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Chapter 3 - The Novel Love 3

डॉक्टर के आते ही बेड पे लेट आदमी का इलाज शुरू हुआ बाकी के आदमी सिपाही की तरफ उसके चारो तरफ खड़े हो गए । 

गोली निकालने और पट्टी करने के बाद डॉक्टर चले गए ।

अगली सुबह निशी हंसते मुस्कुराते हुए नीचे आई तो उसने अपने घर में घुस आए लोगो को देखा और बोली –हे कोन हो तुम लोग....और मेरे घर में क्या कर रहे हो....

हम सब माफिया के आदमी है.....एक लड़के ने रोब से जवाब दिया ।

और मैं माफिया बॉस की वाइफ हु समझे.....निशी ने कहा तो सारे लोगो को निगाहे उसकी तरफ मुड़ गई ।

हेड मास्टर आगे आकर बोली – आपने क्या कहा....?आपकी कोन है....

मैं निशी....निशी शिवम रॉय....माफिया किंग .शिवम रॉय की वाइफ....निशी ने गुस्से में कहा ।

सारे सिपाहियो के रिएक्शन....😶😶😶😶हमारे बॉस ने शादी कर ली.....?

विधि आवाज सुनकर किचन से बाहर आई और निशी को पीछे खींचते हुए बोली – माफ कीजिएगा.....इसकी तरफ से हम माफी मांगते है....

अचानक ही हेड मास्टर झुक गए उसने झुकते ही बाकी सारे सिपाही झुक गए –मिसेज रॉय.....माफ कीजिएगा हम आपको पहचान नहीं पाए....हमे माफ कर दीजिए.....

अब रंजित और विधि के रिएक्शन 😶😶😶

निशी ने कुछ नही कहा बस सबको घूरती रही ।हेड मास्टर उठते हुए बोला – मैम ....सर आपको ढूंढने ही आए थे but अभी सर की हालत ठीक नहीं है....उन्हे काफी गंभीर चोट लगी है....

शिवम को चोट लगी है.....निशी परेशानी से बोली – कहा है वो.....?

हेड मास्टर ने रूम की तरफ इशारा किया निशी दौड़ते हुए रूम में गई जहा एक आदमी बेड पे लेटा हुआ था उसका चेहरा थोड़ा पीला लग रहा था ।निशी ने उसके घावों को हल्के से छुआ और उसके चेहरे पर दर्द की तेज लहर दौड़ गई ।

शिवम की ये हालत...?निशी बुदबुदाई 

मैम सर आपको ढूंढने ही यहां आए थे पर कुछ लोगो ने हमे आपके बारे में गलत इंफॉर्मेशन देकर बुलाया और धोखे से बॉस को मारना चाहा – हेड मास्टर कहा और निशी के रिएक्शन का वेट करने लगा ।

आप सब बाहर जा सकते है.....निशी ने कहा तुरंत ही हेड मास्टर ने सबको बाहर जाने का इशारा किया विधि और रणजीत वही खड़े रहे हेड मास्टर ने उन्हें भी निकाल दिया ।

निशी ने शिवम के चेहरे को गौर से देखा उसके धीरे से उसके माथे को सहलाया शिवम का माथा आग की भांति जल रहा था निशी ने जल्दी से ठंडे पानी की पट्टी शिवम के माथे पर रखने लगी और बीच बीच में उसके हाथ और पैर भी सहला देती । शाम को डॉक्टर आए और शिवम का चेक अप करके बोले – मिस्टर रॉय अब काफी हद तक ठीक है.....मेरे हिसाब से इन्हे कल तक होश आ जाना चाहिए.....बस ध्यान रहे इन्हे घाव पानी से न भीग पाए वरना जख्म भरने में और वक्त लगेगा ...

सबने सिर हिलाया निशी ने बिना कुछ खाए पिए पूरे दिन रात शिवम की सेवा की विधि उसे बार बार खाने और थोड़ी देर आराम करने को कहती पर निशी कहा किसी की सुनने वाली थी ।

अगली सुबह 

शिवम रॉय की आंख खुली तो उसने खुद को अनजान जगह पाया वो आहिस्ता से उठा और निशी को देखा जो उसका पकड़ के बैठे बैठे ही सो गई थी ।

शिवम रॉय बस उसे देखता ही रह गया उसकी चेहरे की मासूमियत सुर्ख नाक गुलाबी होठ....और चेहरे पर आती लटे...उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही थी ।शिवम रॉय ने उसके चेहरे से बालो को उसके कानो के पीछे किया । और उठने लगा तभी निशी की नींद खुद गई उसने शिवम की ऐसे देखा तो उसके गले लगते हुए बोली _ तुम्हे होश आ गया हब्बी.....i m so happy....

