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INDIAN HEAVEN

Ranchhod_Ramsena
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Table of contents

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Chapter 1 - Vic boy

इस कहानी की शरुआत ब्रह्मांड के 7 यूनिवर्स मैसे एक यूनिवर्स के बारेमें बताकर शुरू होती हे , हमे बताया जाता हे कि god of creation ने इस यूनिवर्स में बहुत सारी दुनियाएं बनाई होती है , ओर उनोने cultivation के 5 पाथ भी बनाए हे ।

1) dou qi

2) ॐ

3) immortal

4) demon 👿

5) soul spirit

इनमेसे सबसे powfull ओर कठिन cultivation ॐ की हे । ओर सबसे आसान soul spirit हे । इन सभी cultivation के लेवल नीचे है।

{1} ॐ

१> अन स्टेज (an stage)

२> आन स्टेज (aan stage)

२> लाइफ स्टेज (life stage)

३> लाइट स्टेज (light stage)

४>

५>

6>

७>

८>

९>

१०>

_________________________________________

{2} dou qi

१> Dou Zhi Qi

२> Dou Zhe

३> Dou Shi

४> Da Dou Shi

५> Dou Ling

६> Dou Wang

७> Dou Huang

८> Dou Zong

९> Dou Zun

१०> Dou Sheng

११> Dou Di

_________________________________________

{3} immortal

१> un immortal. [1 to 5 core]

२> immortal realam [1 to 5 core]

३> elight immortal [1 to 5 core]

४> Qi Refinement Stage [1 to 5 core]

५> Building Foundation Stage [1 to 5 core]

६> body transformation [1 to 5 core]

७> Profound Immortal [1 to 9 core]

८> Tribulations True Immortal [1 to 9 core]

९> earth immortal [1 to 9 core]

१०> immortal emperor [1 to 9 core]

_________________________________________

{4} demon 👿

१> half demon. [1 to 10 demon]

२> Peak Demon. [1 to 10 demon]

३>Ultimate Demon. [1 to 10 demon]

४> Profound Demon. [1 to 10 demon]

५> demon saint. [1 to 10 demon]

६> demon foundation. [1 to 10 demon]

७> half ghost. [1 to 10 demon]

८> ghost emperor. [1 to 10 demon]

९> half demon emperor. [1 to 10 demon]

१०> demon emperor. [1 to 10 demon]

_________________________________________

{5} soul spirit

१> soul master

२> spirit master

३> inar stage

४> heaven ki fusion

५> soul transformation

६> marshal soul

७> soul ring

८> soul qi

९>soul si

१०> soul emperor

_________________________________________

अगर कोई इन सभी cultivation को पूरा करता हे तो वो एक नए cultivation में इंटर करता है। जिसे soi (stone of inheritance) कहते हे। ओर फिर उसका लास्ट स्टेज आता हे जिसे gon (godess of nature) कहते हे।

अब कहानिकी शरुआत होती हे , हमे एक टूटा हर दिखाया जाता हे। जिसके इंदर एक मां आपने बच्चे को लोरी सुनकर सुला रही होती हे।

मां : "बेटा तुझे बड़ा होकर इस दुनियाका सबसे पावरफुल इंसान बनाना होगा , "

बेटा मका हाथ पकड़ लेता है। फिर सीन कट होकर दूसरे दिन का आता हे, हमे बताया जाता हे कि वो मां उन्ही की पड़ोसी के गर पर काम करती हे। वैसे तो वह पड़ोसिमे सभी लोग बहुत अच्छे हे मगर उस गर में रह रहे कीर्ति ओर विक्रम उसे बहुत परेशान करते हे। उस गर में टोटल 6 लोग रहते हे, विक्रम ,कीर्ति ओर उनका बेटा नव्य, नव्य के चाचा ओर चाची ओर नव्य की दादी गंगा। उस छोटे बच्चे की मका नाम श्री था। एक दिन श्री गर के कम करते करते बेहोश हो गए , सभी लोग उसे हॉस्पिटल लेकर गए, फिर पता चला कि श्री को कैंसर हे। अब वो ज्यादा दिन नहीं जिपाएंगे, सब लोगो को यह सुन कर बहुत दुख पहुंचा पर दूसरी तरफ कीर्ति ओर विक्रम यह जानकार खुश हो गए कि "चलो इस कम चोर से छुटकारा मिलेगा" सभी लोग उस बच्चे के बारेमें सोच रहे थे, से बच्चे का क्या होगा। तभी कीर्ति ओर विक्रम बोले "इस बच्चे को अब हमे अनाथ आश्रय

