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Mom and me

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Chapter 1 - मॉम की चुदाई नंगी देख कर

पापा आर्मी में हैं तो मॉम सेक्स के लिए प्यासी रहती थी. घर में मैं और मॉम ही थे. एक दिन मैंने मॉम को बाथरूम में नंगी देखा तो मैंने मॉम की चुदाई करने की सोची.

नमस्कार दोस्तो. मैं मनीष अन्तर्वासना पर अपनी पहली कहानी लेकर हाजिर हूँ. ये कोई सेक्स कहानी नहीं है, बल्कि एक सच्चाई है.

मेरी उम्र 20 साल है. मेरी हाइट 6 फिट है,लंड का आकार 8 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा है. मेरी मॉम का नाम सुषमा है. उनकी उम्र 45 साल है, पर इस उम्र में भी वो इतनी कामुक लगती हैं कि मेरा क्या, जो उन्हें देखे, उसका लंड भी खड़ा हो जाए. उनका फिगर 36-32-38 का है. वो हमेशा साड़ी पहनती हैं. पापा आर्मी में हैं, तो वो अक्सर बाहर रहते हैं.

ये बात 2 साल पहले की है. मैंने 12वीं का एग्जाम दिया था और रिजल्ट का इंतजार कर रहा था. मैं बहुत पहले से मॉम को चोदना चाहता था. इसलिए हमेशा ही उनको साड़ी में घर में पौंछा लगाते हुए देखता रहता था और उनके नाम से मुठ मारा करता था.

हमारे घर में केवल मैं और मॉम ही रहते थे, तो मॉम जब भी नहाने जातीं, तो मुझे उठा कर जातीं.

ऐसे ही एक दिन मेरे ख्याल में आया कि क्यों ना मैं मॉम को नंगी नहाती हुई देखूँ. बस दिमाग में घुस गया था, तो मैं उन्हें बाथरूम में नंगी नहाते हुए देखने की जुगत में लग गया.

अगले दिन जब मॉम मुझे उठाने आईं तो मैं जगा हुआ था. उनके जाने के बाद मैं भी उनके पीछे से बाथरूम की तरफ गया. बाथरूम में वैन्टीलेटर से झाँक कर मैंने अन्दर देखा, तो मॉम ब्लाउज और पेटीकोट में अपने कपड़े धो रही थीं.

कपड़े धोने के बाद उन्होंने अपना ब्लाउज खोला, तो उनके 36 साइज़ के चूचे आज़ाद हो गए और इधर उधर फुदकने लगे.

थोड़ी देर बाद मॉम ने अपना पेटीकोट निकाला और मेरी तरफ अपनी पीठ को कर लिया. मॉम ने पैंटी पहनी हुई थी.

मैं जानता था कि मॉम ब्रा नहीं पहनती हैं, पर पैंटी पहनती हैं, ये मैंने आज जाना था.

तभी किसी ने दरवाजे पर दस्तक दे दी, तो मैंने मॉम को छोड़ दिया.

माँ ने कहा- देख तो दरवाजे पर कौन है?

मैं देखने गया. बाहर कोई पड़ोस से आया था. मैं उनसे बात करने लगा. जब तक वो गया, तब तक मॉम पूरी तैयार हो चुकी थीं.

मैंने उनको देखा, उन्होंने आज रेड साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट पहना था. होंठों पर लिपस्टिक, गले में मंगलसूत्र, हाथों में चूड़ियां. मैंने उनको देखा और सोचा कि अब तो मॉम को चोदने का मौका निकल गया.

फिर मैं टीवी देखने लगा.

दोपहर में करीब एक बजे खाना खाकर मैं सोफे पर बैठ कर 'रागिनी एमएमस-2' मूवी देख रहा था, जो डरावनी कम और सेक्सी ज्यादा थी.

तभी मॉम वहां आ गईं, तो मैंने चैनल बदल दिया. तभी मॉम ने मेरे हाथ से रिमोट लेकर वही मूवी लगा दी. हम दोनों मूवी देखने लगे. उसमें एक डरावना सीन आया, तो मॉम मेरे पास आ गईं और मुझसे लिपट गईं.

इससे मुझे भी थोड़ी हिम्मत आ गई और मैंने अपना हाथ मॉम की जांघों पर रख दिया. मॉम ने कुछ नहीं कहा, तो मैं धीरे-धीरे अपना हाथ सहलाने लगा.

फिर मैंने अपना हाथ मॉम के पेट पर रखा तो मॉम बोलीं- बेटा मुझे यहां से कुछ साफ से दिखाई नहीं दे रहा, सूरज की रोशनी आ रही है. … मैं खिड़की बन्द करके आती हूँ.

माँ खिड़की बन्द करने गईं, तो मैंने अपना अंडरवियर नीचे करके लोअर ऊपर कर लिया.

