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Chapter 3 - रुद्र का दर्द।

रात का वक्त: एक आलीशान विला जितना बाहर से सुंदर उससे कई ज्यादा अंदर से सुंदर था उसे विला को देखकर ही लग रहा था कि इसकी कीमत अरबों में है इस वीला के अंदर हाल में सोफे पर दो हैंडसम युवक बैठे थे उन्होंने ऊपर से कुछ नहीं पहना था नीचे केवल लोअर पर थे उनकी पर्सनालिटी किसी को भी अपना दीवाना बना सकती थी वह साक्षात कामदेव लग रहे थे।🥵🥵

वह दोनों कोई और नहीं अद्विक और आदित्य राठौर थे। अद्विक ने आदित्य को देखते हुए बोला क्या जो हम कर रहे हैं सही कर रहे हैं पता नहीं क्यों पर जैसे दिल बेचैन सा है।❤️🖤

कुछ अनहोनी होने का डर हो रहा है क्या हम अपनी बच्ची अपनी जान से डिवोर्स लेकर सही कर रहे हैं? अद्विक की बात सुनकर आदित्य ने एक गहरी सांस छोड़ी और बोला इस वक्त अपने बच्ची के लिए यही सही है ।

वरना तुम जानते हो क्या हो सकता है इस वक्त कोई हम पर चुपके बार कर रहा है और तुम जानते हो उसका निशान हम नहीं हमारी बच्ची है बस एक बार वह पकड़ा जाए उसके बाद हम अपने बच्ची को हमेशा के लिए अपने कैद में रखेंगे अपने पास रखेंगे अपनी नजरों के सामने रखेंगे ऐसा कहते हुए आदित्य की आंखों में चाहत के लिए जुनून पागलपन दीवानगी दिख रही थी।👿😈😈💋❤️🖤

वह एकदम साइको दिख रहा था कोई देखा तो एक बार डर जाता। अद्विक ने आदित्य को देखते हुए बोला तुम सच कह रहे हो हमें अपनी बच्ची को प्रोटेक्ट करना है बस एक बार वह सामने आ जाए तब उसे गिन गिन के बदला लुगा क्योंकि उसकी वजह से मैं अपनी बच्ची को अपने से दूर रह रहा हूं ।👿😡

 

तभी अद्विक को कुछ ख्याल आया उसने आदित्य को देखते हुए बोला कल बच्ची हमसे डायवोर्स लेने वाली है उसका क्या? तो आदित्य ने अद्विक को देखते हुए बोला कल डिवोर्स होगा दुनिया की नजर में और अपनी बच्ची की नजर में बस।।

और उसके आगे तुम जानते हो हम क्या कर सकते हैं इतना कहकर आदित्य के चेहरे पर एक डेवल स्माइल थी 😈😈😈

 

(आदित्य और अद्विक की उम्र 30 साल है और वही चाहत की उम्र 20 साल रुद्र की उम्र भी 30 साल है रिहान की उम्र 29 साल अतुल की उम्र 28 साल और (चुड़ैल की उम्र)मेरा मतलब राही की उम्र भी 20 साल है वैसे राही की भी कुछ सिक्रेट है जो यह आपको आगे पता चलेगा ।) 

ओबेरॉय मेंशन: राही अपने कमरे में किसी से फोन पर बात कर रही थी उसने कहा तुम टेंशन मत लो सब कुछ मैं हैंडल कर लूंगी और और बहुत जल्द ओबेरॉय मेंशन हमारा होगा उसकी प्रॉपर्टी हमारी होगी और मिस्टर राठौर की पत्नी भी बन जाऊंगी बस जितना मैने तुमसे कहा है तुम उतना करो।।

आज रात अपने आदमियों को इस मेंशन में भेज देना बाकी सब मैं संभाल लूंगी इतना कह कर राही ने फोन काट दिया और डेविल स्माइल करने लगी 😈 इस बात से बेखबर की चाहत भी मुस्कुराते हुए उसकी सारी बातें सुन रही थी।,😈

 

(हेलो गाइस मेरी स्टोरी का नाम रिबॉर्न माय वाइफ है। इसलिए मेरे स्टोरी में अद्विक और आदित्य ही हीरो है और कोई नया हीरो नहीं है । चाहत का रिबॉर्न होने से पहले राही अपने प्लान में कामयाब हो गई थी इसलिए अद्विक और आदित्य और चाहत का परिवार उसके खिलाफ हो गया था पर इसका मतलब यह नहीं है कि इन लोगों को सजा नहीं मिलेगी इन्हें भी अपने किए की सजा तो मिलनी चाहिए। )

 

 

 

रात के लगभग 2:00 बजे: राही अपने कमरे से निकल कर चुपके से हाल में आ गई उसने चारों तरफ नजर दौडाई सारी लाइट ऑफ थी एक हल्की सी डीम लाइट जल रही थी हाल में इस वक्त कोई नहीं था एक अजीब सी खामोशी थी रही जल्दी से पीछे के दरवाजे के पास गई और गेट खोल दिया वहां पर लगभग चार-पांच आदमी घर के अंदर आए उन्हें देख कर राही खुश हो गई और बोली तुम्हें पता है ना क्या करना है। उसका कमरा फर्स्ट फ्लोर पर है उसने हाथों से इशारा करके चाहत का कमरा बताया। उन्होंने मुंडी हा में हिलाई और फर्स्ट फ्लोर पर जाने लगे राही ने जब देखा कि वह लोग फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचने वाले हैं तो वह चुपके से अपने कमरे में चली गई और खुश होते हुए बोली अब आएगा मजा ।

 

सुबह का वक्त 6:00 बजे : चाहत की मां जल्दी-जल्दी हाथ में पूजा की थाली लिए मंदिर में जाने लगी वह जैसे ही हाल में पहुंचे एक जोरदार चीख के साथ चिल्लाई आआआआआआ ....