में भेज देना चाहिए " तभी श्री बोली "प्लीस मेरे बचे की 6 साल तक देखभाल करना फिर वो उसका ध्यान खुद रख लेगा " यह बात सुनकर कीर्ति ओर विक्रम बहुत गुस्सा हो गए मगर वो कुछ भी नहीं कर सकते थे, क्यों कि दादी ने इस बात के लिए हा कर दी थी। फि सभी लोग रम से बाहर चले जाते हे तभी मां उसे बताती हे कि "बेटा तुझे इस दुनियाको छोड़कर दूसरी दुनियामे जाना होगा जहां पर तू बहुत पवारफुल बन कर हमारे ऊपर जोभी अत्याचार हुऐ हे उसका बदला लेना होगा और कभी भी ये मत सोचना कि में तुमरे साथ नहीं हु में हमेशा तेरे साथ रहूंगी " बस यह बात करते हुए ही श्री के अंदर से उसकी सोल निकल कर बच्चे की अंगूठी में चली गई। फिर सभी लोगों ने श्री की बॉडी को पोस्टमॉटम के लिए हॉस्पिटल में दे दी। फिर सभी लोग घरपे आए और सभी उस बच्चे अच्छी तरह से देखभाल करने लगे । नव्य ओर वीर एक साथ बड़े हुए , मगर नव्य की मां कीर्ति हमेश वीर को डाटती रहती थी , वीर को इससे अच्छा नहीं लगता मगर वो कुछ कर भी नहीं सकता था। चाहे कुछ भी हो वीर हमेशा नव्य का थ्यान रखता था दिन बिताते गए बिताते गए और फिर वीर को इस गर में 6 साल हो चुके हे अब वीर को इस गर को छोड़कर जाना था। इस लिए कीर्ति ओर विक्रम उसे गर से निकाल देते है। दादी भी गर पर नहीं थे इस लिए उनोने ऐसा किया। वीर फिर सड़क पर आगया, वहां पर नव्य ने उसकी मां को पूछा तो उसने बताया कि वो खुदाई गर छोड़कर गया हे , इस लिए हम नहीं रोक सकते । वीर सड़क पर भटक रहा था तभी उसे पीछे से आवाज आई "वीर कहा जा रहे हो " वीर ने देखा कि ये तो उसकी class की फ्रेंड ली है । ली ओर वीर बहुत अच्छे फ्रेंड है। फिर ली वीर को अपने गर पर ले जाती है । ली कभी इस दुनियामे कोई नहीं है बस उसका टूटा गर हे ओर वो दोनों इस गर में ही रहना तय करते है। अब वो दोनों साथ में ही रहले लगे थे। नव्य उसे स्कूल में मिलता था, उसने इसके लिए उससे सोरी भी बोला , ओर वीर ने उसे खुशी से माफ कर दिया। अब ऐसे ही तीनों स्कूल जाते ओर गर पर आकर खेलते । अब समय बीतता गया और तीनों अब 18 साल के हो गए थे। अभी इन तीनों के बीच में गहरी वाली दोस्ती हो गए थी । अगर कोई किथर भी जाए तीनों हमेश साथ में जाते थे । एक दिन तीनों न्यूज देख रहे थे तभी न्यूज़ पर आया कि एक जंगल में इसे हात्से हो रहे हे कि वहां पर जो कोई भी जाता हे वो लौटकर कभी वापस नहीं आता , वो वहां पर हो गुम हो जाता हे । ओर ये जंगल नव्य के गर के सामने वाला ही था , वीर ने नव्य से कहा "ये तो तुमरे घर के सामने वाला जंगल हे ना ? " तभी नव्य बोला "हा" फिर ली बोली "शायद हमे इस भूतिया जंगल में जाना चाहिए आखिर ऐसा तो क्या हे जो वहां पर जाने वाला कोई नहीं आया आया " , वीर बोला "नहीं न्यूज़ में देखा रहा हे इसका मतलब कोई गंभीर बात हो होगी " नव्य बोला "क्यू क्या हुआ डर गया क्या " वीर बोला " अरे नहीं मुझे तुमरी चिंता है , हम वहां पर जाए और तुम वहा पर भूत देखो फिर तुम डार्क मरे बेहोश हो जाओ तो कौन लेकर आएगा तुम " ली " (हंसते हुएं) अच्छा ठीक हे हम वहां पर नहीं जाएंगे " फिर सब लोग अपने गर चले जाते हे । रात को नव्य छुलकेसे ली को फोन करता हे और कहता हे कि " चल वीर तो नहीं आएगा हम दोनों उस जंगल में जाते हे " ली भी हा बोल देती है, फिर दोनों रातको जंगल में जात हे, मगर वीर ली को जाते हुए देख लेता हे और उससे पूछता हे कि " ह ।।।। तुम उस जंगल में जा रहे हो ना " ली बोलती हे "हा" तभी वीर नव्य के बारेमें पूछता हे तो ली बताती हे कि वोतो पहलेसे ही अंदर चला गया हे । यह बात सुनकर वीर थोड़ा गभरा गया। फिर दोनों उस जंगल में पहुंचे उनो ने नव्य को बहुत ढूंढा मगर वो कही भी नहीं मिला । दूसरा दिन हो गया मगर नव्य का कुछ पता नहीं चला , दोनों यह बात सुनकर बहुत दुखी हुए कि उनका एक दोस्त उने छोड़कर चला गया है । ली खुदको इसका दोषी मानती थी मगर वीर समझता हे कि उसमें तेरी कोई गलती नहीं हे । नव्य के सारे रिश्तेदारों वीर को इस सब का दोषी माना वीर ने बहुत समझाया मगर उसकी बात कोई नहीं सुनता। अब इन सारी चीजों से परेशान होकर वीराने यह शहर छोड़ दिया। वीर ओर ली अब इस शहर को छोड़कर कही दूर आगए। काफी सालों बाद वीर ने अपने हाथ में लगी रिंग के बारेमें सोच की " यह रिंग बचपन से मेरी उंगली में हे मगर ये छोटी नहीं हो रही हे आखिर चक्कर क्या हे इस रि जी का । वो यह सोच हो रहा होता हे तभी उसके पास ली आती हे और पूछती हे "क्या सोच रहे हो रिंग को देखकर " वीर बता हे "इस रिंग में कुछ ना कुच खास बात हे । वो ऐसा सोच ही रहा होता हे कि तभी उसकी वो रिंग ग्लो करने लगती हे।