थोड़ी देर बाद मॉम आईं, तो उन्होंने मुझे पीछे होने को कहा और खुद मेरे पैरों के बीच में आकर बैठ गईं. अब रूम में अंधेरा था. थोड़ी देर बाद मैंने फिर से मॉम के पेट पर हाथ रखा और अपना लंड मॉम की गांड के पास सटा दिया.

मॉम ने अपना पल्लू नीचे किया हुआ था, तो मैंने मॉम के गले पर किस किया. मॉम ने अपना शरीर ढीला कर दिया. मैं समझ गया कि मॉम चुदने के लिए रेडी हैं. मैंने एक हाथ उनकी नाभि में घुसाया और दूसरे हाथ से उनके चेहरे को अपनी तरफ करके लिपलॉक किस करने लगा.

माँ भी मुझे साथ देने लगीं. कोई 5 मिनट किस करने के बाद मैंने अपना हाथ उनके मम्मों के ऊपर रखा और चुचियां दबाने लगा.

अब मॉम की सिसकारियां आना शुरू हो गई- आह आहहह हहह आराम से राजा.

मैंने उनका पल्लू नीचे किया और उनके ब्लाउज का बटन खोल दिया. मैंने नजर भरके उनके रसभरे मम्मों को देखा और मॉम को सोफे पर लेटा कर खुद उनके ऊपर चढ़ गया.

उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और उसे बाहर निकाल लिया. मैं उनकी चुचियों को मसल रहा था. मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में लिया और दूसरे को दबाने लगा. इसके बाद मॉम की साड़ी भी निकाल दी.

करीब 10 मिनट तक चूचे दबाने के बाद मैंने उनके मुँह में अपना लंड देने का सोचा. मैंने अपना लोअर निकाला और लंड मॉम की चुचियों पर फिराने लगा. थोड़ी देर बाद मैं अपना लंड मॉम की मुँह के तरफ ले गया, तो मॉम ने उसे मुँह में लेने से इंकार कर दिया.

थोड़ी देर मनाने के बाद आख़िरकार मेरा लंड मुँह में लेने को मॉम तैयार हो गईं.

मैं नीचे उतरा और मॉम को सोफे पर बिठाकर उनके मुँह में अपना लंड घुसा दिया. मॉम मेरा लंड चाटने लगीं और मैं उनके बाल सहलाने लगा. उनके निप्पलों के साथ खेलने लगा. लंड जब मॉम के मुँह में अन्दर बाहर होता तो 'घप … घप … घप.' की आवाज़ आ रही थी.

मैंने मॉम को पीठ के बल किया और उनके चूत के आसपास लंड घुमाने लगा.

माँ- ये मंगलसूत्र निकाल दूं क्या … शायद तुझे मेरी चुचियां दबाने में दिक्कत हो.

मैंने ना में सर हिलाया और उनकी दोनों चुचियों पकड़ कर उनके मंगलसूत्र के अन्दर डाल दिया.

माँ- अब चोद भी दे राजा … क्यों तड़पा रहा है.

मैंने अपना लंड मॉम की चूत पर सैट किया और हल्का सा धक्का दिया. इस झटके के मेरा लंड हल्का सा अन्दर घुस गया. मॉम ने अपनी सांस रोक ली. मैं रुक गया, तो मॉम ने कुछ बोलने के लिए अपना मुँह खोला. तभी मैंने दूसरा धक्का लगाया और मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.

माँ चीख पड़ीं- आआह … मर गई.

मैंने उनकी जीभ को अपने जीभ से पकड़ा और हल्का सा लंड पीछे किया. मॉम कुछ बोलना चाहती थीं, पर मुँह बन्द था. फिर मैंने अपना आखिरी धक्का लगाया और मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया. मैंने मॉम के मुँह से अपना चेहरा हटाया ताकि वो अपनी मादक सिसकारियां ले सकें.

माँ ने अपने पैर मेरी कमर में फंसा लिए और मैं उनकी चूत चोदने लगा.

'घप-पच-गपागप..'

'आआहह ऊईईई मॉमआआ … मर गई मादरचोद..'

'ले रांड … भोसड़ा बना दूँगा … रखैल साली कुतिया..'

पूरा रूम इन्हीं आवाजों से भर गया था. मॉम चुदे जा रही थीं और अपनी गांड उचका कर मेरा साथ दे रही थीं.

करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ने को हुआ, तो मॉम बोलीं- मेरे मुँह में गिरा दे … क्योंकि मेरा रिस्की टाइम चल रहा है अगर कुछ हो गया तो मुश्किल हो जाएगी.

मैंने भी उनके मुँह में गिराया और उनके गले लग कर सो गया.

जब मैं उठा, तो रात के 8 बजे थे और मॉम नींद में थीं. मैंने उन्हें उठाया और बेडरूम में ले गया. जहां हमने पूरी रात 3 बार सेक्स किया.