एक घर में एक लड़की बेड के नीचे बैठी रो रही थी। उसने शादी का जोड़ा पहन रखा था, लेकिन वह यह शादी बिल्कुल नहीं करना चाहती थी। क्योंकि उसकी सौतेली मां उसकी शादी जबरदस्ती उसके पिता की उम्र के आदमी से करना चाहती थी। लेकिन वह लड़की यह शादी बिल्कुल नहीं करना चाहती थी। इसीलिए वह यहां से भाग जाना चाहती थी। लेकिन उसके भगाने के सारे रास्ते बंद हो चुके थे।
तभी उसे कमरे में एक बूढ़ा आदमी आता है, और उसे लड़की के सिर पर हाथ फेर के कहता है, "भाग जा बेटी, यहां से, वरना यह लोग तेरी जिंदगी पर बात कर देंगे।" वह लड़की अपनी आंखें खोल कर उसे बूढ़े आदमी को देखती है और कहती है, "काका, उन लोगों ने मेरे भगाने के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। बस एक रास्ता बचा है। अगर मैं मौत को सुन लेती हूं, तो शायद मेरी जिंदगी और मेरी इज्जत दोनों बच जाए।"
तभी उसे कमरे में एक 40-45 साल की औरत आती है, और उसके साथ एक 20 साल की लड़की थी, और एक 22 साल का लड़का। सब लोग वहां जाकर उसे लड़की से कहते हैं, "यह तैयार हो गई हो, तो उसे जल्दी से नीचे लेकर चलो। इसकी शादी होते ही, यह सारी प्रॉपर्टी हमारे हो जाएगी। और तुम जानते हो ना, मिस्टर गुप्ता ने हमें इस लड़की से शादी करने के लिए पूरे 25 करोड़ रुपए दिए हैं।" मैं लड़की भरी आंखों से उसे लड़की की तरफ देखती हूं, और कहती हूं, "हमने तो तुमसे प्यार किया था, ना, मोहित? फिर तुमने हमें धोखा क्यों दिया?"
हम तो वही करते थे जो तुम कहते थे, और तुमने हमें भेज दिया 25 करोड़ में। तभी वह लड़का उसे लड़की के करीब आता है और कहता है, "आंचल, यह दुनिया सिर्फ पैसों से चलती है। प्यार मोहब्बत का कोई काम नहीं है। अगर मैं तुम्हारे प्यार में पड़ा रहता था, तो पहले की ही तरह कंकाल और भिखारी रहता। आज देखो, मेरे पास सब कुछ है - पैसा, प्रॉपर्टी, पावर, और मियां जैसी गर्लफ्रेंड। फिर मुझे तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है।"
आंचल भरी आंखों से अपनी बहन की तरफ देखती है और कहती है, "मैंने तुम्हें हमेशा अपनी छोटी बहन माना, तुमने जो कहा मैंने किया। तो मैं जो पसंद आया मैंने सब तुम्हें दे दिया। और आज तुम मेरी शादी एक 50 साल के बुड्ढे से करने जा रही हो। अरे, अगर मैं इतनी ही बस थी, तो तुम सब के ऊपर मार देते ना मुझे, लेकिन मुझे ऐसे किसी नरक में तो मत भेजो।"
तभी औरत रहती है, "यह इमोशनल ड्रामा ना तू किसी और को दिखाना। जाकर यहां तेरा यह इमोशनल ड्रामा काम नहीं आने वाला है। और जल्दी से ही अपना हुलिया ठीक कर, और नीचे से शादी होने वाली है। और फिर यह सारी प्रॉपर्टी हमारे और तू यहां से दफा हो जाएगी।" और तीनों जोर-जोर से हंसते हैं।
वही वह लड़की मुस्कुराते हुए उन सब की तरफ देखती है और कहती है, "मैं मर जाऊंगी, लेकिन ना तो यह प्रॉपर्टी तो मैं दूंगी, और ना ही उसे बुद्धि से शादी करूंगी। और एक बात, मैंने यह सारी प्रॉपर्टी ट्रस्ट में दान कर दी है, तो इसकी एक फूटी कौड़ी थी, तुम लोगों को नसीब नहीं होगी। और रही मेरे तो, मैं उसे बुद्धि से तो शादी नहीं करूंगी। इसलिए, तुम सब लोग अपनी बर्बादी का माता मानो, और तुम मोहित, तुमने दौलत के लिए मुझे छोड़ा था ना? आज मेरे को दौलत ही पर बात कर दी तो करो या स्मार्ट को पैसा और पावर।"
