Chereads / Paly With Me / Chapter 1 - आजादी

Paly With Me

🇮🇳Sunshine_Cristal
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Synopsis

Chapter 1 - आजादी

डी टाउन,

अंधेरी रात,

सुनसान रास्ता,

पूरी सड़क इस वक्त सुनसान थी एक अजीब से सन्नाटे ने पूरी जगह को घेर कर रखा था, यहां तक की वहां किसी पक्षी के फड़ फाड़ने तक की आवाज भी नहीं थीे उस अंधेरे और सुनसान रास्ते में सिर्फ चमगादड़ों का शोर सुनाई दे रहा था तभी वहां जूते की आवाज आने लगी टक टक टक टक,...

एक परछाई उस रास्ते से गुजरी उसने इस वक्त ब्लैक कलर की चद्दर से खुद को कवर किया हुआ था और वो तेज कदमों से आगे बढ़े जा रही थी ।…

तभी वो काले रंग की परछाई एक गार्डन के बाहर लगे एक बेंच पर जा बैठी और अचानक से उस परछाई ने अपने ऊपर ओढ़ रखी चद्दर को अपने ऊपर से झटके से हटाया चद्दर के हटते ही दिखा कि वहां एक खूबसूरत और प्यारी लड़की थी जो दिखने में काफी ब्यूटीफुल थी उसकी आइस का कलर अलग-अलग था जो एक तरफ से रेड और एक तरफ से ब्लू थी उसके बालों में भी पिंक कलर था जो दो हिस्सों में बटे हुए थे कुछ-कुछ में पिक और कुछ ब्राउन थे, वो लड़की देखने में थोड़ी अजीब तो लग रही थी लेकिन वो काफी खूबसूरत थी उसके गुलाब से पंखुड़ियां से नाजुक पतले होंठ जिन पर एक प्यारी सी स्माइल सजी हुई थी ।…

उस चद्दर को अपने ऊपर से हटाते हुए उस लड़की ने एक गहरी सांस ली और फिर बोली फाइनली, फाइनली मैं आज आजाद हूं मैं आज फाइनली उस कैद से निकल चुकी हूं अब मैं आजाद हो चुकी हूं और मैं अब कुछ भी कर सकती हूं मेरे पास पूरी आजादी है ।"...

अभी उस लड़की ने ये कहा ही था कि तभी उसे अपने पीछे कुछ महसूस हुआ उसने पलट कर देखा तो वहां कुछ भी नहीं था उसने सोचा कि शायद ये उसका कोई वहम होगा इसलिए वो फिर से खुश हो गई लेकिन तभी उसे ऐसा लगा कि उसकी दाईं तरफ से कोई निकल कर गया उसने जल्दी से उस तरफ देखा लेकिन वहां कुछ भी नहीं था, ये देख वो लड़की थोड़ा डर गई वो अपनी जगह से खड़ी हुई और आसपास घूम घूम कर देखने लगी तभी अचानक उसके सामने एक काले रंग की परछाई आकर खड़ी हो गई, वो लड़की जो दूसरी तरफ देखते हुए आगे बढ़ रही थी अचानक से उस परछाई से टकरा गई और नीचे गिर गई उस परछाई से टकराते ही उस लड़की ने नजरे उठा कर उसकी तरफ देखा तो वो डर गई ।…

एक काले रंग की परछाई जिसकी सिर्फ लाल लाल आंखें देखी जा सकती थी वो इस वक्त उसके सामने खड़ी थी वो पूरी तरह से काले रंग के लबादे से ढकी हुई थी उस परछाई को देख उस लड़की को घबराहट होने लगी वो हकलाने लगी अचानक से उसके मुंह से एक जोरदार चीज निकली " आह्हः "...

उस लड़की के चिल्लाते ही वो परछाई वहां से गायब हो गई थोड़ी देर के सन्नाटे के बाद उस लड़की ने अपनी आंखें खोल कर देखा तो वहां आस-पास कुछ भी नहीं था वो लड़की अपनी जगह से खड़ी हुई और फिर आसपास फिर से देखने लगी फिर वो थक कर उसी बेंच पर बैठ गई और उसने कहा _" शायद मेरा वहम होगा ।"...

