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Chapter 2 - अध्याय - २ (डाक्टर को मिला एक सुराग)

जैसा की अपने पिछले अध्याय मै पढ़ा, किसीने रवि नामके एक लड़के का बड़ी बेरहमी से कतल कर देता है. पुलिस अपनी तैकीकात जारी रखती है. रवि के जिगरी दोस्तों उत्कर्ष, पंकज और अमन थोड़े घबराए हुए रहते है. ऐसा लगता है की कोई राज वह लोग छुपाके रखे हुए है. तोह ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

इंस्पेक्टर - डाक्टर साहब क्या आपने शब की जाँच की?

डाक्टर - हाँ इंस्पेक्टर साहब, मैंने अपनी सारी जाँच और परिक्षण ख़तम कर दिया है.

इंस्पेक्टर - बहत बढ़िया डाक्टर साहब. कोई अच्छी खबर सुनाइए जिससे की मै खुनी को जल्द से जल्द पकड़ सकूँ. ये साले मिडिया वाले नाक मै दम कर रखे है. कैमरा पकड़ कर मेरे बाथरूम मै भी घुस जाते है की मैंने खुनी को अबतक क्यों नहीं पकड़ा.

डाक्टर - मै समझता हूं इंस्पेक्टर साहब. लेकिन मुझे कुछ ज्यादा नहीं पता चला है जिससे आप खुनी को पकड़ सको.

इंस्पेक्टर - अच्छा ठीक है. जो कुछ पता चला कृपया बता दीजिये.

डाक्टर - हाँ. तोह रवि का मौत, ज्यादा खून निकलने की वजह से हुआ है. मतलब जब बोह खुनी ब्लेड से उसके शरीर पर कट लगा रहा था तभी रवि जिन्दा था. बहत तड़पा के मारा है.

इंस्पेक्टर - कैसा दरिंदा है ये खुनी. अच्छा कुछ और पता चला?

डाक्टर - हाँ कट के निसान से पता चलता है की खुनी राइट हंडेड है. और काफ़ी मझबूत भी है. क्यों की कुछ कुछ जगह घाव बहत गहरा है. मतलब बहत ताकत के साथ यह घाव दिया गया है.

इंस्पेक्टर - अच्छा राइट हंडेड है. अच्छा कुछ और?

डाक्टर - हाँ खुनी ने रवि के सारे शरीर के साथ साथ उसके गुप्तांग पर भी कई बार किया है. मगर हमें वहाँ रवि के खून के साथ एक और खून भी मिला है. रवि का खून है O+ve मगर,ये खून है B+ve.

इंस्पेक्टर - मतलब खुनी का खून B+ve है.

डाक्टर - हो सकता है.

इंस्पेक्टर - लेकिन B+ve एक बहत साधारण टाइप है. बहत से लोग मिलेंगे जिनका खून B+ve हो और वह राइट हंडेड हो. इससे मै कैसे किसीको पकड़ पाउँगा.

डाक्टर - हाँ. पर माफ़ करना मुझे और ज्यादा कुछ नहीं पता चला है.

इंस्पेक्टर - चलो छोड़ो डाक्टर. और वह कार्ड? जिसपे R लिखा था. उससे कुछ पता चला कुछ फिंगर प्रिंट या कुछ भी.

डाक्टर - नहीं. खुनी सायद ग्लव्स पहना था. कोई प्रिंट नहीं मिला नाकि कमरे मै कोई पैरों का निशान.

इंस्पेक्टर - अच्छा ठीक है डाक्टर साहब, सुक्रिया ये इन्फर्मसन केलिए. और कुछ पता चले तोह बताएगा.

डाक्टर - हाँ बिकुल सर.

इंस्पेक्टर वापस थाने आजाते है और अपने कमरे मै बैठ के सोचने लगते है.

पांडे - सर कुछ पता चला.

इंस्पेक्टर - हाँ. ये की खुनी राइट हंडेड है और उसका ब्लड ग्रुप B+ve है.

पांडे - बस इतना ही. इससे खुनी को कैसे पकडे?

इंस्पेक्टर - मै भी वही सोच रहा हूँ यार.

तभी इंस्पेक्टर का फ़ोन बजता है. और कॉल कमिश्नर साहब का था.

इंस्पेक्टर - सर नमसते. बताइये सर. क्या आर्डर है सर.

कमिश्नर - अपना नमस्ते रखो अपने पास. जल्द से जल्द खुनी को पकड़ो और ये केस रफा दफा करो.

इंस्पेक्टर - मगर सर कोई ठोस सबूत नहीं है. किसको अरेस्ट करू?

कमिश्नर - मुझे नहीं पता. जल्द से जल्द किसी को अरेस्ट करो नहीतो ठीक नहीं होगा समझें. (कॉल कट करदिया )

इंस्पेक्टर - हाँ सर.. ठीक है.. हलो...हलो.काट दिया. यार पांडे सब सस्पेंक्ट्स को बुलायो उनका खून का जाँच करो. और चाये भेजी यार सर फट रहा है.