हब्बी.....? 😶शिवम की भौंहे सिकुड़ गई ।क्या मैं जिसे ढूंढ रहा हु वो ये है.....?

निशी ने उसे अच्छे से देखते हुए कहा _ क्या तुम्हे ज्यादा दर्द हो रहा है...? रुको मैं डॉक्टर की बुलाती हूं....निशी उठते हुए बोली लेकिन अगले ही पल शिवम ने उसे अपनी और खींच लिया और वो उसके सीने से जा लगी । 

निशी उसे गुस्से से देखते हुए बोली – तुम्हे कितनी सारी चोटे आई है....और तुम ऐसी हरकते करके अपने आप को और जख्मी कर रहे हो....

शिवम के चेहरा का तापमान ठंडा रहा उसने निशी के कमर से हाथ हटाया और बाथरूम की तरफ जाने लगा ।

निशी पीछे से बोली – अपने जख्मों को मत भीगा देना.....वरना उन्हे भरने में वक्त लगेगा....

शिवम बिना मुड़े ही बोला – तुम साथ क्यों नही चलती.....

निशी हड़बड़ा कर बोली –नही नही तुम अकेले ही जाओ...और तुरंत कमरे से बाहर भाग गई ।

कुछ देर बाद डॉक्टर ने आकर शिवम को चेक किया और बोले – मिस्टर रॉय की हालत अब बेहतर है फिर भी मैं उन्हें आराम करने की सलाह दूंगा....

डॉक्टर के जाने के बाद निशी कमरे में आई उसके हाथ में एक ट्रे था जैस एक बाउल में सूप रखा हुआ था ।

शिवम की भोंहे तन गई – सूप 😖🍜.....

उसके चहरे के भाव देखकर निशी बोली – ऐसे मुंह बनाने से कुछ नही होगा....चुपचाप सूप पियो.....

मैं नहीं पीने वाला .....शिवम ने चेहरा फेर लिया ।

पियो वरना.....निशी ने उसे आखें दिखाई ।

वरना....शिवम ने आखों से ही सवाल दागा ।

निशी ने एक चमच सूप अपने मुंह में भरा और अपने होठों को शिवम के होठों से जोड़ दिया और सारा सूप शिवम। के मुंह में डाल दिया ।

शिवम की आखें खुली की खुली रह गई । निशी थोड़ी देर बाद उससे दूर हुई पर वो नजरे झुकाए हुए थी उसे शिवम के आखें मिलाने में झिझक हो रही थी ।

शिवम अपने होठों पे हाथ फेरता हुआ बोला – ये तरीका काफी टेस्टी था तुम पूरा सूप मुझे ऐसे ही क्यों नही पिला देती....

हा मतलब नही..... मतलब....मतलब की.....निशी बस अपने में ही बडबडा रही थी ।

शिवम ने उसे अपनी और खींचा और उसके आखों में देखते हुए बोला – मतलब....?

नही कुछ नही....खुद से पी लो ....समझे.....निशी ने उसे फटकारा ।

शिवम ने हा में सिर हिलाकर जवाब दिया _ नही समझा.....

कितने ठीढ़ हो तुम....

वो तो मैं हु....शिवम उसके बालो से खेलते हुए बोला ।

मैं जा रही हु....निशी हड़बडा के उठने लगी तो शिवम उसे फिर से अपने करीब खींचते हुए बोला – अगर मैं पूरा सूप पी लूं तो मुझे इनाम में क्या मिलेगा....?

क्या चाहिए तुम्हे...?निशी ने आखें छोटी करके पूछा ।

एक किस....शिवम ने उसके आखों में देख कर जवाब दिया । 

नही ....बिलकुल नहीं....निशी ने ना में सिर हिलाया ।

शिवम ने मुंह फेर लिया मानो कह रहा हो किस नही तो सूप नही....🙄

कुछ देर बाद निशी बोली _ ok ठीक है....पर पहले सूप पियो....

That's my girl..... शिवम के होठों पर हल्की सी मुस्कान आ गई उसने पूरा सूप एक ही झटके में पी लिया और निशी को खीच के अपने गोद में बिठा लिया उसके उसके होठों को पेसेंटली किस करने लगा निशी भी उसका पूरा साथ दे रही थी ।

जारी है....