिसके चारों ओर बॉडीगार्ड्स का पहरा था वही उसके बाहर डोर के पास ही बड़े सुनहरी अक्षर में शेखावत मेंशन लिखा हुआ था ।

 शेखावत मेंशन के अंदर 

 संध्या जी चिंतित स्वर में " अरे कोई कॉल करके पूछो कहां रह गए वो दोनों अभी तक आए क्यों नहीं ।"

 

वही उनकी बात सुनकर शिवांश जी उन्हें शांत कराते हुए" आ रहे होंगे मां "

 उन्होंने अभी इतना कहा ही था कि एक गार्ड बाहर से भागते हुए अंदर आया ।

" बड़ी मालकिन छोटे साहब आ गए हैं ।" वो नौकर सर झुकाए हुए अंदर से बोला जिसे सुनकर संध्या जी खुशी से चिल्लाते हुए " शिव्या आरती कि थाली लाओ हमारे बच्चे आ गए "

 संध्या जी की बात सुन किचन के पास खड़ी औरत तुरंत अपना सर हां हिला जी " मां मैं अभी लाई " इतना कहकर वो वहां से चली गई ।

वहीं उनके जाने की कुछ देर बाद ही चार बच्चे एक साथ दौड़ते हुए आए उन चारों बच्चों में दो लडके और दो लड़कियां थी जिनमें दो बच्चों कि उम्र करीब 10 साल लग रही थी तो वहीं दो बच्चों कि उम 5 साल कि लग रही थी ।

 उनमें से एक बड़ा लड़का द उत्सुकता से पूछता है " दादी मां क्या मेरे दोनों छोटे भाई आ रहे हैं "

वही दूसरा लड़का जिसकी उम्र करीब 5 साल की लग रही है वह भी संध्या जी की ओर देखते हुए " हां हां दादी मां क्या भैया आ रहे हैं " उन्होंने अभी इतना कहा ही था कि उन्हें किसी के तेज कदमों की आवाज़ सुनाई दी जिसे सुनकर सभी एक साथ आवाज की दिशा में देखते हैं जहां दो सात साल के लड़के ऊपर से नीचे तक ब्लैक कपड़ों से कवर एरोगेंट वे में चलते हुए अंदर आ रहे थे उन दोनों लड़कों के हि चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं था ।

 वही उन्हें अंदर आते हुए देख कर संध्या जी उन्हें रोकते हुए " अरे वही रुक जाओ अभी हमें आप लोगों की नजर भी उतारनी ।"

वही संध्या जी की बात सुन उनमें से एक लड़का संध्या जी को घूरते हुए We do not believe in all these things nor do we have enough free time to waste on all these things. 

इतना कहकर वो दोनों सभी लोगों को इग्नोर करते हुए अंदर आ गए ।

उनमें से दूसरा लड़का सख्त आवाज में where is our room 

वही उसकी बात सुनकर संध्या जी एक गहरी सांस लेकर " चले हम आपको दिखा कर आते हैं ।"

वही संध्या जी की बात सुनते ही दूसरा लड़का अपनी गहरी आवाज में " You don't need to come with us or show too much pampering, you just ask a servant to show us our room "

 वहीं उन दोनों की बात सुनकर संध्या जी मन ही मन काफी दुखी हुई पर फिर भी खुद को संभाल कर वो एक सर्वेंट को अपने पास बुलाती है ।

 संध्या जी दुखी मन से " जाओ इन्हें थर्ड फ्लोर का रूम दिखा कर आओ "फिर थोड़ा रुक कर उन दोनों लड़कों की ओर देखते हुए " आपने हमें जैसा कहां था हमने वैसे ही बिल्कुल आप का रूम तैयार करवाया है उस फ्लोर पर आप दोनों की सिवा किसी का भी रुम नहीं है ।

और हमने आपकी सारी जरूरत के समान को भी वहां रखवा दिया है अगर कुछ कमी हो तो हमें जरूर बताएं "

 " We don't need to tell you" संध्या जी की बात खत्म होते ही वो लड़का अपनी शांत मगर कठोर आवाज में बोला और

 इतना कहकर वह दोनों सर्वेंट के साथ अपने फ्लोर पर चले गए । 

वहीं उन दोनों के जाने के बाद संध्या जी सोफे पर बैठ कर उदासी से " जब से हमारे बच्चों को ये बिमारी हुईं हैं तब से ये किसी भी फैमिली मेंबर से बात नहीं करते पता नहीं कब ठीक होगी यह और कब वापस हमें हमारे बच्चे ठीक मिलगे । "

 ( तो ये थे हमारे कहानी कि हिरो प्रियांश शेखावत क्रियांश शेखावत द माफिया किंग ) 

 आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट

में जरुर बताएं धन्यवाद ।