 

 

 

चाहत की मां की आवाज सुनकर सब जल्दी-जल्दी अपने कमरे में से बाहर हाल में आए जब उन्होंने भी हाल का नज़ारा देखा तो उनकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गई सामने चार पांच आदमी हाल में मरे पड़े थे किसी की आंख निकाली थी किसी के पेट फाड़ा गया था तो किसी की सर धड़ से अलग थे। एक बार यह सब देख कर डर गए।।😨😨

 

वही राही भी घबरा गई उसने अपने मन में सोचा यह आदमी तो चाहत के कमरे में जा रहे थे तो फिर यह यहां और भी इस हालत में क्या चाहते इन लोगों को जान से मारा?

उसकी नजर चाहत के ऊपर गई जो बिना भाव के उन लाशों को देख रही थी फिर चाहत को ऐसे लगा जैसे कोई उसे कब से घूर रहा है। चाहत जानती थी यह कौन है इसलिए उसने बिना देखे एक डेबल स्माइल पास करती है 😈 यह ठीक कर राही की आंखें हैरानी से और बड़ी हो गई इसका मतलब यह सब चाहा... इसके आगे उससे कुछ बोलते ही नहीं बन रहा था।

सच कहे तो इस बार राही के दिल में चाहत के लिए थोड़ा डर पैदा हो गया था। तभी रुद्र की नजर एक लाश पर गई जिसके हाथ में कुछ कागज था रुद्र उस लााश के पास गया और उसके हाथों से कागज लिया और उसे पढ़कर उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गई।😳😨

यह देखकर रिहान अतुल बाकी लोग भी रुद्र के पास चले गए केवल चाहत को छोड़कर उन्होंने भी उस कागज को पढ़ा उसमें साफ शब्दों पर लिखा गया था अगली बारी तुम्हारी।।😈😈 

इतना पढ़ते ही राही अंदर ही अंदर घबराने लगी वह आपने आप से ही लड़ रही थी नहीं चाहत कहां पतली दुबली और कहां यह हटे कटे जरूर कोई और होगा आखिर कौन होगा फिर से चाहत की डेविल स्माइल याद आई कहीं चाहत नहीं नहीं..... इसी तरह राही अपनी सोच में गुम थी।

 तभी रिहान बोला गुड़िया गुड़िया राही अपने होश में आई तो रिहान बोला मैं कब से तुम्हे बुला रहा हूं तो सुन क्यों नहीं रही हो ओ...भाई में ओ ओ ... चाहत की मां ने बोला शायद बच्ची डर गई है राही बेटा आप अपने कमरे में जाए इतना सुनते ही राही जल्दी से अपने कमरे में चली गई।

तभी रुद्र की नजर चाहत पर गई जो बिना भाव के उन लासो को देख रही थी रूद्र ने कहा बेटा आप भी कमरे में जाओ चाहत ने कोई जवाब नहीं दिया जैसे उसने सुना ही ना हो तभी रिहान बोला बच्चे आप अपने कमरे में जाएं तभी चाहत उन लोगों की तरफ देख कर बोली मिस्टर ओबेरॉय और मिस्टर जूनियर ओबेरॉय जहां तक मुझे पता है

आपकी गुड़िया अपने कमरे में जा चुकी है तो प्लीज यह दिखावा पन मुझसे ना ही करे तो बेहतर है मैंने अपनी जिंदगी अकेली जीना सीख लिया है आगे भी जी लूंगी यह फिक्र करने का दिखाओ मुझसे ना ही करे तो बेहतर होगा।,🤨

जाई जाकर आप अपनी गुड़िया को देखें । चाहत की आंखों में एक नफरत गुस्सा और दर्द था जो तीनों भाई उसके मां पिता बेखुबी समझ रहे थे ।

इतना कह कर चाहत बाहर चली गई ।।😤😤

चाहत के जाते ही रूद्र धम से फर्श पर बैठ गया रिहान अतुल भी जमे हुए खड़े थे उनकी मां-बाप की आंखों में आंसू था।🥺 तभी रुद्र की आवाज आई हमारी बच्ची हमें अपना भाई नहीं मानती वह हमसे धीरे-धीरे कब इतनी दूर चली गई मैं एक अच्छा भाई साबित नहीं हो पाया इतना कहकर रुद्र के आंखों से आंसू बह निकले वही हाल रेहान और अतुल का भी था।

आखिर क्यों ना रोये रूद्र।। रुद्र ने चाहत को अपनी बेटी की तरह पाला था चाहत पर सबसे ज्यादा अधिकार रूद्र अपना समझता था यहां तक की रूद्र जब चाहत छोटी थी तो मां-बाप तक को भी जल्दी नहीं देता था रुद्र चाहत को अपने दिलो जान से अपनी बेटी मानता था यूं कहें कि रुद्र की जीने की वजह ही चाहत थी। पर आज चाहत के तीनों भाई अंदर से टूटा हुआ महसूस कर रहे थे उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर चाहत उनके साथ ऐसा क्यों कर रही है क्या वह ज्यादा शक्ति बरत गए।? 🥺😰😭

 

(हम जिसे ज्यादा प्यार करते हैं अगर वही हमारा विश्वास भरोसा ना करें तो इंसान अंदर तक टूट जाता है बस यही हाल चाहत का था वह तो विश्वास और भरोसा टूटने के साथ मौत को भी गले लगाया है।)

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मिलते हैं नेक्स्ट चैप्टर में।

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अगले भाग में चाहत और चाहत के दोनों हस्बैंड का थोड़ा सा रोमांटिक भाग पढ़ने वाले हैं। 

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