पांडे - हाँ सर भेजता हूं.

पांडे सब को थाने बुलाता है. और सबकी खून की जाँच की जाती है. और उन्हें एक एक पैराग्राफ लिखने दिया जाता है.

पंकज - सर ये क्या मज़ाक है? एक तो हमारा दोस्त का खून हो गया है. ऊपर से आप हम पर सक कर रहे है. और ये क्या गाय की आत्मकथा प्रभाब्द लिखने बोल रहे है.

इंस्पेक्टर - अबे साले... देख मेरा दिमाग़ पहले से ख़राब हो रखा है. अगर और गरम करेगा तोह तुझे ही अंदर डालके केस ख़तम करदूंगा समझा. चुप चाप जो बोला जाये बही कर.

पंकज - हाँ सर. गलती हो गया माफ़ करदिजिये.

सब लोगो का ब्लड टेस्ट ख़तम हो गया और रिपोर्ट भी आगया.

इंस्पेक्टर - क्या पता चला कोई है ऐसा आदमी.

पांडे - सर दो आदमी है जिनका खून B+ve है. एक उत्कर्ष और दुशरा मिस्टर वर्मा. मगर वर्मा लेफ्टी है सेर. उत्कर्ष राइट हंडेड है.

इंस्पेक्टर - अच्छा तोह उत्कर्ष अभी हमारा प्राइम टारगेट है. उसे छोड़के बाकि सबको जाने को कहो. और उसे इंटेरोगेशन कमरे मे बुलाओ.

उत्कर्ष - सर मुझे क्यों रखा है यहाँ. बाकि सब को छोड़ दिया पर मुझे नहीं. मैंने कुछ नहीं किया है सर.

इंस्पेक्टर - अच्छा ठीक है. तू तोह अच्छा बच्चा है ना. अब एक बात सच सच बता. तू उस दिन जिस दिन रवि का कतल हुआ. पार्ट से जल्दी निकल गया था ना. ठीक रवि के जाने के कुछ देर बाद. सच बता कहा गया था.

उत्कर्ष - सर मै अपनी घर गया था सीधे. सच कह रहा हूं.

इंस्पेक्टर - अच्छा. जहाँ पार्टी थी वहाँ से तेरा घर २० मिनट का राश्ता है. हमने CCTV चेक किया है बेटा. तू वहाँ से निकला १२ बजके १५ मिनट को. लेकिन घर पहनचा लगभग १. ३० बजे. कहाँ था इतने समय. बोल?

उत्कर्ष - सर मै नशे मै था. गाड़ी थोड़ी धीरे चला रहा था. इसीलिए देर हो होगया.

इंस्पेक्टर - साले तू मुझे चुतिया समझा है क्या. देख सच बता नहीं तो हमें जो सुराग मिलाहै, खुनी राइट हंडेड है और उसका खून B+ve है. और तू बिलकुल फिट बैठता है. तुझे अंदर करके केस बंद करदूंगा समझा.

उत्कर्ष - (रोते हुए ) नहीं सर मै जेल नहीं जाना चाहता. मै सच बता ता हूं. मै उस रात शिवानी से मिलने गया था. वह मेरी गर्लफ्रेंड है सर. वह थोड़ी नाराज थी मुझसे. तोह उसे मानाने गया था. ये लीजिये उसका नम्बर.

इंस्पेक्टर उसका फ़ोन लेकर शिवानी को काल करता है. सिवानी काल नहीं उठाती. मगर तभी कॉल बैक करती है.

शिवानी - हाय बेबी. क्या कर रहे हो.

इंस्पेक्टर - तुम्हारा बेबी इंस्पेक्टर बाबू के सामने बैठा है. और मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.

शिवानी - सरी सर मुझे लगा की उत्कर्ष है. क्या बात करनी है सर बताइये.

इंस्पेक्टर - अच्छा ये बताओ की ६दिन पहले. शनिवार के दिन ये तुम्हारा बेबी तुम्हे कब मिला था आखरी बार.

शिवानी - शनिवार के दिन. उस दिन तोह शाम को हमारी लड़ाई हो गयी थी और मै गुसा होकर घर चली गयी थी. वही आखरी बार मिली थी.

इंस्पेक्टर - अच्छा. तोह यह बात है.

शिवानी - अरे नहीं सर सरी. मुझे याद आया. वह उस रात मुझे मानाने आया था. नशे मै था बड़बड़ कर रहा था.

इंस्पेक्टर - यह कितने बजे की बात है.

शिवानी - सर लगभग १२. ३० के आसपास और १ बजे वह मेरे घर से वापस गया.

इंस्पेक्टर - अच्छा ठीक है. दुबारा काम पड़े तोह कॉल करूँगा ठीक है रखो अभी.

सिबानी - हाँ सर ठीक है.