तभी अचानक एक सफेद रंग का कपड़ा उड़ते हुए उसकी तरफ आने लगा वो लड़की उस कपड़े को देख कर और भी ज्यादा सहम गई और उसने अपनी आंखें बंद कर ली वो कपड़ा जाकर उसके चेहरे पर गिर गया उस लड़की ने देखा कि वो छोटा सा कपड़े का टुकड़ा था जो हवा से उड़कर शायद उसके पास आ गया था उसने ये सोचकर कि शायद हवा से उठकर आया होगा उस कपड़े को अपने मुंह से हटाया और फिर इधर-उधर देखने लगी ।…

वो लड़की घबराते हुए बोली _"शायद, मुझे लग रहा है कि मैं घर से आकर थोड़ी सी गलती कर दी है, मुझे घर वापस चले जाना चाहिए, लेकिन फिर से अचानक अपना सर ना में झटकते हुए वो बोली _"नहीं नहीं, मुझे घर नहीं जाना मुझे फिर से उस कैद में नहीं जाना मैं यही ठीक हूं मुझे आजादी चाहिए ।"...

वो ये सब कह ही रही थी कि तभी उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस हुआ जिसे महसूस करते ही वो लड़की डर से कांप उठी, उसके चेहरे का रंग सफेद पड़ने लगा उसने धीरे से डर के मारे अपना सर घुमाया और पीछे की तरफ देखा उसकी आंखें फटी की फटी रह गई इस वक्त वही काले लबादे वाली वो परछाई उसके सामने खड़ी थी इस वक्त उस लड़की के पैर डर के मारे जम चुके थे और सांसे भी थम चुकी थी वो लड़की एक टक उस परछाई को देख रही थी तभी अचानक उसकी लाल रंग की आंखें और भी तेज चमकने लगी जिसे महसूस कर वो लड़की डर से चिल्लाते हुए वहां से उठ खड़ी हुई और पीछे की तरफ अपने पैर बढ़ाने लगी तभी वो लड़की एक पेड़ से जा टकराई इस वक्त वो काले लबादे वाली परछाई उसी की तरफ बड़े जा रही थी डर के मारे उस लड़की ने अपनी आंखें बंद कर ली और अपने चेहरे पर दोनों हाथ लाते हुए जोर से चिल्लाई " आह्ह…

थोड़ी देर बाद उसी सुनसान रास्ते पर आकर एक कार रुकी उसकी लाइट्स में वो लड़की बैठी हुई दिखाई दे रही थी उस कार में से एक लड़का बाहर निकला जिसने व्हाइट कलर की शर्ट और पेंसिल कलर की पेंट पहन रखी थी उसके बाल थोड़े से लंबे थे उसकी आंखें रात के अंधेरे में नीले रंग सी चमक रही थी और उसके चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशन नहीं थे वो लड़का बाहर निकला और उस लड़की की तरफ बढ़ने लगा वो लड़का बाहर निकाला और उस लड़की की तरफ बढ़ने लगा ।…

वो लड़का चलते हुए उस लड़की के पास आया और फिर उसके सामने बैठ गया वो उस लड़की को घूर कर देख रहा था उसने धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ाया और उस लड़की के दोनों हाथों को पकड़ कर उसके चेहरे से हटाया जैसे ही उसने उस लड़की के चेहरे से उसके हाथों को हटाया तो वो लड़की चिल्लाने लगी _"दूर, दूर रहो मुझसे, मुझे बचाओ, कोई तो मुझे बचाओ ।"... वो लड़की चिल्लाए ही जा रही थी उसे देख उस लड़के ने उस लड़की को अपनी बाहों में भर लिया और सीने से लगा लिया ।…

अपने ऊपर उस गरमाहट को महसूस कर उस लड़की ने चिल्लाना बंद कर दिया उसने एक गहरी सांस ली और धीरे से अपनी आंखें खोली उसने देखा कि वो इस वक्त किसी की बाहों में थी वो बॉडी काफी मस्कुलर थी उसकी शर्ट से उसकी सिक्स पैक और परफेक्ट बॉडी साफ पता चल रही थी ये सब महसूस कर उस लड़की का दिल जोर जोर से धड़कने लगा उसने खुद को उस लड़के से दूर किया और फिर उसकी तरफ घूर कर देखने लगी थोड़ी देर देखने के बाद वो चिल्लाते हुए वहां से खड़ी हुई और बोली _"तुम, तुम यहां क्या कर रहे हो?…