बालकनी से नीचे कूद जाती है आंचल। आंचल का कमरा 18 फ्लोर पर था। जाते-जाते ही आंचल का सर फट कर दो टुकड़ों में हो गया था, और उसकी सांसें तुरंत टूट गई थी। वही वह तीनों लोग बालकनी से नीचे झंकार आंचल को देख रहे थे। जब आंचल नीचे गिर रही थी, तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी, और वह मुस्कान उन दिनों की बर्बादी का सबूत थी।
बहुत सारी पुलिस आती है और आंचल को अस्पताल ले जाती है। वहीं आंचल की सांस है, तो कब की रख चुकी थी। तभी उसे औरत, मोहित और मियां के पास वकील का फोन आता है, और वह कहते हैं, "हां, आंचल जो कह रही थी वह सच था। उसने एक महीने पहले ही सारी प्रॉपर्टी ट्रस्ट में दान कर दी है। और उसने यह भी कहा था, अगर उसे कुछ होता है या उसकी मौत होती है, तो उसके जिम्मेदार तुम तीनों होंगे। इसलिए, अब तुम तीनों, या तो वहां से भाग जाओ, या फिर खुद को पुलिस के हवाले कर दो। क्योंकि थोड़ी देर में पुलिस वहां पहुंचने वाली है।" यह सब सुनकर उन तीनों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है। वह तीनों हड़बड़ा जाते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि वहां पुलिस पहुंच चुकी थी, और उन तीनों को फोर्स करके अपने साथ ले जाती है।
यह अंत नहीं, शुरूआत थी एक नई कहानी की। आंचल की कहानी का जरूर अंत हो गया था, लेकिन आंचल का पुनर्जन्म हुआ था। उसकी फेवरेट नॉवेल "मेरी आशिकी तुमसे ही" में यह नॉवेल आंचल काफी टाइम से पढ़ रही थी। लेकिन इस नॉबेल का और अभी तक आंचल में नहीं पड़ा था। क्या हो, जब अपने फेवरेट नवल में ही आंचल पहुंच जाए, एक में लीड के कैरेक्टर पर यह देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि आंचल पहले से ही सब कुछ जानती होगी।
एक अस्पताल वार्ड में एक लड़की बेड पर लेटी हुई थी। उसकी कंडीशन बहुत खराब थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसका शरीर ना होकर सिर्फ एक कंकाल हो, लेकिन उसकी खूबसूरती में कोई कमी नहीं आई थी। क्योंकि वह आज भी उतनी ही खूबसूरत थी, जितनी 3 साल पहले थी। हां, 3 साल हो गए थे। इस लड़की को कोमा में गए हुए 3 साल में उसकी फैमिली ने सब ने अब तो उम्मीद भी छोड़ दी थी, कि कभी कोमा से बाहर आएगी। अचानक उसे लड़की की आंखों की पुतलियां हिलने लगते हैं, और उसके हाथों की उंगलियां। तभी उसे लड़की के पास बैठी हुई नर्स आपका डॉक्टर के पास जाती है, और उसे बुलाकर लाती है। डॉक्टर से चेक करता है, और बाहर आकर, "कैसा है, आपकी बेटी को होश आ रहा है?"
वानखेड़े सारे लोग बहुत खुश हो जाते हैं कि फाइनली 3 साल बाद उनकी बेटी को होश आ रहा था। तभी उसे लड़की की आंखें खुलती हैं। तो उसकी आंखें चंडीहा जाती हैं। वह अपनी आंखें बंद करती है और फिर बोलती है, "तो उसे अपनी आंखों के सामने एक सफेद दीवार दिखाई देती है। वह चारों तरफ नजर घुमा कर देती है, तो वह समझ जाती है कि अस्पताल का वार्ड है। वह अपने मन में सोचती है, "क्या मैं बच गई हूं या मुझे किसी ने बचा लिया है? लेकिन मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि मैं काफी टाइम से सोई हुई थी?"