इंस्पेक्टर - बच गया तू. लेकिन फिलहाल के लिए, अभी जा सकता है. मगर तू अभी भी हमारा प्राइम सस्पेक्ट है समझा.

उत्कर्ष - सुक्रिया सर. (थाने से निकल गया).

पांडे- सर उसे छोड़ दिया?

इंस्पेक्टर - क्या करें पांडे. इसके खिलाफ कोई ठोस सबूत भी नहीं है. और मुझे नहीं लगता की यह बेबी खून किया है.

पांडे - तोह सर अब कमिश्नर सर को क्या जबाब देंगे?

इंस्पेक्टर - देखते है.

उसी रात उत्कर्ष एक बार मै बैठ के दारू पी रहा होता है, और शिवानी भी उसके साथ थी.

शिवानी - बेबी बस ना कितने दारू पियोगे.

उत्कर्ष - तुझे क्या पता. मुझपे क्या बीत रही है. उस इंस्पेक्टर ने हालत ख़राब कर दी थी मेरी. मेरे मुँह से लगभग निकल ही गया था.

सिवानी - क्या निकल गया था? कहीं तुमने तोह नहीं मारा रवि को?

उत्कर्ष - नहीं यार. यह तो वह लड़की की बात है.

सिवनी - लड़की? कौनसी लड़की?

उत्कर्ष - नहीं कोई नहीं. छोड़ो तुम जाने दो.

शिवानी - देखो मुझे सच सच बताओ. कहीं तुम्हारा किसीके साथ चकर तो नहीं चल रहा?

उत्कर्ष - नहीं बेबी. मेरा यकीन करो. मेरा कोई चकर नहीं है.

सिवनी - तोह बताओ कौन लड़की. और क्या उसके बारे मै तुम बोल देते पुलिस को.सच बताओ तुम्हे मेरी कसम.

उत्कर्ष - माफ करना बेबी. पर मै नहीं बता सकता.

सिवनी - क्या? मेरे कसम देने के बाद भी तुम नहीं बताओगे. पका तुम्हारा कोई चकर है. I hate you. मै जा रही हूँ. मेरे पीछे घर पर मत आना वरना मै खुदखुशी कर लुंगी. बाय.

उत्कर्ष - अरे सुनो तो. रुको बेबी. (सिवनी बार से निकल जाती है.) यार तुझे कैसे बताऊंगा की कौन है वह लड़की और हमारा क्या लेने देना है उसके साथ?

उत्कर्ष अर दारू पिता है और बहत नशे मै होता है. वह पार्किंग लट मै आता है और अपनी गाड़ी मै बैठके शिवानी के घर निकलता है. वह जल्द से जल्द पहचने के लिए थोड़ा तेज चला रहा होता है. तभी उसे महसूस होता है की उसका ब्रेक काम नहीं कर रहा. उसका दिमाग़ काम नहीं करता. वह गाड़ी की कण्ट्रोल खो देता है और गाड़ी जाके एक पेड़ से टकराती है. बड़ी मुश्किल से वह कार का दरवाजा खोलके बाहर आता है. और रेंगते हुए एक दुशरे पेड़ के पास जाता है. उसे बहत चोट आयी हुई होती है और उसका पैर टूट चूका होता है. बहत तकलीफ से वह पेड़ के साहरे बैठ ता है. तभी एक आदमी बाइक से आके वहाँ रुकता है. वह आदमी चलते हुए उत्कर्ष के पास आता है वहाँ थोड़ी अंधेरा होता है इसीलिए उत्कर्ष उसका चेहरा नहीं देख पाता.

उत्कर्ष - मेरी मदत करो. प्लीज, कोई मेरी मदत करो मै मरना नहीं चाहता.

आदमी - इसीलिए तो आया हूँ. मै तुझे इस तकलीफ से दूर करने आया हूं उत्कर्ष.

उत्कर्ष - क्या मतलब है इसका. कौन हो तुम.

आदमी - मै कौन हूँ जानके क्या करेगा. तेरा दोस्त रवि वहाँ ऊपर बहत अकेला महसूस कर रहा है. उसने मुझे कहा की मेरे दोस्तों को भेजो. तो मै तेरे पास आगया. तुझे ऊपर भेजनें.

उत्कर्ष - नहीं. कोई बचाओ. कौन हो तुम?

आदमी - चुप. कोई तुझे बचाने नहीं आने वाला. और मैं कौन हूँ? इससे पहले तू ये बता RUPA याद है तुझे?

उत्कर्ष - रूपा.. तू.. तू.. तुम कौन ही??

आदमी - मैं जो भी हूँ. तेरेलिए तोह यमराज हूँ. हा हा हा हा.

वह आदमी रस्सी निकलता है और उस पेड़ पैर उत्कर्ष को बांध देता है. क्या होगा आगे? क्या वह आदमी उत्कर्ष को मार देगा? और कौन है रूपा? क्या पोलिश कुछ कर पायेगी? क्या खुनी पकड़ा जायगा? जानने केलिए पढ़िए मेरा अगला अध्याय.