उस लड़की को खुद पर चिल्लाते देख वो लड़का खड़ा हुआ और बोला _" ये तो मुझे तुमसे पूछना चाहिए कि तुम यहां क्या कर रही हो? वो भी इतनी रात गई? क्या तुम घर से भाग गई हो पंछी ?"…

पंछी ने जैसे ही उस लड़के की बात सुनी तो वो बोली _" उससे तुम्हें क्या मतलब एवी धनराजगीर, मै घर से भागूं या फिर इस दुनिया से भाग जाऊं उससे तुम्हें कोई मतलब नहीं होना चाहिए, और मुझे बताओ कि तुम यहां क्या कर रहे हो? क्या तुम मेरा पीछा कर रहे थे ?"…

एवी ने जब उसकी बात सुनी तो वो बोला _" मैं कोई तुम्हारा पीछा नहीं कर रहा था मैं सिर्फ तुम्हारे घर गया था और अंकल आंटी ने बताया कि तुम इस वक्त घर पर नहीं हो और मुझे जहां तक पता था कि तुम इसी एम्यूजमेंट पार्क में आई होगी इसलिए मैं यहां आ गया तुम्हें ढूंढने के लिए, लेकिन जब यहां आया तो तुम डरी सहमी सी इस पेड़ से सट कर बैठी हुई थी और चिल्ला रही थी ।"…

पंछी ने उसकी बात सुनी तो वो गुस्से से तिल मिलते हुए बोली _" मैं चिल्लाऊं, भागू, कुछ भी करूं उससे तुम्हें कोई मतलब नहीं होना चाहिए हम अलग हो चुके हैं ये तुम्हें भी पता है कि 5 साल पहले तुम मुझे छोड़कर चले गए थे समझे तुम ।"…

पंछी की बात सुन एवी ने उस पर चिल्लाते हुए कहा _" वो सब पुरानी बातें हैं तुम उन सब बातों को लेकर क्यों बैठी हुई हो? तुम्हें घर चलना चाहिए चलो मेरे साथ ।"...

लेकिन उसकी बात सुन पंछी ने उससे खुद का हाथ छुड़वाया और फिर बोली _" मुझे तुम्हारे साथ कहीं भी नहीं जाना, अगर मुझे घर जाना होगा तो मैं खुद से चली जाऊंगी ।"... इतना कहकर वो वहां से आगे बढ़ने लगी ।…

उसे वहां से जाते देख एवी भी उसके पीछे पीछे जाने लगे एवी ने आगे चलकर उसका हाथ पकड़ा और फिर उसे गोद में उठा लिया खुद को एवी की गोद में देख पंछी में उसके सीने पर अपने हाथ से मारते हुए कहा _" मुझे छोड़ो, मुझे तुम्हारे साथ कहीं नहीं जाना, नीचे उतरो मुझे ।"...

लेकिन एवी की मजबूत बॉडी पर उसके नाजुक हाथों से कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था वो उसे लेकर गाड़ी की तरफ बढ़ रहा था गाड़ी के पास जाकर उसने गेट खोला और पंछी को गाड़ी के अंदर बिठाते हुए खुद भी ड्राइविंग सीट पर बैठ गया उसने कार का गैर चेंज किया और उसकी कार हवा से बातें करने लगी पूरे रास्ते वो दोनों खामोश थे और पंछी उसे घूरे जा रही थी ।…

थोड़ी देर बाद एवी ने अपनी कार एक बड़े से विला से सामने जाकर रोक दी ।…

कौन थी वो काली परछाई? क्या होगा कहानी में आगे? क्या राज है पंछी ओर एवी के दिल में पिछली जिंदगी को लेकर? सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िए "Play With Me" सिर्फ Pocket Novel पर ।

Rahi ❤️🧿

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