कमरे में बहुत सारे लोग आते हैं। उन सब को देखकर आंचल कंफ्यूज हो जाती है और सब की तरफ ऐसे देख रही थी जैसे वह सब उसके लिए अष्टमी हों। हां, अजनबी ही तो थे वह सब, उसके लिए क्योंकि आंचल का Rebirth हुआ था।
अपनी बेटी को अपनी तरफ अजनबियों की तरह देख देखने से उसे लड़की के मां-पापा की आंखें नम हो जाती हैं। तभी डॉक्टर कहते हैं, "आप अपना ख्याल रखिए, मिस्टर और मिसेज प्रताप। यह भी बहुत बड़ा मैडिकल है कि आपकी बेटी 3 साल बाद को मन से बाहर आई है। लेकिन उसे थोड़ा टाइम लगेगा क्योंकि कितनी भयानक एक्सीडेंट के बाद वह जिंदा थी। यही सबके लिए बहुत बड़ी बात थी, और धीरे-धीरे इसकी मेमोरी भी वापस आ जाएगी। और नहीं भी आई तो क्या हुआ, वह पुरानी चीजों को पीछे छोड़, अपनी जिंदगी की नई शुरुआत कर सकती है।"
तभी आंचल बेड से उठने की कोशिश करती है। एक लड़का जाकर उसे सहारा देकर खड़ा करता है। आंचल उसे लड़के की तरफ देखती है। तो वह लड़का आंचल के माथे को चुनकर कहता है, "बहुत वक्त लगा दिया, प्रिंसेस। उठने में मुझे नहीं पता था। मेरी प्रिंसेस मुझे इतनी बड़ी सजा देगी, अपने बर्थडे पर ना आने की।" आंचल बहुत गौर से उसे लड़के का चेहरा देख रही थी। लेकिन उसे कुछ भी समझ नहीं आया। तभी वह लड़का आंचल के सिर पर हाथ फेर कर कहता है, "मैं सब बता दूंगा, लेकिन अभी तुम वॉशरूम जाना है ना? चलो, मैं छोड़ कर आता हूं।"
आंचल वॉशरूम में आती है और सीसी के सामने खड़ी हो जाती है। जब वह खुद के चेहरे को देखती हैं, तो चौंक जाती है क्योंकि यह चेहरा उसका तो नहीं था। यह तो किसी बहुत खूबसूरत लड़की का चेहरा था, और वह इतनी सुंदर थी। लेकिन वह इतनी दुबली पतली थी कि ऐसा लग रहा था कि कपड़े उसने नहीं बल्कि कपड़ों में उसे पहना है। तभी उसके दिमाग में बहुत सारी यादें आने लगते हैं। वह कहती है, "यह कैरेक्टर मुझे कुछ जाने-पहचाने से क्यों लग रहे हैं? यह तो मेरा फेवरेट मोबाइल है। मैं मतलब मारकर नवल में जिंदा हूं। ओ माय गॉड!" फिर कहती है, "चलो, अच्छा है, उन धोखेबाजों की दुनिया से तुम्हें बाहर आ गई। लेकिन यहां भी धोखेबाज अपनों के ही बेस में बैठेहैं।"
बाहर आती है तो वह लड़का उसे उठाकर कार्ड पर बिठा देता है और कहता है, "कैसी हो प्रिंस?" आंचल हमें अपनी गर्दन हिला देती है। तभी वह औरत उसके पास आती है और कहती है, "क्या हुआ मेरी बच्ची? ऐसे क्यों देख रही है?" आंचल की तरफ देखती है और कहती है, "मुझे कुछ याद नहीं। क्या आप मुझे बता सकती हैं, मैं कौन हूं और आप लोग कौन हो? क्या आप लोग मुझे अपना इंट्रोडक्शन दे सकतेहो?"
उसे औरत की आंखों में आंसू आ जाते हैं। तभी वह लड़का सामने आता है और कहता है, "तुम यह तुम्हारे पापा हैं, और यह तुम्हारी मां। और मैं तुम्हारा भाई हूं। मेरा नाम सात्विक है। और यह हमारे मम्मी पापा, मिस्टर एंड मिसेज रोहित, और काजल प्रताप हैं। और तुम हमारी गुड़िया हो, हमारी जान, हमारी जिंदगी, हमारा सब कुछ। अक्षरा मेरी छोटी बहन है, मेरी गुड़िया।"